कोटा. प्रदेश के सियासी घटनाक्रम को लेकर शनिवार को कांग्रेस ने सभी जिला मुख्यालयों पर धरना दिया हैं. इस कड़ी में कोटा कलेक्ट्रेट पर भी कांग्रेस नेताओं ने धरना दिया. इस दौरान कांग्रेस के नेताओं ने बारी-बारी से भाषण देते हुए केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की.
सभी नेताओं ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर राज्यपाल संवैधानिक पद पर होते हुए भी दबाव में काम कर रहे हैं. नेताओं ने कहा कि पहली बार चुनी हुई सरकार फ्लोर टेस्ट करवाने की बात कर रही है, लेकिन राज्यपाल दबाव में काम करते हुए विधानसभा का संक्षिप्त सत्र नहीं बुला रहे हैं. वह कोरोना महामारी का बहाना ले रहे हैं.
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जबकि इसके पहले कोरोना होते हुए भी राज्यसभा के चुनाव हुए हैं. साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि यह कर्नाटक, गोवा और मध्य प्रदेश की तरह राजस्थान की सरकार नहीं है. यहां पर भाजपा कामयाब नहीं हो पाएगी, उसे मुंह की खानी पड़ेगी.
शहर कांग्रेस जिला अध्यक्ष रविंद्र त्यागी ने कहा कि राजस्थान में जो सरकार गिराने का प्रयास किया जा रहा है. यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के इशारे पर हो रहा है. राज्यपाल कलराज मिश्र उन्हीं के दबाव में काम कर रहे हैं.
पीसीसी महासचिव पंकज मेहता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी लोकतंत्र को बचाने के लिए संघर्ष कर रही है. सरकार को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं है. सरकार पूरे 5 साल चलेगी और इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पूरी कांग्रेस पार्टी दृढ़ संकल्पित है. भारतीय जनता पार्टी के इरादे कामयाब नहीं हो पाएंगे. कांग्रेस नेताओं ने जिला कलेक्टर उज्जवल राठौड़ को राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन भी सौंपा है.
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इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ विरोध जताया. प्रदर्शन के दौरान शहर पीसीसी सचिव डॉ. जफर मोहम्मद, शिवकांत नंदवाना, नईमुद्दीन गुड्डू, पूर्व मंत्री रामगोपाल बैरवा, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अनिल सुवालका, राखी गौतम, रामेश्वर सुवालका, यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव विजय सिंह राजू, अमित धारीवाल और आईना महक मौजूद थे.