कोटा. शहर भर में श्रावण मास के तीसरे सोमवार को सोमवती अमावस्या मनाया गया. वहीं लॉकडाउन के कारण शहर के तमाम मंदिर के कपाट बंद रहे. बावजूद इसके भगवान के प्रति भक्तों की आस्था कम नहीं हुई. मंदिरों के बाहर से ही श्रद्धालुओं ने भगवान भोले से मन की मुरादें पूरी करने की कामना की. साथ ही भगवान भोले के दर पर भक्तों ने आकर धोक लगाई और वैश्विक महामारी कोरोनावायरस से जल्द मुक्ति की कामना की.
श्रावण महीने के तीसरे सोमवार और सोमवती अमावस्या के होने के कारण शहर भर के मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहा. शहर के रावतभाटा रोड स्थित चंबल किनारे प्राचीन भीतरिया कुंड महादेव मंदिर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. हालांकि मंदिर के कपाट बंद होने के कारण भक्तों ने बाहर से पुजारियों को पूजा सामग्री सौंपकर भगवान का आशीर्वाद लिया. यहां पर बड़ी संख्या में महिलाएं और कन्याएं पहुंची. जिन्होंने बैठकर भगवान भोले और मां पार्वती की पूजा कर सोमवती अमावस्या कहानी सुनी.
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वहीं, शहर की महिलाओं ने अपने सुहाग की दीर्घायु होने की कामना की. साथ ही कन्याओं ने भी अच्छे वर की कामना की. भगवान भोले के शिवलिंग पर पूजा अर्चना करते हुए भक्तों ने दूध का जल का पंचामृत का अभिषेक किया. फूल बिल पत्र आदि अर्पित किए. साथ ही हरियाली अमावस्या होने पर शहर के बाग बगीचों में भी महिलाएं पहुंची. महिलाएं लहरिया परिधान में नजर आई. कई महिलाओं ने उपवास भी रखा. शहर के अन्य मंदिर के थेकड़ा शिवपुरी धाम, नीलकंठ महादेव, टीलेश्वर महादेव, कर्णेश्वर महादेव, कंसुआ महादेव मंदिरों पर भी भक्तों पहुंचे और भगवान भोले का आशीर्वाद लिया.