कोटा. जिले के पहले कोरोना वायरस पॉजिटिव और 55 वर्षीय बुजुर्ग की हिस्ट्री लेने पर सामने आया था कि उसे खांसी, जुकाम की शिकायत थी और वह झोलाछाप से उपचार करवाया था. इससे चिकित्सा महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. प्रशासन के निर्देश पर औषध नियंत्रण संगठन की टीम लगातार एक्शन मोड में आ गई है और झोलाछाप क्लीनिकों पर कार्रवाई को अंजाम दे रही हैं.
इन क्लीनिकों पर कार्रवाई
टिपटा, पाटनपोल और चंद्रघटा के कर्फ्यू ग्रस्त इलाके जहां पर कोरोना वायरस से 6 पॉजिटिव मरीज सामने आ चुके हैं. इन एरिया में पहले से चिन्हित प्रशिक्षु आरएएस पार्थवी शर्मा, नायब तहसीलदार विनय चतुर्वेदी, डॉ. अक्षय सक्सेना और डॉ. महेश शर्मा के निर्देशन में अवैध रूप से संचालित हो रहे क्लिनिकों को सीज किया गया है, जिनमें गुड्डू क्लीनिक, निसार अहमद का क्लीनिक, मोहम्मद सदीक अंसारी का क्लीनिक और सूफियाना क्लीनिक शामिल है. कार्रवाई करने वाली टीम में औषधि नियंत्रण संगठन के डीसीओ डॉ. संदीप कैले, रोहिताश नागर, उमेश मुखीजा और निशांत बघेरवाल शामिल थे.
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डीसीओ डॉ. संदीप कैले ने बताया कि शाहरुख क्लीनिक बंद मिला थे. ऐसे में उनके शटर पर रिपोर्ट बनाकर चस्पा की गई है और क्लीनिकों को सील कर दिया है. यह सभी क्लीनिक संचालक सीएमएचओ कार्यालय में उपस्थित होकर दस्तावेज प्रस्तुत करेंगे. साथ ही दस्तावेजों के सही पाए जाने पर ही क्लीनिक का संचालन की अनुमति दी जाएगी, अन्यथा अवैध रूप से क्लीनिकों को संचालित मानते हुए इनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा. इस दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के तंबाकू को-ऑर्डिनेटर अमित शर्मा और लैब टेक्नीशियन यश शर्मा भी कार्रवाई में शामिल रहें.