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राजनीतिक हाथों में चला गया किसान आंदोलन, लोगों की डिमांड पर ही बने हैं कानून : अर्जुन राम मेघवाल

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Published : Dec 16, 2020, 2:13 PM IST

केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि किसान आंदोलन पॉलिटिकल हाथों में चला गया है. जब लोगों के डिमांड होती है, तभी घोषणा पत्र में उन्हें डाला जाता है.

Arjun Ram Meghwal in kota, farmers movement latest update
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल...

कोटा. केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि किसान आंदोलन पॉलिटिकल हाथों में चला गया है. उन्होंने विपक्षी दल पर भी हमला बोला और कहा कि जिन्होंने अपने घोषणा पत्रों में 33 कानूनों से संबंधित जो वादे किए थे, अब जब मोदी सरकार ने कानून बना दिया है, तो वही लोग इसका विरोध कर रहे हैं. कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में डाला है. डीएमके ने अपने 2016 के घोषणा पत्र में डाला है.

केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि किसान आंदोलन पॉलिटिकल हाथों में चला गया है.

पढ़ें: हरियाणा बॉर्डर पर किसान और पुलिस के बीच विवाद...कंपकंपाती ठंड में भी विरोध-प्रदर्शन जारी

एनसीपी के बड़े नेता शरद पवार ने खुद सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा था. भानु प्रताप कमेटी, हुड्डा और शरद जोशी कमेटी ने सुधार के लिए कहा था. जब लोगों के डिमांड होती है, तभी घोषणा पत्र में उन्हें डाला जाता है. सभी ने दावा किया था कि कृषि कानून लेकर आएंगे. सब्जी ने एपीएमसी व एसेंशियल कमोडिटीज एक्ट समाप्त करेंगे. वहीं, कॉन्ट्रैक्ट फार्मिग को बढ़ावा देंगे, यहीं कानून हमने बनाएं हैं.

पढ़ें: चूरू: दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में आए किसान संगठन, तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग

गैस सिलेंडर के दाम सरकार के नियंत्रण में नहीं

मेघवाल ने गैस के बढ़ते हुए दामों पर भी कहा कि बाजार नियंत्रण का एक विषय है. बीते 2 दिनों से मीडिया में भी चल रहा है. आज जो कैबिनेट की मीटिंग है. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान इसकी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं. ये सरकार के हाथ में नहीं है. फिर भी हम लगातार देख रहे हैं. मंत्री धर्मेंद्र प्रधान इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं. क्या रिलीफ दे सकते हैं, जरूर देंगे.

कोटा. केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि किसान आंदोलन पॉलिटिकल हाथों में चला गया है. उन्होंने विपक्षी दल पर भी हमला बोला और कहा कि जिन्होंने अपने घोषणा पत्रों में 33 कानूनों से संबंधित जो वादे किए थे, अब जब मोदी सरकार ने कानून बना दिया है, तो वही लोग इसका विरोध कर रहे हैं. कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में डाला है. डीएमके ने अपने 2016 के घोषणा पत्र में डाला है.

केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि किसान आंदोलन पॉलिटिकल हाथों में चला गया है.

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एनसीपी के बड़े नेता शरद पवार ने खुद सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा था. भानु प्रताप कमेटी, हुड्डा और शरद जोशी कमेटी ने सुधार के लिए कहा था. जब लोगों के डिमांड होती है, तभी घोषणा पत्र में उन्हें डाला जाता है. सभी ने दावा किया था कि कृषि कानून लेकर आएंगे. सब्जी ने एपीएमसी व एसेंशियल कमोडिटीज एक्ट समाप्त करेंगे. वहीं, कॉन्ट्रैक्ट फार्मिग को बढ़ावा देंगे, यहीं कानून हमने बनाएं हैं.

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गैस सिलेंडर के दाम सरकार के नियंत्रण में नहीं

मेघवाल ने गैस के बढ़ते हुए दामों पर भी कहा कि बाजार नियंत्रण का एक विषय है. बीते 2 दिनों से मीडिया में भी चल रहा है. आज जो कैबिनेट की मीटिंग है. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान इसकी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं. ये सरकार के हाथ में नहीं है. फिर भी हम लगातार देख रहे हैं. मंत्री धर्मेंद्र प्रधान इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं. क्या रिलीफ दे सकते हैं, जरूर देंगे.

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