कोटा. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर फंसते ही नजर आ रहे हैं. अब उनके खिलाफ बारां अटरू से विधायक पानाचंद मेघवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने एसीबी को भी अपने निशाने पर लिया है. उन्होंने कहा है कि एसीबी इस मामले में दोहरा रवैया अपना रहा है.
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पानाचंद मेघवाल ने कहा है कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. तंवर के लिए रिश्वत लेते हुए नेशनल हेल्थ मिशन के जिला लेखा प्रबंधक महेंद्र कुमार मालीवाल को पकड़ा गया है. लेकिन सरकार ने अभी तक भी सीएमएचओ को पद से नहीं हटाया है. इससे सरकार की छवि खराब हो रही है. इस छवि को सुधारने के लिए तत्काल प्रभाव से सीएमएचओ को पद से हटाना चाहिए. साथ ही उसके खिलाफ एसीबी को कार्रवाई करने की छूट देनी चाहिए. इस प्रकरण में उनके गिरफ्तारी की मांग भी की.
बारां कलेक्टर को हटाया, सीएमएचओ को संरक्षण
पानाचंद ने कहा कि जब इसी तरह के भ्रष्टाचार के प्रकरण में बारां के तत्कालीन जिला कलेक्टर और आईएएस अधिकारी इंद्र सिंह राव को गिरफ्तार किया गया और उन्हें पद से हटाया गया था. लेकिन कोटा के सीएमएचओ पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. सीएमएचओ को पता नहीं किस नेता का संरक्षण प्राप्त है. जबकि कई जनप्रतिनिधि कोटा सीएमएचओ के खिलाफ नाराजगी जता चुके हैं.
एसीबी से ही सीएमएचओ की सीनाजोरी
नेशनल हेल्थ मिशन के जिला लेखा प्रबंधक महेंद्र कुमार मालीवाल को एसीबी ने 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था. महेंद्र मालीवाल ने बताया कि उसने कोटा सीएमएचओ के लिए रिश्वत ली है. जिसके बाद एसीबी ने रिकॉर्ड देने के लिए सीएमएचओ को पत्र भेजे लेकिन सीएमएचओ ने कोई जवाब नहीं दिया और ना ही रिकॉर्ड उपलब्ध करवाये.
जिसके बाद एसीबी की टीम ने सोमवार को सीएमएचओ ऑफिस में दबिश दी. जिससे पूरे कार्यालय में हड़कंप मच गया. एसीबी ने रिकॉर्ड को तलब किया है. साथ ही एसीबी के अधिकारियों ने प्रारंभिक तौर पर इस मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर की भूमिका को संदिग्ध माना है.