कोटा. राष्ट्रीय दशहरा मेले की तैयारियों को लेकर नगर निगम के अधिकारियों की एक बैठक आयोजित की गई. बैठक के दौरान निगम अधिकारियो को महापौर सहित समिति सदस्यों की नाराजगी झेलनी पड़ी.
देश और विदेश में प्रसिद्ध कोटा के दशहरा मेले की तैयारियों को लेकर निगम की बैठक की शुरुआत में ही पिछली बैठक में हुई चर्चा को लेकर महापौर महेश विजय और उपायुक्त कीर्ति राठौड में बहस छिड़ गई. टेंडर, इवेंट कंपनी, दशहरे मैदान की विजिट सहित कई बिन्दुओ को लेकर महापौर महेश विजय ने नाराजगी जताई और मेले के आयोजन को लेकर गंभीरता बरतने के निर्देश दिए.
बैठक के दौरान महापौर महेश विजय ने कहा कि राष्ट्रीय दशहरा मेले के प्रचार प्रसार और इसको आकर्षक बनाने के लिए इंवेट कंपनी को जिम्मा सौंपने, पशु मेले के लिए स्थान चिन्हित करने, झुला मार्केट में अव्यवस्थाओ में सुधार करने, पार्किंग व्यवस्था सहित कई बिन्दुओ पर विस्तार से चर्चा करके रुपरेखा बनाई गई है. सर्कस, डिजनीलैंड के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों कलाकारो के नाम तय करने को लेकर भी विचार विमर्श हुआ. बैठक में समिति के निर्णयो पर अधिकारियों और समिति सदस्यो ने अपने सुझाव के साथ विरोध भी दर्ज करवाया. जिसका बातचीत करके समाधान किया गया. बैठक में आयुक्त नरेन्द्र गुप्ता, मेलाध्यक्ष राममोहन मित्रा सहित मेला समिति के सभी सदस्य और निगम अधिकारी मौजूद रहे.
दुकान आवंटन का मुद्दा हावी रहा
पूरी बैठक में दुकानों के आवंटन का मुद्दा छाया रहा. हालांकि बाद में बैठक में यह फैसला लिया गया है कि पूर्व आवंटित दूकानो के लिए इस साल किराये में 2 फीसदी की बढ़ोतरी की जाएगी और 15 अगस्त से 30 अगस्त से दूकानो के आवंटन की प्रक्रिया होगी.
मेला अध्यक्ष ने मेले के स्वरूप को लेकर सवाल खड़े किए
मेले के स्वरुप को लेकर मेलाध्यक्ष राममोहन मित्रा ने कई सवाल खड़े किए. साथ ही बाजार की व्यवस्था को सुधारने के साथ कच्ची-पक्की दूकानो के आवंटन की नीति में सुधार करने की बात कही.