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Relief for farmers : राज्य सरकार ने जारी किए लहसुन खरीद के आदेश, केंद्र की स्वीकृति से आधे की ही होगी खरीद

लहसुन के बंपर उत्पादन और इसके बाद गिरते दामों ने किसानों पर संकट ला दिया था. इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने लहसुन को मार्केट इंटरवेंशन स्कीम के तहत लिया और खरीद की स्वीकृति ​दी. हालांकि राज्य सरकार ने एक्शन में आने में समय लगा दिया. ईटीवी भारत ने इस दौरान किसानों से जुड़े इस मामले को प्रमुखता से उठाया. इसके बाद राज्य सरकार ने लहसुन खरीद के आदेश जारी कर दिए (Garlic purchase orders by Rajasthan Government) हैं. लहसुन राजफैड के माध्यम से खरीदा जाएगा.

Garlic purchase orders by Rajasthan Government under MIS scheme
राज्य सरकार ने जारी किए लहसुन खरीद के आदेश, केंद्र की स्वीकृती से आधे की ही होगी खरीद
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Published : Jun 21, 2022, 11:24 PM IST

कोटा. हाड़ौती में लहसुन के बम्पर उत्पादन के चलते गिरे दामों के कारण कुछ दिनों पहले केंद्र सरकार ने लहसुन के लिए मार्केट इंटरवेंशन स्कीम (Market Intervention scheme for garlic) लागू की थी. इसके बावजूद राज्य सरकार किसानों से लहसुन की खरीद नहीं कर रही थी. ईटीवी भारत ने इस मुददे को प्रमुख्ता से उठाया. इसके बाद राज्य सरकार ने मंगलवार को जयपुर में संबंधित विभागों के अधिकारियों की प्रमुख शासन सचिव कृषि दिनेश कुमार की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की. इसमें राजफैड के माध्यम से लहसुन खरीद का निर्णय लिया (Rajfed to purchase garlic under MIS scheme) गया. सरकार ने लहसुन खरीद का मूल्य 2957 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है.

बता दें कि हाड़ौती के किसानों ने इस बार 1,15,000 हेक्टेयर में 6 लाख 80 हजार मीट्रिक टन लहसुन का उत्पादन किया. इस बंपर उत्पादन के चलते मंडी में लहसुन के दाम काफी गिर गए. देश के सबसे बड़े लहसुन विपणन केंद्र, कोटा के सेठ भामाशाह कृषि उपज मंडी में लहसुन एक रुपए किलो तक भी बिका. ज्यादातर लहसुन 8 से लेकर 25 रुपए के बीच बिक रहा है. स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने किसानों की समस्या व उत्पादित लहसुन के बरसात के दौरान खराब होने की संभावना को देखते हुए मुख्यमंत्री के समक्ष किसानों की बात रखी थी. इस पर मुख्यमंत्री के निर्देश पर कृषि, उद्यानिकी, सहकारिता सहित संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक प्रमुख शासन सचिव कृषि की अध्यक्षता में आयोजित की गई.

पढ़ें: मार्केट इंटरवेंशन स्कीम के बावजूद राजस्थान सरकार ने शुरू नहीं की लहसुन की खरीद, किसानों को रोज हो रहा नुकसान

केंद्र की स्वीकृति का आधा भी नहीं खरीदेगा राज्य: राज्य सरकार के जारी आदेशों के अनुसार 46,830 मीट्रिक टन लहसुन की खरीद की जाएगी. जबकि केंद्र सरकार ने 1,06.000 मीट्रिक लहसुन खरीद की स्वीकृति दी थी. राज्य सरकार के जारी किए गए आदेश केंद्र की स्वीकृति के आधे भी नहीं हैं, यह 59170 मीट्रिक टन कम है. इसमें कोटा जिले में 13 हजार 500, कोटा व सांगोद, झालावाड़ में 8830 खानपुर व भवानीमंडी, बारां में 13700 बारां व छीपाबड़ौद, प्रतापगढ़ में 5000, बूंदी में 4000 केशवरायपाटन और जोधपुर में 1800 एमटी जोधपुर खरीद केन्द्र पर लिया जाएगा.

पढ़ें: Kota Mandi Garlic Prices: मंडी में औने पौने दाम पर लहसुन बेच रहे किसान, फिर भी बाजार में कम नहीं हो रहे दाम...समझें गणित!

खरीद के 5 दिन में भुगतान: किसान ऑनलाइन पंजीकरण के बाद खरीद केन्द्र पर निर्धारित दिवस पर अपनी उपज लेकर जाएगा. किसानों को राजफैड खरीद के 5 दिवस में ऑनलाइन बैंक खातों में भुगतान करेगा. खरीद केन्द्रों पर गुणवत्ता एवं मापदंड की जांच में सहयोग के लिए कृषि व उद्यानिकी विभाग के अधिकारी रहेंगे. राजफैड की प्रबंध निदेशक उर्मिला राजोरिया का कहना है कि उन्होंने खरीद के लिए तैयारियां शुरू करने के निर्देश दे दिए हैं. हालांकि एक किसान का कितना लहसुन खरीदा जाएगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है.

कोटा. हाड़ौती में लहसुन के बम्पर उत्पादन के चलते गिरे दामों के कारण कुछ दिनों पहले केंद्र सरकार ने लहसुन के लिए मार्केट इंटरवेंशन स्कीम (Market Intervention scheme for garlic) लागू की थी. इसके बावजूद राज्य सरकार किसानों से लहसुन की खरीद नहीं कर रही थी. ईटीवी भारत ने इस मुददे को प्रमुख्ता से उठाया. इसके बाद राज्य सरकार ने मंगलवार को जयपुर में संबंधित विभागों के अधिकारियों की प्रमुख शासन सचिव कृषि दिनेश कुमार की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की. इसमें राजफैड के माध्यम से लहसुन खरीद का निर्णय लिया (Rajfed to purchase garlic under MIS scheme) गया. सरकार ने लहसुन खरीद का मूल्य 2957 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है.

बता दें कि हाड़ौती के किसानों ने इस बार 1,15,000 हेक्टेयर में 6 लाख 80 हजार मीट्रिक टन लहसुन का उत्पादन किया. इस बंपर उत्पादन के चलते मंडी में लहसुन के दाम काफी गिर गए. देश के सबसे बड़े लहसुन विपणन केंद्र, कोटा के सेठ भामाशाह कृषि उपज मंडी में लहसुन एक रुपए किलो तक भी बिका. ज्यादातर लहसुन 8 से लेकर 25 रुपए के बीच बिक रहा है. स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने किसानों की समस्या व उत्पादित लहसुन के बरसात के दौरान खराब होने की संभावना को देखते हुए मुख्यमंत्री के समक्ष किसानों की बात रखी थी. इस पर मुख्यमंत्री के निर्देश पर कृषि, उद्यानिकी, सहकारिता सहित संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक प्रमुख शासन सचिव कृषि की अध्यक्षता में आयोजित की गई.

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केंद्र की स्वीकृति का आधा भी नहीं खरीदेगा राज्य: राज्य सरकार के जारी आदेशों के अनुसार 46,830 मीट्रिक टन लहसुन की खरीद की जाएगी. जबकि केंद्र सरकार ने 1,06.000 मीट्रिक लहसुन खरीद की स्वीकृति दी थी. राज्य सरकार के जारी किए गए आदेश केंद्र की स्वीकृति के आधे भी नहीं हैं, यह 59170 मीट्रिक टन कम है. इसमें कोटा जिले में 13 हजार 500, कोटा व सांगोद, झालावाड़ में 8830 खानपुर व भवानीमंडी, बारां में 13700 बारां व छीपाबड़ौद, प्रतापगढ़ में 5000, बूंदी में 4000 केशवरायपाटन और जोधपुर में 1800 एमटी जोधपुर खरीद केन्द्र पर लिया जाएगा.

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खरीद के 5 दिन में भुगतान: किसान ऑनलाइन पंजीकरण के बाद खरीद केन्द्र पर निर्धारित दिवस पर अपनी उपज लेकर जाएगा. किसानों को राजफैड खरीद के 5 दिवस में ऑनलाइन बैंक खातों में भुगतान करेगा. खरीद केन्द्रों पर गुणवत्ता एवं मापदंड की जांच में सहयोग के लिए कृषि व उद्यानिकी विभाग के अधिकारी रहेंगे. राजफैड की प्रबंध निदेशक उर्मिला राजोरिया का कहना है कि उन्होंने खरीद के लिए तैयारियां शुरू करने के निर्देश दे दिए हैं. हालांकि एक किसान का कितना लहसुन खरीदा जाएगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है.

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