कोटा. किसानों की समस्या को लेकर पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत भाजपा पदाधिकारियों और सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ सोमवार को जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के कार्यालय पर गए थे, हालांकि चीफ इंजीनियर से उन्हें मुलाकात करनी थी, लेकिन किसी कारण से चीफ इंजीनियर दफ्तर में नहीं थे. ऐसे में यह अधीक्षण अभियंता को ज्ञापन देने गए. इस दौरान कार्यकर्ताओं को पुलिस ने नहीं जाने दिया, केवल चुनिंदा लोगों को ही अंदर प्रवेश दिया.
इस बीच बाहर आए भवानी सिंह राजावत कार्यकर्ताओं पर बिफर गए. उन्होंने कहा कि कायरों की तरह बाहर रुक गए, चंबल का पानी नहीं पीते हो क्या. साथ ही जब कार्यकर्ताओं ने जवाब दिया कि पुलिस अधिकारियों ने उन्हें अंदर नहीं आने दिया और गेट लगा दिया, तब राजावत ज्यादा भड़क गए और अपशब्द तक पुलिस अधिकारियों के लिए कह डाले. इसके बाद उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि गेट लगाने वालों को गेट के अंदर ही बंद कर देंगे.
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'अधिकारियों से कहा- घरों के बिजली कनेक्शन काट देंगे'
दूसरी तरफ किसानों के 5000 से ज्यादा रुपए बकाया होने पर बिजली कनेक्शन काट देना और ट्रांसफार्मर उठाने पर वह अधीक्षण अभियंता वीके अग्रवाल पर भी भड़क गए. साथ ही उन्होंने कहा कि पांच लाख तक कि वीसीआर लोगों की भरी जा रही है. उन्होंने बिजली विभाग के अधिकारियों से कहा कि वह अगर लोगों के बिजली कनेक्शन इसी तरह से काटते रहे, तो वे अधिकारियों के घरों को कनेक्शन भी काट देंगे. साथ ही इन लोगों को दफ्तर में भी नहीं बैठने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि किसान इमानदारी से अपना पैसा चुका देगा, अभी उसकी फसल आई है. अप्रैल में उसके पास पैसा आएगा, तो वह सब का बकाया भुगतान कर देगा. उन्होंने कहा कि तुगलकी फरमान के जरिए चोर और डकैतों जैसा किसानों के साथ व्यवहार किया जा रहा है, उनके घरों पर नोटिस चिपका कर वसूली की जा रही है.
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पटवारियों की हड़ताल से किसानों को हो रही समस्या
पटवारियों की हड़ताल पर भवानी सिंह राजावत ने कहा कि गजब हो गया है. 1 महीने से ज्यादा समय हो गया सरकार विचार ही नहीं कर रही है, जबकि पटवारी अपनी जायज मांगों के लिए आंदोलन कर रहे हैं, उनके आंदोलन की वजह से किसानों को नुकसान हो रहा है, समर्थन मूल्य पर गेहूं, चना और सरसों की फसल को बेचने में परेशानी आ रही है क्योंकि गिरदावरी किसानों के नहीं हो पा रही है. पटवारियों की कमी वैसे ही है उनके पास एक के पास तीन हल्के हैं. ऐसे में हालात दिनों दिन बिगड़ते जा रहे हैं और हड़ताल पर विचार नहीं किया गया या फिर इनसे समझौता नहीं किया, तो आने वाले टाइम में हालात और बिगड़ जाएंगे.