कोटा. राजस्थान प्रशासनिक सेवा भर्ती-2018 के साक्षात्कार में अंकों को लेकर उठे विवाद ने अब एक नई बहस छेड़ दी है. रामगंजमंडी विधायक मदन दिलावर ने इस मामले में गोविंद सिंह डोटासरा पर निशाना साधा है.
दिलावर ने कहा कि गोविंद सिंह डोटासरा ने RPSC के भ्रष्ट अधिकारियों पर दबाव डालकर अपने रिश्तेदारों को RAS अधिकारी बनवाया है. इस पूरे साक्षात्कार में काफी बड़ा घोटाला और गड़बड़झाला हुआ है. यह सब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हस्तक्षेप के बिना नहीं हो सकता है. ऐसे में सीएम गहलोत और गोविंद सिंह डोटासरा को इस्तीफा देना चाहिए.
मदन दिलावर ने कहा कि आरपीएससी के चेयरमैन डॉ. भूपेंद्र यादव और सभी सदस्यों का भी इस्तीफा लेना चाहिए. इसके बाद दोबारा गोविंद सिंह डोटासरा के रिश्तेदारों का साक्षात्कार होना चाहिए. दिलावर ने कहा कि भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने के लिए ही ऐसे लोगों को अच्छे अंक दिलाकर उन्हें अधिकारी बनाया जा रहा है.
दिलावर ने बयान जारी करते हुए कहा कि राजस्थान प्रशासनिक अधिकारियों की भर्ती में बहुत बड़ा चमत्कार हुआ है. गोविंद सिंह डोटासरा के पुत्रवधू के भाई और बहनों के साक्षात्कार में 80 फीसदी अंक आए हैं, जबकि उनके थ्योरी में बहुत कम नंबर है. दोनों का चयन हो गया है, लेकिन इनसे ज्यादा थ्योरी में नंबर लाने वाले अभ्यर्थी का चयन नहीं हुआ है क्योंकि उनके साक्षात्कार में कम नंबर दिए गए हैं. ऐसा चमत्कार पहली बार हुआ है.
विधायक ने कहा कि आरएएस अधिकारी बनने के लिए जो वर्तमान में योग्यता होनी चाहिए, वह कांग्रेस के अध्यक्ष की पुत्रवधू के रिश्तेदार को होना जरूरी है. फिर तो कितने भी कम नंबर आते हैं तब भी वे RAS अधिकारी जरूर बनेगा.
दिलावर ने आशंका जताते हुए कहा कि मुझे लगता है कि इसके पीछे बहुत बड़ा घोटाला हुआ है. कुछ दिन पहले RPSC का एक लेखा अधिकारी रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था. डोटासरा ने रिश्वत तो नहीं ली होगी क्योंकि सरकार उनकी है, लेकिन लेने वालों पर दबाव बनाया होगा. तुम चाहे किसी से भी रिश्वत लेलो, कोई कार्रवाई नहीं होगी. लेकिन, मेरे रिश्तेदारों को नंबर देना ही होगा और मैं कहूंगा इतने नंबर देने होंगे.
मदन दिलावर ने कहा कि यह काफी गंभीर मामला है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हस्तक्षेप के बिना नहीं हो सकता है. उन्होने कहा कि उनकी सहमति और दबाव के बिना नहीं हो सकता है. अगर थोड़ी भी नैतिकता बची है और आरपीएससी की इज्जत को बचाना है तो सीएम गहलोत को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए. साथ ही गोविंद सिंह डोटासरा से भी इस्तीफा लेना चाहइए.
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साथ ही वर्तमान RPSC के जितने सदस्य हैं और चेयरमैन हैं, उनका इस्तीफा दिलाया जाए. इसके बाद निष्पक्ष तरीके से चेयरमैन और सदस्य नियुक्त किए जाएं तो पूरे प्रकरण का पर्दाफाश होगा. दिलावर ने कहा कि नए अध्यक्ष और सदस्य घोषित होने के बाद डोटासरा के रिश्तेदारों का साक्षात्कार दोबारा हो ताकि पता चल सके कि वे कितने विद्वान व बुद्धिमान हैं.