कोटा. निर्माण के लिए राशि यूआईटी की तरफ से रेलवे को जमा कराई गई है. साथ ही इस अंडरपास का निर्माण पुशिंग तकनीक से किया जा रहा है. जिसको कट, पुशिंग एंड पुलिंग मेथड भी कहा जाता है.
नगर विकास न्यास उम्मेदगंज में विकसित की गई नई कॉलोनी को शहर से जोड़ने के लिए नया वैकल्पिक मार्ग नहर के समानांतर बना रहा है. इसके तहत ही रेलवे अंडरपास और 80 फिट रोड के नीचे से भी एक अंडरपास का निर्माण किया जा रहा है. ये 80 फिट रोड वाला अंडरपास लगभग तैयार होने की स्थिति में आ गया है. जबकि अब रेलवे अंडरपास का निर्माण भी शुरू कर दिया गया है. जिसे यूआईटी और रेलवे मिलकर बना रहा है. इस अंडरपास में करीब 4 करोड रुपए का खर्चा अनुमानित है. जिसकी राशि भी यूआईटी की तरफ से रेलवे को जमा कराई गई है. साथ ही इस अंडरपास का निर्माण पुशिंग तकनीक से किया जा रहा है. जिसको कट, पुशिंग एंड पुलिंग मेथड भी कहा जाता है. इसके के तहत 2 बॉक्स बनाए गए हैं, जो कि 60 मीटर चौड़ाई का एक है.
रेल लाइन को रखेंगे चालू
साइट के सुपरवाइजर राजकुमार जैन का कहना है कि अंडरपास के निर्माण के तहत लंबा समय रेलवे ट्रैक के नीचे काम चलेगा. ऐसे में दिल्ली मुंबई रेलवे लाइन को बंद नहीं किया जा सकता था. इसके तहत ही पहले करीब 20 मीटर लंबी गडर अप और डाउन दोनों लाइनों के नीचे डाली गई है. ताकि ट्रैक का काम भी चलता रहे. इसमें रेलवे ट्रैक के नीचे से मिट्टी निकालने का काम अब शुरू कर दिया गया है. साथ ही रेलवे ट्रैक भी चालू है.
पढ़ें- SPECIAL : कोटा रेलवे स्टेशन पर तैयार है आइसोलेशन ट्रेन...20 कोच में 320 मरीज हो सकेंगे भर्ती
10 फीट रोज घसीटे जाएंगे बॉक्स
अंडरपास के निर्माण के लिए आरसीसी के बॉक्स बनाने की तैयारी यूआईटी और रेलवे के द्वारा 4 महीने पहले ही शुरू कर दी गई थी. यह बॉक्स निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है. जिसमें 60 मीटर लंबाई के बॉक्स हैं. यह मजबूत आरसीसी के बॉक्स होंगे, जो कि रेलवे ट्रैक के नीचे लगाए. पुशिंग मेथड के जरिए आरसीसी के जो बॉक्स बनाए गए हैं, उन्हें लेकर घसीटा जाएगा. एक बॉक्स को 3 मीटर यानि 10 फीट रोज घसीटते आगे सरकाया जाएगा.
सैकड़ों कॉलोनी वासियों को होगा
कोटा शहर के थेगड़ा, रायपुरा, डीसीएम, बोरखेड़ा, कंसुआ, इंदिरा गांधी नगर और देवली अरब एरिया में सैकड़ों की संख्या में नई कॉलोनियां बस गई है. इन सभी कॉलोनी वासियों को कोटडी से सीधा जाने का रास्ता इस अंडरपास के निर्माण के बाद मिल जाएगा. इसके अलावा बजरंग नगर छावनी से इन कॉलोनियों की तरफ जाने वाले लोगों को बारिश के सीजन में काफी असुविधा होती थी. क्योंकि रास्ता बंद हो जाने के चलते उन्हें लंबा घूम कर जाना पड़ता था. इस समस्या से भी निजात मिलेगी.