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वीएमओयू के दीक्षांत समारोह में वर्चुअल तरीके से प्रदान की गईं डिग्रियां

वर्धमान महावीर ओपन विश्वविद्यालय कोटा का 13वां दीक्षांत समारोह गुरुवार को वर्चुअल तरीके से कृषि विश्वविद्यालय के परिसर में आयोजित हुआ. जिसमें जयपुर राजभवन से राज्यपाल कलराज मिश्र भी जुड़े. समारोह में दिसंबर 2018 और जून 2019 की परीक्षाओं की उपाधियों के अलावा अगस्त 2019 से जुलाई 2020 तक की पीएचडी की उपाधियां प्रदान की गईं.

Convocation at VMOU, Convocation in Kota Agricultural School
वीएमओयू के दीक्षांत समारोह में वर्चुअल तरीके से प्रदान की गईं डिग्रियां
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Published : Jan 21, 2021, 8:06 PM IST

कोटा. वर्धमान महावीर ओपन विश्वविद्यालय कोटा का 13वां दीक्षांत समारोह गुरुवार को वर्चुअल तरीके से कृषि विश्वविद्यालय के परिसर में आयोजित हुआ. जिसमें जयपुर राजभवन से राज्यपाल कलराज मिश्र भी जुड़े. इसके साथ ही भारतीय विश्वविद्यालय संघ की महासचिव डॉ. पंकज मित्तल बतौर मुख्य मुख्य अतिथि कार्यक्रम में वर्चुअल तरीके से जुड़ी. समारोह की अध्यक्षता कुलपति प्रो. आरएल गोदारा ने की.

वीएमओयू के दीक्षांत समारोह में वर्चुअल तरीके से प्रदान की गईं डिग्रियां

समारोह में कुलाधिपति व राज्यपाल कलराज मिश्र ने संबोधित करते हुए कहा कि छात्रों की समस्याओं को ऑनलाइन तो समाधान उपलब्ध कराया जा रहा है, लेकिन हर समस्या के बिंदु का समाधान स्टडी सेंटर पर ही जाकर हो, इससे उसे किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए. इसी तरह से मुख्य अतिथि डॉ. पंकज मित्तल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को किस तरह से लागू किया जाए, इस पर अपना वक्तव्य दिया. शिक्षा नीति को उन्होंने विद्यार्थी को केंद्र में रखकर बनाई हुई बताया है.

31077 विद्यार्थियों को सौंपी उपाधि

समारोह में दिसंबर 2018 और जून 2019 की परीक्षाओं की उपाधियों के अलावा अगस्त 2019 से जुलाई 2020 तक की पीएचडी की उपाधियां प्रदान की गईं. इनमें पीएचडी की तीन डिग्रियां, स्नातकोत्तर की 18,866, स्नातक कार्यक्रम की 8,871, पीजी डिप्लोमा की 1,307 व डिप्लोमा कार्यक्रमों की 2,030 उपाधियां शामिल हैं. दोनों परीक्षाओं को मिलाकर कुल 31,077 उपाधियों का वितरण किया गया. सभी उपाधियों में सुरक्षा के फीचर्स भी समाहित किए गए हैं, जिससे उनका कोई भी दुरुपयोग न कर सके.

पढ़ें- ट्रैफिक इंचार्ज सोनचंद वर्माः जयपुर की सड़कों पर भटकते भारत के भविष्य को निखारने में लगे हैं...

वहीं 69 टॉपर विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक भी वर्चुअल माध्यम से प्रदान किए गए. दो विद्यार्थियों को कुलाधिपति पदक भी प्रदान किए गए. साथ ही 3 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि से नवाजा गया. इनमें भावना कुमावत को वाणिज्य, राहुल देव को अर्थशास्त्र व सुमेधा त्यागी को प्रबंध विषय में पीएचडी की उपाधि दी गई. दिसंबर 2018 में एमकॉम की परीक्षा में टॉपर विद्यार्थी मोनिका पांडेय और जून 2019 की एमएलआईएस की परीक्षा की टॉपर मोनिका सोनी को कुलाधिपति स्वर्ण पदक प्रदान किया गया.

मीनू और जनक को विशेष पदक

दिसंबर 2018 में बैचलर ऑफ जर्नलिज्म परीक्षा की टॉपर मीनू नागपाल व जून 2019 की बैचलर ऑफ जर्नलिज्म परीक्षा के टॉपर जनक सिंह मीणा को करुणा शंकर त्रिपाठी मेमोरियल स्वर्ण पदक प्रदान किया गया. इसी तरह दिसंबर 2018 की पीजीडीएलएल परीक्षा के टॉपर ओम प्रकाश सैन व जून 2019 की पीजीडीएलएल परीक्षा के टॉपर दीपक पालीवाल को पंडित लक्ष्मी नारायण जोशी स्वर्ण पदक प्रदान किए गए.

कोटा. वर्धमान महावीर ओपन विश्वविद्यालय कोटा का 13वां दीक्षांत समारोह गुरुवार को वर्चुअल तरीके से कृषि विश्वविद्यालय के परिसर में आयोजित हुआ. जिसमें जयपुर राजभवन से राज्यपाल कलराज मिश्र भी जुड़े. इसके साथ ही भारतीय विश्वविद्यालय संघ की महासचिव डॉ. पंकज मित्तल बतौर मुख्य मुख्य अतिथि कार्यक्रम में वर्चुअल तरीके से जुड़ी. समारोह की अध्यक्षता कुलपति प्रो. आरएल गोदारा ने की.

वीएमओयू के दीक्षांत समारोह में वर्चुअल तरीके से प्रदान की गईं डिग्रियां

समारोह में कुलाधिपति व राज्यपाल कलराज मिश्र ने संबोधित करते हुए कहा कि छात्रों की समस्याओं को ऑनलाइन तो समाधान उपलब्ध कराया जा रहा है, लेकिन हर समस्या के बिंदु का समाधान स्टडी सेंटर पर ही जाकर हो, इससे उसे किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए. इसी तरह से मुख्य अतिथि डॉ. पंकज मित्तल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को किस तरह से लागू किया जाए, इस पर अपना वक्तव्य दिया. शिक्षा नीति को उन्होंने विद्यार्थी को केंद्र में रखकर बनाई हुई बताया है.

31077 विद्यार्थियों को सौंपी उपाधि

समारोह में दिसंबर 2018 और जून 2019 की परीक्षाओं की उपाधियों के अलावा अगस्त 2019 से जुलाई 2020 तक की पीएचडी की उपाधियां प्रदान की गईं. इनमें पीएचडी की तीन डिग्रियां, स्नातकोत्तर की 18,866, स्नातक कार्यक्रम की 8,871, पीजी डिप्लोमा की 1,307 व डिप्लोमा कार्यक्रमों की 2,030 उपाधियां शामिल हैं. दोनों परीक्षाओं को मिलाकर कुल 31,077 उपाधियों का वितरण किया गया. सभी उपाधियों में सुरक्षा के फीचर्स भी समाहित किए गए हैं, जिससे उनका कोई भी दुरुपयोग न कर सके.

पढ़ें- ट्रैफिक इंचार्ज सोनचंद वर्माः जयपुर की सड़कों पर भटकते भारत के भविष्य को निखारने में लगे हैं...

वहीं 69 टॉपर विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक भी वर्चुअल माध्यम से प्रदान किए गए. दो विद्यार्थियों को कुलाधिपति पदक भी प्रदान किए गए. साथ ही 3 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि से नवाजा गया. इनमें भावना कुमावत को वाणिज्य, राहुल देव को अर्थशास्त्र व सुमेधा त्यागी को प्रबंध विषय में पीएचडी की उपाधि दी गई. दिसंबर 2018 में एमकॉम की परीक्षा में टॉपर विद्यार्थी मोनिका पांडेय और जून 2019 की एमएलआईएस की परीक्षा की टॉपर मोनिका सोनी को कुलाधिपति स्वर्ण पदक प्रदान किया गया.

मीनू और जनक को विशेष पदक

दिसंबर 2018 में बैचलर ऑफ जर्नलिज्म परीक्षा की टॉपर मीनू नागपाल व जून 2019 की बैचलर ऑफ जर्नलिज्म परीक्षा के टॉपर जनक सिंह मीणा को करुणा शंकर त्रिपाठी मेमोरियल स्वर्ण पदक प्रदान किया गया. इसी तरह दिसंबर 2018 की पीजीडीएलएल परीक्षा के टॉपर ओम प्रकाश सैन व जून 2019 की पीजीडीएलएल परीक्षा के टॉपर दीपक पालीवाल को पंडित लक्ष्मी नारायण जोशी स्वर्ण पदक प्रदान किए गए.

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