कोटा. एफएमआरएआई के डिप्टी जनरल सेक्रेटरी संजीव खंडेलवाल ने केंद्र सरकार की दवा नीति पर हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने हर साल 10 फीसदी दाम बढ़ाने की छू दवा कंपनियों (FMRAI Protests Against Drug Price Hike) को दी हुई है. इसका नुकसान आम जनता को हो रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना हाल में दवा कंपनियां अनियंत्रित हो गई और 150 प्रतिशत तक दवाओं के दाम बढ़ा दिए गए हैं.
फेडरेशन ऑफ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन ऑफ इंडिया की तरफ से कोटा में मार्च महीने में राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किया जा रहा है. जिसकी जानकारी देने के लिए उन्होंने मीडिया से बातचीत की इस. दौरान एफएमआरआई के डिप्टी जनरल सेक्रेटरी संजीव खंडेलवाल ने केंद्र सरकार की दवा नीति पर हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र सरकार की नीति से आम जनता को नुकसान हो रहा है. दवा के दाम 150 प्रतिशत बढ़ गए हैं. हम इसका पुरजोर विरोध करते है.
खंडेलवाल ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि दवा को आवश्यक वस्तु माना जाए. दवा को जीएसटी से मुक्त किया जाए साथ ही इनके दामों में कमी की जाए. आदर्श दवा नीति बनाने की मांग भी होने चाहिए. साथ ही ऑनलाइन दवा बिक्री भी रोकने की मांग की है. उनका कहना है कि नए कानून और रेगुलेशन की वजह से आम जनता के जीवन पर असर पड़ रहा है. दवा कंपनियों को ड्रग्स माफिया बताया जा रहा है. दवाओं के दाम मनमाने बढ़ा कर आपदा को अवसर में बदल दिया.
डीपीसीओ में करें बदलाव, जनता को होगा फायदा...
एफएमआरएआई का कहना है कि ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर में केंद्र सरकार को बदलाव की सख्त जरूरत है. यह इस तरह से बनाया जाए कि फैक्ट्री में दवा बनने के बाद में मार्केट में आने तक जितने भी खर्चे हैं, उसे समायोजित कर उसकी दरें तय की जाए. इससे आम जनता को ही सीधा फायदा होगा. जबकि वर्तमान में दवा के बनने से लेकर मार्केट में पहुंचने से कई गुना ज्यादा मुनाफा अभी कंपनियां ले रही हैं.
फेडरेशन ऑफ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन ऑफ इंडिया का कोटा में राष्ट्रीय अधिवेशन मार्च माह में आयोजित होगा. इसमें सीटू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जेएस मजूमदार और देशभक्त ट्रेड यूनियन लीडर भाग लेंगे. इसके अलावा एफएमआरएआई के राष्ट्रीय महामंत्री शांतनु चटर्जी भी कोटा आएंगे.