कोटा. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया कोटा में बुधवार को बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में भाग लेने के लिए पहुंची (BJP working committee meeting in Kota) थी. यहां पर वह सभी उच्च पदाधिकारियों के साथ मंचासीन रही, लेकिन वे पूरी मीटिंग में नहीं रूकीं. राजे सुबह 11:00 बजे बैठक में पहुंची थीं. वे करीब तीन घंटे कार्यक्रम में मौजूद रहीं. इसके बाद बिना संबोधन किए चली गईं.
राजे को बैठक में संबोधन का समय दिया गया था. इसमें उनका विषय चारों राज्यों में ऐतिहासिक विजय और मोदी सरकार की ओर से 10 लाख युवाओं की भर्ती की अग्निपथ भर्ती योजना व प्रधानमंत्री के अभिनंदन को लेकर था. हालांकि वह इससे पहले ही लंच के दौरान कार्यक्रम को छोड़कर चली गईं. उन्होंने संबोधन भी नहीं किया. इससे पहले राजे के साथ मंच पर राज्यसभा सांसद और प्रदेश भाजपा प्रभारी अरुण सिंह, सह प्रभारी भारती बेन सियाल, प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, संगठन मंत्री चंद्रशेखर, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी, अर्जुन राम मेघवाल, राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, राजेंद्र राठौड़ व अलका गुर्जर मौजूद थी.
बीच में जाने की वजह वे ही जानें-कटारिया: इस मसले पर बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच से पूछा गया, तो उन्होंने राजे के किसी भी तरह के संबोधन का प्रस्ताव होने से इनकार कर दिया. जबकि कार्यसमिति की बैठक के लेटर में यह संबोधन प्रस्तावित बताया गया था. इस बारे में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा (Kataria on Raje leaving BJP meeting in Kota) कि राजे कार्यक्रम से चली गई थी और वापस लौट के नहीं आई. बाद वाले सत्र में वे मौजूद नहीं थीं. उनके बीच में जाने की वजह वे ही बता सकती हैं. जब कार्यसमिति और राजे के बारे में सतीश पूनिया से मीडिया ने सवाल किया, तो उन्होंने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया.
कोटा से रात को हुई झालावाड़ रवानाः वसुंधरा राजे बूंदी रोड स्थित निजी रिसोर्ट से 2:30 बजे के बाद कोटा विश्वविद्यालय पहुंची. जहां पर उन्होंने लंच किया. इसके बाद वे कोटा के वल्लभबाड़ी स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यालय सूरज भवन पहुंची. जहां पर काफी देर तक उन्होंने आरएसएस के पदाधिकारियों के साथ मंत्रणा की. इसके बाद वह 7.30 बजे के बाद एमबीएस अस्पताल पहुंची. जहां पर बसोली मोड़ लाठीचार्ज में घायल प्रहलाद गुंजल के समर्थकों से मिली. इन लोगों की कुशलक्षेम पूछने के बाद वह झालावाड़ के लिए करीब रात 8 बजे रवाना हो गई.