कोटा. कुन्हाड़ी इलाके में नाली निर्माण के लिए खुदाई करते समय करंट की चपेट में आने से एक मजदूर की मौत हो गई (Labour died during drainage work in Kota) थी. इसी को लेकर गुरुवार को एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी के बाहर जमकर हंगामा हुआ. करीब 6 घंटे तक चले हंगामे के बाद सहमति बनी है और मुआवजे के रूप में मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपए दिए जाएंगे. यह राशि यूआईटी के संवेदक और निजी बिजली कंपनी केईडीएल मिलकर देगी.
मामले के अनुसार कुन्हाड़ी इलाके में अंबेडकर कॉलोनी में नाली निर्माण का चल रहा था. इसी दौरान महेंद्र पहाड़िया नाम के मजदूर की करंट लगने से मौत हो गई. देर रात उसके शव को एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया था. गुरुवार को उसका पोस्टमार्टम होना था, लेकिन मजदूर के परिजनों और उसके अन्य साथियों ने शव उठाने से मना कर दिया. ऐसे में पोस्टमार्टम की प्रक्रिया भी नहीं शुरू हो पाई. यह लोग मोर्चरी के बाहर ही धरना देकर बैठ गए. एहतियातन तीन थानों की पुलिस और पुलिस उपाधीक्षक मौके पर मौजूद रहे.
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मजदूर के परिजन ने बिजली कंपनी कोटा इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (केईडीएल) पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी कर रहे थे. इसके साथ ही गिरफ्तारी की मांग भी उठाई थी. हंगामा सुबह 9 बजे से शुरू हुआ था. करीब 6 घंटे तक चले इस हंगामे के बाद आखिर 10 लाख रुपए मुआवजे पर सहमति बनी. यह मुआवजा राशि केईडीएल व संवेदक देगा. इस मामले में कुन्हाड़ी थाना पुलिस को परिजनों ने युवक की मौत के बाद केईडीएल के खिलाफ पोल नहीं हटाने और ठेकेदार के खिलाफ सेफ्टी उपकरण उपलब्ध नहीं करवाने की शिकायत हुई थी. जिसमें केईडीएल और काम करवा रहे ठेकेदार के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया है.