कोटा. शहर से 10 दिन पहले 4 कोचिंग के छात्र लुधियाना पहुंचे थे. ऐसे में वहां स्क्रीनिंग के बाद सभी छात्र कोरोना पॉजिटिव पाए गए. वहीं इस मामले के 10 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के पास कोचिंग के चार छात्रों के संक्रमित होने के सोर्स के बारे में कोई जवाब नहीं है, ना ही अब तक प्रशासन ने इन छात्रों तक यह संक्रमण कैसे पहुंचा ये जानने की जहमत उठाई.
कोटा की लाइफ लाइन कहे जाने वाले इन कोचिंग छात्रों के रिहायशी इलाकों की उन बहुमंजिला इमारतों तक आखिर लॉकडाउन के बीच कैसे संक्रमण पहुंचा. साथ ही क्या ये संक्रमण इन्हें कोटा से बाहर जाते समय यात्रा के दौरान हुआ. इसके लिए जिला प्रशासन ने ना तो कोई जांच कमेटी बनाई, ना ही जानकारी जुटाई.
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वहीं संक्रमित छात्रों के हॉस्टल में रह रहे अन्य साथी छात्रों की कोरोना जांच की गई है. ये सभी रिपोर्ट नेगेटिव आने पर प्रशासन ने इनकी जांच की फाइल भी बन्द कर दी. इस मामले में सीएमएचओ डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर ने बताया कि जैसे ही प्रशासन को कोटा से लुधियाना पहुंचे चार कोचिंग छात्रों के कोरोना पॉजिटिव होने की सूचना मिली.
तो जिला प्रशासन ने इन छात्रों के कुन्हाड़ी के लैंडमार्क क्षेत्र के तीन और ओल्ड राजीव गांधी नगर के 1 हॉस्टल सहित कुल चार होस्टल्स में रह रहे, अन्य छात्रों और केयर टेकर की कोरोना जांच करवाने के आदेश दिए. जिसपर सभी की जांच करवाई गई. इसमे सारी जांच नेगेटिव आई.
जिसके बाद प्रशासन ने इन छात्रों को कोरोना संक्रमण कोटा के बाहर से मिलने की बात कह कर इतिश्री कर ली, लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि जब ये छात्र 26 अप्रैल को कोटा से रोडवेज बस से रवाना होकर अगले दिन शाम को लुधियाना पहुंचे, जहां देर रात उन सभी को वर्धमान अस्पताल में भर्ती करवाया गया.
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जहां उनकी कोरोना रिपोर्ट सुबह पॉजिटिव आई, तो ऐसे में लुधियाना पहुंचने के महज 10-12 घंटों के भीतर इनकी कोरोना जांच पॉजिटिव आई है. जबकि एक्सपर्ट्स के अनुसार बताया जा रहा है कि कोविड-19 वायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड 2 से 14 दिन तक होता है.