ETV Bharat / city

पीएफआई की कोटा में रैली पर हुआ था विवाद, पुख्ता सबूत जुटाने के बाद NIA ने मारे छापे - Rajasthan hindi news

पीएफआई के कई ठिकानों पर एनआईए ने पूरी प्लानिंग के साथ सारे सबूत जूटाकर छापेमारी (NIA raids on PFI basses) की कार्रवाई की है. पीएफआई की बीते फरवरी माह में कोटा में भी रैली हुई थी जिसमें विवाद भी हो गया था.

controversy over PFI rally held in Kota
controversy over PFI rally held in Kota
author img

By

Published : Sep 22, 2022, 5:24 PM IST

कोटा. देशभर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के दफ्तरों और पदाधिकारियों के निवास पर आज नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) छापेमारी कर रही है. इसमें 100 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हुई है. कोटा के सांगोद निवासी पीएफआई के राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष आसिफ मिर्जा को केरल के कोझीकोड से गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा सांगोद स्थित उनके घर पर भी दबिश दी गई है.

कोटा के विज्ञान नगर स्थित एक मकान पर भी एनआईए ने दबिश दी है, जहां पर 10 साल पहले आसिफ मिर्जा रहा करता था. इसके साथ ही बारां में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडियान (SDPI) के प्रदेश सचिव सादिक सर्राफ को भी टीम ने गिरफ्तार किया है. हालांकि इसी साल 17 फरवरी को कोटा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का एक बड़ा सम्मेलन आयोजित किया गया था (controversy over PFI rally held in Kota) जिसे लेकर विवाद भी हुआ था. इस सम्मेलन के दौरान ही कोटा में एक यूनिटी मार्च (PFI took out unity march in Kota) निकाला गा था. इसमें पीएफआई से जुड़े सैकड़ों लोग शामिल हुए. इस दौरान पीएफआई संगठन के पदाधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए केंद्र सरकार पर कई आरोप भी लगाए.

पढ़ें. PFI Rally in Kota : रैली को अनुमति देने के मामले में भड़की भाजपा, पूनिया ने गहलोत सरकार पर लगाया आरोप

रैली के आयोजन में लाखों रुपए भी खर्च हुए थे जिसमें पूर्व राज्यसभा सांसद उबैदुल्लाह आजमी, अजमेर दरगाह के खादिम सैयद सरवर चिश्ती गद्दीनशीन और नेशनल वाइस प्रेसिडेंट मोहम्मद शफी थे. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को कोटा में रैली (PFI Rally in Kota) की अनुमति दिए जाने के मामले में सियासत भड़क गई थी. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने इस मामले में प्रदेश सरकार पर वोट बैंक की राजनीति करने और तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए पीएफआई जैसी संस्थाओं को प्रतिबंधित करने की मांग की थी. पूनिया ने कहा था कि आज देश में हिजाब के अलावा और भी कई मुद्दे हैं, लेकिन पीएफआई का मकसद ही अशांति फैलाना है.

पढ़ें. राजस्थान में PFI संगठन के 5 ठिकानों पर NIA की छापेमारी, 2 गिरफ्तार

पूरी जानकारी जुटाने के बाद की गई कार्रवाई
एनआईए ने एसडीपीआई और पीएफआई से जुड़े लोगों के खिलाफ पूरी जानकारी और तथ्य जुटा लिए थे. जैसे वह कहां रहते हैं, उनके मोबाइल नंबर, परिजन, रिश्तेदार और किन लोगों से वे संपर्क में है. एसडीपीआई और पीएफआई के दफ्तर किस जगह पर हैं. बीते कुछ सालों से वे कहां-कहां पर रहे हैं. पीएफआई और एसडीपीआई संगठन में जुड़े लोगों के नाम और उनके पते सहित पूरी जानकारी भी एनआईए के पास है. यहां तक कि पदाधिकारियों की पत्नी और ससुराल कहां पर है, यह तक जानकारी एनआईए टीम के पास थी. इनके फोटोग्राफ्स पहले ही टीम के पास मौजूद थे. उन्हीं की लोकेशन के आधार पर टीम मौके पर पहुंची है जिससे साफ है कि एनआईए ने गुप्त सूचना कोटा व बारां आकर एकत्रित की थी. इसके बाद ही बिल्कुल सही ठिकानों पर दबिश दी है.

पढ़ें. जयपुर: PFI कार्यकर्ताओं ने UP सरकार और पुलिस के खिलाफ किया प्रदर्शन, निकाला मशाल जुलूस

एक दिन पहले पहुंचे अधिकारी, रात को हुई ब्रीफिंग
राष्ट्रीय जांच एजेंसी की टीम एक दिन पहले ही कोटा और बारां में पहुंच गई थी जहां पर वह अलग-अलग ठिकानों पर रुक गए थे. सीआरपीएफ की पूरी टुकड़ी भी इस छापे के लिए मंगाई गई थी ताकि लोकल पुलिस को इनपुट नहीं देना पड़े. इसके साथ ही कार्रवाई की गोपनीयता भी बरकरार रहे. एनआईए के अधिकारियों ने ऐसा प्लान बनाया था. देर रात सभी अधिकारियों को ब्रीफिंग की गई कि किस तरह से छापा कहां पर डालना है.

इसके बाद कोटा से सांगोद, विज्ञान नगर के अमन कॉलोनी के लिए टीम रवाना हुई. वहीं इसी तरह से बारां में एक ठिकाने पर छापा मारा गया. सीआरपीएफ की टुकड़ी भी अलग-अलग हिस्सों में बांट दी गई थी जिसमें पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी हैं. इसके साथ ही सभी जवान हथियारबंद थे. हालांकि छापे के बाद में अचानक ही लोगों ने कुछ जगह हंगामा किया है. इसके चलते लोकल पुलिस भी मौके पर पहुंची है.

कोटा. देशभर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के दफ्तरों और पदाधिकारियों के निवास पर आज नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) छापेमारी कर रही है. इसमें 100 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हुई है. कोटा के सांगोद निवासी पीएफआई के राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष आसिफ मिर्जा को केरल के कोझीकोड से गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा सांगोद स्थित उनके घर पर भी दबिश दी गई है.

कोटा के विज्ञान नगर स्थित एक मकान पर भी एनआईए ने दबिश दी है, जहां पर 10 साल पहले आसिफ मिर्जा रहा करता था. इसके साथ ही बारां में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडियान (SDPI) के प्रदेश सचिव सादिक सर्राफ को भी टीम ने गिरफ्तार किया है. हालांकि इसी साल 17 फरवरी को कोटा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का एक बड़ा सम्मेलन आयोजित किया गया था (controversy over PFI rally held in Kota) जिसे लेकर विवाद भी हुआ था. इस सम्मेलन के दौरान ही कोटा में एक यूनिटी मार्च (PFI took out unity march in Kota) निकाला गा था. इसमें पीएफआई से जुड़े सैकड़ों लोग शामिल हुए. इस दौरान पीएफआई संगठन के पदाधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए केंद्र सरकार पर कई आरोप भी लगाए.

पढ़ें. PFI Rally in Kota : रैली को अनुमति देने के मामले में भड़की भाजपा, पूनिया ने गहलोत सरकार पर लगाया आरोप

रैली के आयोजन में लाखों रुपए भी खर्च हुए थे जिसमें पूर्व राज्यसभा सांसद उबैदुल्लाह आजमी, अजमेर दरगाह के खादिम सैयद सरवर चिश्ती गद्दीनशीन और नेशनल वाइस प्रेसिडेंट मोहम्मद शफी थे. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को कोटा में रैली (PFI Rally in Kota) की अनुमति दिए जाने के मामले में सियासत भड़क गई थी. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने इस मामले में प्रदेश सरकार पर वोट बैंक की राजनीति करने और तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए पीएफआई जैसी संस्थाओं को प्रतिबंधित करने की मांग की थी. पूनिया ने कहा था कि आज देश में हिजाब के अलावा और भी कई मुद्दे हैं, लेकिन पीएफआई का मकसद ही अशांति फैलाना है.

पढ़ें. राजस्थान में PFI संगठन के 5 ठिकानों पर NIA की छापेमारी, 2 गिरफ्तार

पूरी जानकारी जुटाने के बाद की गई कार्रवाई
एनआईए ने एसडीपीआई और पीएफआई से जुड़े लोगों के खिलाफ पूरी जानकारी और तथ्य जुटा लिए थे. जैसे वह कहां रहते हैं, उनके मोबाइल नंबर, परिजन, रिश्तेदार और किन लोगों से वे संपर्क में है. एसडीपीआई और पीएफआई के दफ्तर किस जगह पर हैं. बीते कुछ सालों से वे कहां-कहां पर रहे हैं. पीएफआई और एसडीपीआई संगठन में जुड़े लोगों के नाम और उनके पते सहित पूरी जानकारी भी एनआईए के पास है. यहां तक कि पदाधिकारियों की पत्नी और ससुराल कहां पर है, यह तक जानकारी एनआईए टीम के पास थी. इनके फोटोग्राफ्स पहले ही टीम के पास मौजूद थे. उन्हीं की लोकेशन के आधार पर टीम मौके पर पहुंची है जिससे साफ है कि एनआईए ने गुप्त सूचना कोटा व बारां आकर एकत्रित की थी. इसके बाद ही बिल्कुल सही ठिकानों पर दबिश दी है.

पढ़ें. जयपुर: PFI कार्यकर्ताओं ने UP सरकार और पुलिस के खिलाफ किया प्रदर्शन, निकाला मशाल जुलूस

एक दिन पहले पहुंचे अधिकारी, रात को हुई ब्रीफिंग
राष्ट्रीय जांच एजेंसी की टीम एक दिन पहले ही कोटा और बारां में पहुंच गई थी जहां पर वह अलग-अलग ठिकानों पर रुक गए थे. सीआरपीएफ की पूरी टुकड़ी भी इस छापे के लिए मंगाई गई थी ताकि लोकल पुलिस को इनपुट नहीं देना पड़े. इसके साथ ही कार्रवाई की गोपनीयता भी बरकरार रहे. एनआईए के अधिकारियों ने ऐसा प्लान बनाया था. देर रात सभी अधिकारियों को ब्रीफिंग की गई कि किस तरह से छापा कहां पर डालना है.

इसके बाद कोटा से सांगोद, विज्ञान नगर के अमन कॉलोनी के लिए टीम रवाना हुई. वहीं इसी तरह से बारां में एक ठिकाने पर छापा मारा गया. सीआरपीएफ की टुकड़ी भी अलग-अलग हिस्सों में बांट दी गई थी जिसमें पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी हैं. इसके साथ ही सभी जवान हथियारबंद थे. हालांकि छापे के बाद में अचानक ही लोगों ने कुछ जगह हंगामा किया है. इसके चलते लोकल पुलिस भी मौके पर पहुंची है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.