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बेनीवाल के खिलाफ बोलने पर पूर्व मंत्री सिंघवी को मिली जान से मारने धमकी

कोटा में छबड़ा विधायक व पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी को फोन पर धमकी मिली है. इस पर उन्होंने थाने में शिकायत दी है. वहीं, इस मामले में छबड़ा पुलिस पड़ताल में जुटी हुई है.

Pratap Singh Singhvi threatened, former minister Pratap Singh Singhvi's statement
बेनीवाल के खिलाफ बोलने पर पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी को मिली धमकी
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Published : Dec 3, 2020, 10:45 PM IST

कोटा. छबड़ा विधायक व पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी को नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के खिलाफ बयान देने पर जान से मारने की धमकी मिली है. उनके पास गुरुवार को मोबाइल से एक कॉल आया. बात करने वाले ने खुद को बेनीवाल का समर्थक बताते हुए कहा कि उन्होंने उनके नेता के खिलाफ और वसुंधरा राजे के समर्थन में बयान क्यों दिया. यदि फिर से ऐसा किया तो नतीजा अच्छा नहीं होगा.

सिंघवी ने बताया कि इस प्रकार की धमकियों से वे डरने वाले नहीं हैं. वे लगातार सच बोलते रहेंगे. उन्होंने कहा कि हनुमान बेनीवाल और उनके समर्थक इसी प्रकार की गुंडागर्दी के लिए जाने जाते हैं, उनसे ऐसी ही प्रतिक्रिया की उम्मीद की जा सकती है.

गौरतलब है कि बुधवार को प्रताप सिंह सिंघवी के अलावा पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत, प्रह्लाद गुंजल, विद्याशंकर नंदवाना व पूर्व जिला प्रमुख गोविंद सिंह परमार ने हनुमान बेनीवाल की ओर से एनडीए छोड़ने की धमकी पर पलटवार करते हुए कहा था कि वो कल क्या आज ही भाजपा से संबंध तोड़ लें, भाजपा को उनकी जरूरत नहीं है.

पढ़ें- 'लव जिहाद' के खिलाफ कानून बनाने की मांग को लेकर भाजयुमो के अभियान का पूनिया ने किया शुभारंभ

इन नेताओं ने गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को संयुक्त रूप से पत्र लिखकर आग्रह किया कि हनुमान बेनीवाल लगातार पार्टी को लगातार संबंध विच्छेद करने के लिए धमका रहे हैं और पार्टी उनको अभी तक क्यों बर्दाश्त कर रही है, यह समझ में नहीं आ रहा. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बेनीवाल ने कहा कि उनके खिलाफ बयानबाजी कर रहे भाजपा नेताओं की कोई राजनीतिक हैसियत नहीं है. उनका केंद्र में मोदी और शाह से गठबंधन हुआ था.

बेनीवाल को हैसियत नापनी है तो इस्तीफा दें और चुनाव लड़ें: सिंघवी

प्रताप सिंह सिंघवी ने हनुमान बेनीवाल के इस बयान पर कड़ा एतराज जताया है कि उनके खिलाफ बयानबाजी कर रहे भाजपा नेताओं की कोई राजनीतिक हैसियत नहीं है. उन्होंने कहा कि वे छठी बार विधायक बने हैं, 1985 में जब पहली बार विधायक बने थे, तब बेनीवाल महज 13 साल के थे. बेनीवाल को राजनीतिक हैसियत नापने का इतना ही शौक है, तो उन्हें सांसद पद से इस्तीफा देकर अपने बूते नागौर से चुनाव लड़ना चाहिए. वे जिस भाजपा की बदौलत ही आज सांसद हैं और राजस्थान में उसी पार्टी की शीर्ष नेता वसुंधरा राजे के बारे में अनर्गल बातें करते हैं. इन बचकानी हरकतों की वजह से ही उन्हें कोई गंभीरता से नहीं लेता.

कोटा. छबड़ा विधायक व पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी को नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के खिलाफ बयान देने पर जान से मारने की धमकी मिली है. उनके पास गुरुवार को मोबाइल से एक कॉल आया. बात करने वाले ने खुद को बेनीवाल का समर्थक बताते हुए कहा कि उन्होंने उनके नेता के खिलाफ और वसुंधरा राजे के समर्थन में बयान क्यों दिया. यदि फिर से ऐसा किया तो नतीजा अच्छा नहीं होगा.

सिंघवी ने बताया कि इस प्रकार की धमकियों से वे डरने वाले नहीं हैं. वे लगातार सच बोलते रहेंगे. उन्होंने कहा कि हनुमान बेनीवाल और उनके समर्थक इसी प्रकार की गुंडागर्दी के लिए जाने जाते हैं, उनसे ऐसी ही प्रतिक्रिया की उम्मीद की जा सकती है.

गौरतलब है कि बुधवार को प्रताप सिंह सिंघवी के अलावा पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत, प्रह्लाद गुंजल, विद्याशंकर नंदवाना व पूर्व जिला प्रमुख गोविंद सिंह परमार ने हनुमान बेनीवाल की ओर से एनडीए छोड़ने की धमकी पर पलटवार करते हुए कहा था कि वो कल क्या आज ही भाजपा से संबंध तोड़ लें, भाजपा को उनकी जरूरत नहीं है.

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इन नेताओं ने गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को संयुक्त रूप से पत्र लिखकर आग्रह किया कि हनुमान बेनीवाल लगातार पार्टी को लगातार संबंध विच्छेद करने के लिए धमका रहे हैं और पार्टी उनको अभी तक क्यों बर्दाश्त कर रही है, यह समझ में नहीं आ रहा. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बेनीवाल ने कहा कि उनके खिलाफ बयानबाजी कर रहे भाजपा नेताओं की कोई राजनीतिक हैसियत नहीं है. उनका केंद्र में मोदी और शाह से गठबंधन हुआ था.

बेनीवाल को हैसियत नापनी है तो इस्तीफा दें और चुनाव लड़ें: सिंघवी

प्रताप सिंह सिंघवी ने हनुमान बेनीवाल के इस बयान पर कड़ा एतराज जताया है कि उनके खिलाफ बयानबाजी कर रहे भाजपा नेताओं की कोई राजनीतिक हैसियत नहीं है. उन्होंने कहा कि वे छठी बार विधायक बने हैं, 1985 में जब पहली बार विधायक बने थे, तब बेनीवाल महज 13 साल के थे. बेनीवाल को राजनीतिक हैसियत नापने का इतना ही शौक है, तो उन्हें सांसद पद से इस्तीफा देकर अपने बूते नागौर से चुनाव लड़ना चाहिए. वे जिस भाजपा की बदौलत ही आज सांसद हैं और राजस्थान में उसी पार्टी की शीर्ष नेता वसुंधरा राजे के बारे में अनर्गल बातें करते हैं. इन बचकानी हरकतों की वजह से ही उन्हें कोई गंभीरता से नहीं लेता.

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