कोटा. काला तालाब इलाके में हाल ही में सीवरेज लाइन डालते समय हादसा हुआ था, जिसके चलते दो मजदूरों की मौत हो गई थी. मौका स्थल पर सुरक्षा उपकरणों की अनदेखी की जा रही थी. इसी मामले को लेकर राज्य सरकार ने कार्रवाई करते हुए राजस्थान अर्बन इन्फ्राट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (RUIDP) के कनिष्ठ अभियंता वीरेंद्र अग्रवाल और डिप्टी कंस्ट्रक्शन मैनेजर पंकज पाराशर को निलंबित कर दिया था. हालांकि उसके बाद भी मौके के हालात बदलते नजर नहीं आ रहे हैं.
ईटीवी भारत ने जब रियलिटी चेक किया तो सामने आया कि लगातार हो रहे हादसों से भी आरयूआईडीपी कोई सबक नहीं ले रहा है. मौके पर सुरक्षा के इंतजाम की अनदेखी हो रही है. इक्के दुक्के मजदूरों को छोड़कर किसी के पास भी सुरक्षा उपकरण नहीं है. जिन मजदूरों के पास सुरक्षा उपकरण है, उन्हें वे साइड में रख कर ही काम कर रहे हैं.
मिट्टी को दूर करने के लिए कोई बैरिकेडिंग नहीं- ईटीवी भारत ने देवली अरब रोड पर जाकर जायजा लिया, तब वहां पर एक गहरे सीवर का खुदाई का कार्य जारी था. मिट्टी भी खुदाई की गई जगह के बिल्कुल नजदीक ही थी और वहां मौजूद कार्मिकों ने किसी भी तरह का कोई सुरक्षा उपकरण नहीं पहना था. यहां तक कि उनके पास कैप और सुरक्षा जैकेट भी नहीं था. इसके अलावा मौके पर मजदूरों की सुरक्षा के लिए कोई बैरिकेडिंग भी नहीं की गई थी. ऐसे में अगर मजदूर को नीचे उतारा जाता है और ऊपर से मिट्टी ढह जाए तो उसको रोकने के इंतजाम नहीं थे. मौके पर मौजूद मजदूरों का कहना है कि उन्हें सुरक्षा उपकरण नहीं दिए गए थे.
सड़क से 30 फीट नीचे काम, कोई इंतजाम नहीं- रायपुरा चौराहे से कैथून रोड पर करीब 30 फीट नीचे सीवर लाइन से मिट्टी निकालने का काम चल रहा है. यहां पर सुरक्षा को लेकर चारों तरफ बैरिकेडिंग की हुई है, लेकिन मिट्टी निकालने का काम कर रहे मजदूरों के पास सुरक्षा उपकरण नहीं थे. उनके पास न तो किसी तरह की कोई सेफ्टी बेल्ट था और न ही हेलमेट, सेफ्टी जैकेट और शूज थे. इस दौरान एक बड़े कंटेनर में नीचे से मजदूर मिट्टी भर रहे थे, जिसे मशीन के जरिए बाहर निकाला जा रहा था. ऐसे में अगर मजदूरों पर कंटेनर गिर जाए, उससे बचाव के इंतजाम भी नहीं किए हुए थे.
लगातार हो रहे हैं हादसे, मजदूरों की हो रही मौत- गत 6 जून को काला तालाब इलाके के रंग तालाब में जमीन से करीब 20 फीट नीचे डाली गई सीवरेज लाइन के पाइप से मिट्टी निकालते समय सड़क की मिट्टी गड्ढे में ढह गई. इसमें मिट्टी में दबे दो मजदूरों की उपचार के दौरान मौत हुई थी. जिनमें मध्यप्रदेश के झाबुआ जिला निवासी 34 वर्षीय तौलया और 32 वर्षीय राकेश थे. नगर विकास न्यास की तरफ से बोरखेड़ा इलाके में करवाई जा रही सीवरेज लाइन के कार्य में भी मिट्टी ढहने से 24 सितंबर 2021 को गाजियाबाद निवासी मजदूर दानिश की मौत हो गई थी. इसके पहले काला तालाब इलाके में सीवरेज लाइन के लिए खोदे गए गड्ढे में नवंबर 2020 में 14 वर्षीय मोहित धाकड़ का पैर फिसलने से वह गिर गया और उसकी मौत हो गई थी.
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कार्रवाई के बाद भी नहीं सुधर रहे अधिकारी- आरयूआईडीपी के 645 करोड़ रुपए के सीवरेज लाइन के निर्माण कार्य पूरे शहर भर में चल रहे हैं. इसमें करीब 400 किलोमीटर एरिया में सीवरेज लाइन डाली है जिसमें गली मोहल्ले से लेकर बड़ी-बड़ी सड़क भी शामिल है. जहां से जमीन के 30 फीट नीचे तक भी 10 फीट चौड़े पाइपों को डाला जा रहा है. इनमें हो रहे लगातार हादसों को लेकर अधिकारियों पर कार्रवाई भी हुई है, इसके बावजूद भी सुधार नजर नहीं आ रहा है. काला तालाब इलाके में 2020 में हुए हादसे में कोटा में तैनात तत्कालीन आरयूआईडीपी के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर अशोक जैन, अधिशासी अभियंता अनिल विजयवर्गीय और कनिष्ठ अभियंता कृष्ण मुरारी प्रजापत शामिल थे .
कहीं भी नहीं है प्राथमिक उपचार की सुविधा- निर्माणाधीन साइट पर मजदूरों के पास सेफ्टी हेलमेट, जैकेट, मास्क, बेल्ट, चश्मा और सेफ्टी शूज जरूरी है ताकि हादसे के दौरान उन्हें किसी तरह की चोट नहीं लगे या फिर कोई भी भारी सामान उनके आस-पास गिरे तो वो उस से बच सकें. इसके अलावा निर्माण साइटों पर त्वरित राहत के लिए प्राथमिक उपचार की सुविधा भी होनी चाहिए, लेकिन अधिकांश जगह पर ऐसा होता नजर नहीं आता है. गहरे गड्ढों में काम करते समय सेफ्टी बेल्ट इनके पास होनी चाहिए, ताकि हादसा होने पर तुरंत बाहर निकाला जा सके.
गर्मी से परेशान होकर मजदूर नहीं पहनते सुरक्षा उपकरण- निर्माण में लगी कंपनी डीआरए ग्रुप के प्रोजेक्ट मैनेजर मनोज कुमार सिंह ने कहा कि गहरे सीवर के लिए सुरक्षा का उपाय किया हुआ है. निर्माण साइट पर बैरिकेडिंग और शटरिंग की हुई है. सेफ्टी के लिए जरूरी पर्सनल प्रोटेक्शन किट हेलमेट, सेफ्टी बेल्ट और शूज सभी मजदूरों को दिए हुए हैं. गर्मी के मौसम में वर्क साइट पर मजदूर निकाल कर रख देते हैं. हम अब ज्यादा सुरक्षा के लिए सेफ्टी ऑफिसर की संख्या भी बढ़ा रहे हैं. इसके अलावा अब ओपन ट्रेंचिंग करने की जगह मशीन से ट्रेंच का सुझाव मैनेजमेंट ने दिया है. इससे हमारा खर्चा जरूर बढ़ेगा, लेकिन मजदूरों की सुरक्षा बढ़ जाएगी. हम साइट पर जाकर मजदूरों को सुरक्षा संबंधी जानकारी देते हैं.
साइट का निरीक्षण कर लापरवाही पर करेंगे कार्रवाई- इस मामले पर आरयूआईडीपी के अधीक्षण अभियंता राकेश गर्ग से बात की गई. उन्होंने कहा कि वे कोटा से बाहर जयपुर किसी कार्य से आए हुए हैं. कोटा पहुंचने के बाद पूरी साइटों का निरीक्षण करेंगे और इस तरह की लापरवाही पर उचित कार्रवाई की बात भी उन्होंने कही है. उन्होंने कहा कि मजदूरों की सुरक्षा प्राथमिकता है. दूसरी तरफ जब अधिशासी अभियंता राजेंद्र कुमार शर्मा से सुरक्षा उपकरणों की अनदेखी की बात पर कहा कि इस संबंध में केवल अधीक्षण अभियंता गर्ग ही जवाब दे सकते हैं.