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SPECIAL: मांग बढ़ी तो बाजार में आए घटिया मेडिकल इक्विपमेंट्स, कोई गलत रीडिंग दे रहा तो कुछ में फीड है फिक्स्ड रिजल्ट

कई मेडिकल इक्विपमेंट्स की शिकायत आई है कि इनमें रीडिंग फिक्स की हुई है. ऐसे में वह तीन से चार अलग-अलग रीडिंग बार बार में बता देता है. साथ ही कुछ प्रोडक्ट के सेंसर अच्छे नहीं हैं. ऐसे में वह पूरी रीडिंग नहीं ले पाता है और गलत रिजल्ट भी दे देते हैं. इससे उपयोग करने वाले व्यक्ति की जान को भी खतरा हो सकता है. देखें पूरी रिपोर्ट...

Fake Medical Equipment, Medical Equipment
बाजार में आए घटिया मेडिकल इक्विपमेंट
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Published : Sep 5, 2020, 8:26 PM IST

कोटा. कोविड-19 के चलते बाजारों में अब मेडिकल इक्विपमेंट की मांग बढ़ गई है. पल्स ऑक्सीमीटर हो या वेपोराइजर, रेस्पिरेट्री मीटर हो या इंफारेड थर्मल स्कैनर और डिजिटल थर्मामीटर सब की मांग अभी बड़ी हुई है. सबसे ज्यादा वर्तमान में पल्स ऑक्सीमीटर की डिमांड है. करीब 800 से लेकर 1000 पल्स ऑक्सीमीटर रोज कोटा की दुकानों पर बिक रहे हैं. हालांकि कोविड-19 के दौर में घटिया क्वालिटी और बेकार सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट भी बाजारों में मिलने लगे हैं, जो कि गलत जानकारी देते हैं, जिससे उपयोग करने वाले व्यक्ति की जान को खतरा हो सकता है.

बाजार में आए घटिया मेडिकल इक्विपमेंट

सर्जिकल आइटम सप्लाई के काम से जुड़े मनीष सोनी का कहना है कि बाजार में अच्छे प्रोडक्ट भी आ रहे हैं. वहीं इनके बारे में बेचने वालों को भी जानकारी नहीं है. साथ ही खरीदने वाले लोग भी सस्ते होने के चलते अज्ञानता में खरीद लेते हैं, जबकि कई मेडिकल इक्विपमेंट्स की शिकायत आई है कि इनमें रीडिंग फिक्स की हुई है. ऐसे में वह तीन से चार अलग-अलग रीडिंग बार बार में बता देता है. साथ ही कुछ प्रोडक्ट के सेंसर अच्छे नहीं हैं. ऐसे में वह पूरी रीडिंग नहीं ले पाता है और गलत रिजल्ट भी दे देते हैं. इससे उपयोग करने वाले व्यक्ति की जान को भी खतरा हो सकता है, क्योंकि पल्स ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन का लेवल मिलता है, अगर उसे सही ऑक्सीजन लेवल की जानकारी नहीं मिलेगी. तो वह अपने आप को ठीक समझता रहेगा और लेवल कम होने पर उसकी जान पर बन आएगी.

Fake Medical Equipment, Medical Equipment
ऑक्सीमीटर

हर जगह मिलने लगे हैं इंस्ट्रूमेंट

सर्जिकल आइटम के व्यापारी अंकित गेरा का कहना है कि अब यह प्रोडक्ट छोटी से लेकर बड़ी दुकानों पर भी मिलने लगे हैं. जिन दुकानदारों को इनके बारे में जानकारी भी नहीं है, वह भी इन्हें बेच रहे हैं. ऐसे में कुछ गलत प्रोडक्ट्स भी बाजार से लोगों के पास पहुंच जाते हैं. बाजार में जिन प्रोडक्टों की मांग बढ़ी है, उनमें श्वास रोग से सम्बंधित उपकरण ही ज्यादा हैं.

पढ़ें- Report: कोरोना सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के साथ हो रही JEE Main परीक्षा, फ्री बस सेवा पर उठे सवाल

अब नहीं हो रही है ब्लैक मार्केटिंग

व्यापारी मनीष सोनी का कहना है कि वेपोराइजर भी घटिया प्लास्टिक वाले बिक्री हो रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अब पल्स ऑक्सीमीटर और वेपोराइजर में ही थोड़ी बहुत ब्लैक मार्केटिंग है. बाकी अन्य आइटम में ब्लैक मार्केटिंग खत्म हो गई है. अब एक्चुअल रेट पर ही माल मिल रहा है. हालांकि अब क्वालिटी का माल कम ही जगह मिल रहा है.

लोग चिंता कर खरीदने लग गए हैं मेडिकल डिवाइस

मेडिकल इंस्ट्रूमेंट के व्यापारी अंकित का कहना है कि पल्स ऑक्सीमीटर या अन्य मेडिकल डिवाइस का उपयोग पहले चिकित्सक की सलाह पर लिया करते थे, लेकिन अब भी हल्की फुल्की बुखार होने पर भी लोगों को चिंता सताने लग जाती है. इसके चलते ऑक्सीजन का लेवल पता करने के लिए पल्स ऑक्सीमीटर खरीद रहे हैं. वर्तमान दिनों में पल्स ऑक्सीमीटर ही ज्यादा सेल हो रहा है. पहले कोटा में कुछ ही दुकानें सर्जिकल आइटम को सप्लाई किया करती थी, लेकिन अब हर मेडिकल व्यवसायी इन्हें बेच रहा है. ऐसे में रोज करीब एक हजार के आसपास पल्स ऑक्सीमीटर कोटा में बिक रहे हैं.

Fake Medical Equipment, Medical Equipment
मेडिकल इक्विपमेंट

पहले 9000 में बिका, अब 1200 में मिल रहा

मेडिकल व्यवसायियों के अनुसार थर्मल स्कैनर की बात की जाए तो कोविड-19 के शुरुआत में मार्च-अप्रैल में इसके लिए काफी मारामारी थी, लोगों ने 9000 रुपये तक भी इसे खरीदा है, लेकिन अब यह आसानी से मिल रहा है. रेट भी काफी कम हो गए हैं, 1200 रुपए में ही यह बाजार में मिल रहा है.

बाजार में नहीं है मेडिकल डिवाइस की शॉर्टेज

मेडिकल इक्विपमेंट्स बेचने वाले पुनीत का कहना है कि मार्केट में अभी माल की कोई शॉर्टेज नहीं है. पहले जब कमी थी, तब ट्रांसपोर्ट के जरिए माल नहीं आ रहा था. तब डिमांड ज्यादा थी और रेट भी ज्यादा थे. अब कई कंपनियों ने बाजार में माल अपना भेजा है. इसके अलावा चाइना से भी काफी माल आया है और वह बिक भी रहा है. इसके चलते अब किसी भी तरह की कोई शॉर्टेज बाजार में नहीं है, जो माल चाहिए वह जरूरत से ज्यादा उपलब्ध है.

पढ़ें- EXCLUSIVE: कोरोना से मौत के आंकड़ों को छुपाने में जुटी सरकार...बीते 4 दिनों में 12 की मौत, सरकार ने बताया सिर्फ 4

डिमांड और सप्लाई का अंतर ठीक रहने से दाम भी अब थोड़े कम हुए हैं. इसके अलावा हर क्वालिटी का माल भी मिलने लगा है. अधिकांश मेडिकल डिवाइसेज को भारत में ही असेंबल किया जाने लगा है.

मेडिकल इंस्ट्रूमेंट बाजार में इन दामों में मिल रहे हैं-

  • पल्स ऑक्सीमीटर - 500 से 2300 रुपये में
  • इंफारेड थर्मल स्कैनर - 1200 से 2800 रुपये में
  • डिजिटल थर्मामीटर - 80 से 200 रुपये में
  • वेपोराइज़र - 200 से 500 रुपये में
  • रेस्पिरेट्री मीटर - 200 से 500 रुपये में

कोटा. कोविड-19 के चलते बाजारों में अब मेडिकल इक्विपमेंट की मांग बढ़ गई है. पल्स ऑक्सीमीटर हो या वेपोराइजर, रेस्पिरेट्री मीटर हो या इंफारेड थर्मल स्कैनर और डिजिटल थर्मामीटर सब की मांग अभी बड़ी हुई है. सबसे ज्यादा वर्तमान में पल्स ऑक्सीमीटर की डिमांड है. करीब 800 से लेकर 1000 पल्स ऑक्सीमीटर रोज कोटा की दुकानों पर बिक रहे हैं. हालांकि कोविड-19 के दौर में घटिया क्वालिटी और बेकार सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट भी बाजारों में मिलने लगे हैं, जो कि गलत जानकारी देते हैं, जिससे उपयोग करने वाले व्यक्ति की जान को खतरा हो सकता है.

बाजार में आए घटिया मेडिकल इक्विपमेंट

सर्जिकल आइटम सप्लाई के काम से जुड़े मनीष सोनी का कहना है कि बाजार में अच्छे प्रोडक्ट भी आ रहे हैं. वहीं इनके बारे में बेचने वालों को भी जानकारी नहीं है. साथ ही खरीदने वाले लोग भी सस्ते होने के चलते अज्ञानता में खरीद लेते हैं, जबकि कई मेडिकल इक्विपमेंट्स की शिकायत आई है कि इनमें रीडिंग फिक्स की हुई है. ऐसे में वह तीन से चार अलग-अलग रीडिंग बार बार में बता देता है. साथ ही कुछ प्रोडक्ट के सेंसर अच्छे नहीं हैं. ऐसे में वह पूरी रीडिंग नहीं ले पाता है और गलत रिजल्ट भी दे देते हैं. इससे उपयोग करने वाले व्यक्ति की जान को भी खतरा हो सकता है, क्योंकि पल्स ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन का लेवल मिलता है, अगर उसे सही ऑक्सीजन लेवल की जानकारी नहीं मिलेगी. तो वह अपने आप को ठीक समझता रहेगा और लेवल कम होने पर उसकी जान पर बन आएगी.

Fake Medical Equipment, Medical Equipment
ऑक्सीमीटर

हर जगह मिलने लगे हैं इंस्ट्रूमेंट

सर्जिकल आइटम के व्यापारी अंकित गेरा का कहना है कि अब यह प्रोडक्ट छोटी से लेकर बड़ी दुकानों पर भी मिलने लगे हैं. जिन दुकानदारों को इनके बारे में जानकारी भी नहीं है, वह भी इन्हें बेच रहे हैं. ऐसे में कुछ गलत प्रोडक्ट्स भी बाजार से लोगों के पास पहुंच जाते हैं. बाजार में जिन प्रोडक्टों की मांग बढ़ी है, उनमें श्वास रोग से सम्बंधित उपकरण ही ज्यादा हैं.

पढ़ें- Report: कोरोना सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के साथ हो रही JEE Main परीक्षा, फ्री बस सेवा पर उठे सवाल

अब नहीं हो रही है ब्लैक मार्केटिंग

व्यापारी मनीष सोनी का कहना है कि वेपोराइजर भी घटिया प्लास्टिक वाले बिक्री हो रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अब पल्स ऑक्सीमीटर और वेपोराइजर में ही थोड़ी बहुत ब्लैक मार्केटिंग है. बाकी अन्य आइटम में ब्लैक मार्केटिंग खत्म हो गई है. अब एक्चुअल रेट पर ही माल मिल रहा है. हालांकि अब क्वालिटी का माल कम ही जगह मिल रहा है.

लोग चिंता कर खरीदने लग गए हैं मेडिकल डिवाइस

मेडिकल इंस्ट्रूमेंट के व्यापारी अंकित का कहना है कि पल्स ऑक्सीमीटर या अन्य मेडिकल डिवाइस का उपयोग पहले चिकित्सक की सलाह पर लिया करते थे, लेकिन अब भी हल्की फुल्की बुखार होने पर भी लोगों को चिंता सताने लग जाती है. इसके चलते ऑक्सीजन का लेवल पता करने के लिए पल्स ऑक्सीमीटर खरीद रहे हैं. वर्तमान दिनों में पल्स ऑक्सीमीटर ही ज्यादा सेल हो रहा है. पहले कोटा में कुछ ही दुकानें सर्जिकल आइटम को सप्लाई किया करती थी, लेकिन अब हर मेडिकल व्यवसायी इन्हें बेच रहा है. ऐसे में रोज करीब एक हजार के आसपास पल्स ऑक्सीमीटर कोटा में बिक रहे हैं.

Fake Medical Equipment, Medical Equipment
मेडिकल इक्विपमेंट

पहले 9000 में बिका, अब 1200 में मिल रहा

मेडिकल व्यवसायियों के अनुसार थर्मल स्कैनर की बात की जाए तो कोविड-19 के शुरुआत में मार्च-अप्रैल में इसके लिए काफी मारामारी थी, लोगों ने 9000 रुपये तक भी इसे खरीदा है, लेकिन अब यह आसानी से मिल रहा है. रेट भी काफी कम हो गए हैं, 1200 रुपए में ही यह बाजार में मिल रहा है.

बाजार में नहीं है मेडिकल डिवाइस की शॉर्टेज

मेडिकल इक्विपमेंट्स बेचने वाले पुनीत का कहना है कि मार्केट में अभी माल की कोई शॉर्टेज नहीं है. पहले जब कमी थी, तब ट्रांसपोर्ट के जरिए माल नहीं आ रहा था. तब डिमांड ज्यादा थी और रेट भी ज्यादा थे. अब कई कंपनियों ने बाजार में माल अपना भेजा है. इसके अलावा चाइना से भी काफी माल आया है और वह बिक भी रहा है. इसके चलते अब किसी भी तरह की कोई शॉर्टेज बाजार में नहीं है, जो माल चाहिए वह जरूरत से ज्यादा उपलब्ध है.

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डिमांड और सप्लाई का अंतर ठीक रहने से दाम भी अब थोड़े कम हुए हैं. इसके अलावा हर क्वालिटी का माल भी मिलने लगा है. अधिकांश मेडिकल डिवाइसेज को भारत में ही असेंबल किया जाने लगा है.

मेडिकल इंस्ट्रूमेंट बाजार में इन दामों में मिल रहे हैं-

  • पल्स ऑक्सीमीटर - 500 से 2300 रुपये में
  • इंफारेड थर्मल स्कैनर - 1200 से 2800 रुपये में
  • डिजिटल थर्मामीटर - 80 से 200 रुपये में
  • वेपोराइज़र - 200 से 500 रुपये में
  • रेस्पिरेट्री मीटर - 200 से 500 रुपये में
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