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ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने और कैटल रन ओवर की घटनाएं रोकने के लिए मथुरा से नागदा तक 560 किमी के ट्रैक पर होगी फेंसिंग - Mukundara Hills Tiger Reserve

वर्तमान में करीब 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चल रही है. इस गति को बढ़ाने के लिए मथुरा से नागदा तक ट्रैक को सुरक्षित कोटा मंडल रेलवे में किया जाएगा. जिसके तहत ट्रैक के दोनों तरफ या तो सुरक्षा दीवार बनाई जाएगी या फिर तारबंदी की जाएगी, ताकि केटल रन की जो घटनाएं होती हैं, वह कम हो सके और इसके चलते जो ट्रेनों की रफ्तार थम जाती है, उस पर भी पाबंदी लगाई जा सके.

mathura nagda ralway track
मथुरा से नागदा तक फेंसिंग
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Published : Jun 1, 2021, 1:04 PM IST

कोटा. दिल्ली-मुंबई रेल लाइन पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से रेल गाड़ी को चलाने की योजना है. इसका ट्रायल भी रेलवे ने शुरू किया है और आगे भी इस तरह के ट्रायल होंगे. हालांकि, इसके लिए रेलवे को सुरक्षा के इंतजाम भी बढ़ाने होंगे, जिसके तहत रेलवे 2664 करोड़ रुपए खर्च करेगा. जिसमें बिना किसी बाधा के 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चल सकेंगी. जिसमें माल और यात्री गाड़ियां भी शामिल होंगी.

इसी संबंध में जानकारी कोटा मंडल रेल प्रबंधक पंकज शर्मा ने वर्चुअल वार्ता के दौरान पत्रकारों को दी. जिसके तहत उन्होंने कहा कि स्टेशनों के आसपास रेलवे ट्रैक के दोनों तरफ सुरक्षा दीवार बनाई जाएगी. वहीं, खुले रेल मार्ग पर सुरक्षा कवच स्थापित किया जाएगा, जिसके तहत तारबंदी की जाएगी. इससे मवेशी ट्रैक पर नहीं आ सकेंगे और दुर्घटना जो मवेशियों से टकराने से होती है, उससे निजात मिलेगी. इसमें 1,311 करोड़ रुपए से ट्रैक के अपडेट करने में भी खर्च किया जाएगा. एक में ट्रैक की फेंसिंग और दीवार निर्माण कार्य भी शामिल है.

पढ़ें : प्रतापगढ़-बांसवाड़ा नेशनल हाईवे पर तीन ट्रकों की भिड़ंत, एक चालक की मौके पर हुई मौत

इस कार्य के अलावा विद्युत संबंधी कार्यों पर भी 874 करोड़ रुपए, सिग्नल एवं टेलीकॉम पर 428 करोड़ और यांत्रिकी विभाग के कार्यों पर 51 करोड़ खर्च होंगे. यह पूरी रफ्तार बढ़ाने की योजना 2024 में पूरी कर ली जाएगी. जिसके तहत मथुरा से नागदा तक फेंसिंग भी शामिल हैं.

मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के वन्य जीव को भी मिलेगी सुरक्षा...

कोटा के दरा इलाके में मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व शुरू हो जाता है, जहां से रेलवे ट्रैक भी इस पूरे रिजर्व एरिया से निकलता है कई बार दुर्घटनाएं भी रेलवे ट्रैक पर हुई हैं. जिनमें बाघ से लेकर तेंदुआ अन्य वन्यजीवों की भी मौत हुई है. अब इस पूरे रेलवे ट्रैक की पेंसिल की जा रही है. ऐसे में वन्यजीवों को सुरक्षा मिलेगी, जो वन्यजीव रेलवे ट्रैक पर आ जाते हैं और उनकी अकारण ही मौत हो जाती है, उस पर भी लगाम लगाई जा सकेगी. जंगल के इलाके में फेंसिंग के लिए लिए कई सालों से मांग वन्य जीव प्रेमी कर रहे थे. उनकी मांग थी कि रेलवे ट्रैक के चलते मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के वन्यजीवों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. इसके तहत पूरे को रेलवे ट्रैक को पैक किया जाए.

आरओबी और अंडरपास बनेंगे...

ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए होने वाले इस कार्य के तहत सड़क सुरक्षा की कार्य भी करवाए जाएंगे. इसके तहत ही 794 करोड़ स्वीकृत किए हुए हैं. इनमें 547 करोड़ की लागत से 19 रेलवे ओवर ब्रिज और 46 लिमिटेड हाइट के सबवे बनाए जाएंगे. साथ ही एक रेलवे अंडरब्रिज का निर्माण भी होगा.

कोटा. दिल्ली-मुंबई रेल लाइन पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से रेल गाड़ी को चलाने की योजना है. इसका ट्रायल भी रेलवे ने शुरू किया है और आगे भी इस तरह के ट्रायल होंगे. हालांकि, इसके लिए रेलवे को सुरक्षा के इंतजाम भी बढ़ाने होंगे, जिसके तहत रेलवे 2664 करोड़ रुपए खर्च करेगा. जिसमें बिना किसी बाधा के 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चल सकेंगी. जिसमें माल और यात्री गाड़ियां भी शामिल होंगी.

इसी संबंध में जानकारी कोटा मंडल रेल प्रबंधक पंकज शर्मा ने वर्चुअल वार्ता के दौरान पत्रकारों को दी. जिसके तहत उन्होंने कहा कि स्टेशनों के आसपास रेलवे ट्रैक के दोनों तरफ सुरक्षा दीवार बनाई जाएगी. वहीं, खुले रेल मार्ग पर सुरक्षा कवच स्थापित किया जाएगा, जिसके तहत तारबंदी की जाएगी. इससे मवेशी ट्रैक पर नहीं आ सकेंगे और दुर्घटना जो मवेशियों से टकराने से होती है, उससे निजात मिलेगी. इसमें 1,311 करोड़ रुपए से ट्रैक के अपडेट करने में भी खर्च किया जाएगा. एक में ट्रैक की फेंसिंग और दीवार निर्माण कार्य भी शामिल है.

पढ़ें : प्रतापगढ़-बांसवाड़ा नेशनल हाईवे पर तीन ट्रकों की भिड़ंत, एक चालक की मौके पर हुई मौत

इस कार्य के अलावा विद्युत संबंधी कार्यों पर भी 874 करोड़ रुपए, सिग्नल एवं टेलीकॉम पर 428 करोड़ और यांत्रिकी विभाग के कार्यों पर 51 करोड़ खर्च होंगे. यह पूरी रफ्तार बढ़ाने की योजना 2024 में पूरी कर ली जाएगी. जिसके तहत मथुरा से नागदा तक फेंसिंग भी शामिल हैं.

मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के वन्य जीव को भी मिलेगी सुरक्षा...

कोटा के दरा इलाके में मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व शुरू हो जाता है, जहां से रेलवे ट्रैक भी इस पूरे रिजर्व एरिया से निकलता है कई बार दुर्घटनाएं भी रेलवे ट्रैक पर हुई हैं. जिनमें बाघ से लेकर तेंदुआ अन्य वन्यजीवों की भी मौत हुई है. अब इस पूरे रेलवे ट्रैक की पेंसिल की जा रही है. ऐसे में वन्यजीवों को सुरक्षा मिलेगी, जो वन्यजीव रेलवे ट्रैक पर आ जाते हैं और उनकी अकारण ही मौत हो जाती है, उस पर भी लगाम लगाई जा सकेगी. जंगल के इलाके में फेंसिंग के लिए लिए कई सालों से मांग वन्य जीव प्रेमी कर रहे थे. उनकी मांग थी कि रेलवे ट्रैक के चलते मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के वन्यजीवों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. इसके तहत पूरे को रेलवे ट्रैक को पैक किया जाए.

आरओबी और अंडरपास बनेंगे...

ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए होने वाले इस कार्य के तहत सड़क सुरक्षा की कार्य भी करवाए जाएंगे. इसके तहत ही 794 करोड़ स्वीकृत किए हुए हैं. इनमें 547 करोड़ की लागत से 19 रेलवे ओवर ब्रिज और 46 लिमिटेड हाइट के सबवे बनाए जाएंगे. साथ ही एक रेलवे अंडरब्रिज का निर्माण भी होगा.

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