कोटा. स्मार्ट सिटी के तहत कोटा शहर में करोड़ों रुपए के विकास कार्य हो रहे हैं. इसी के तहत इंस्ट्रूमेंट लिमिटेड के आवासीय परिसर में भी नगर विकास न्यास स्मार्ट सिटी के तहत कोटा सिटी पार्क का निर्माण करवाए जा रहे हैं. इसका काम करीब 90 फीसदी पूरा हो चुका है. अधिकांश स्ट्रक्चर यहां पर आकार ले चुके हैं. निर्माण करवा रही एजेंसी के अभियंताओं और अधिकारियों ने दावा किया है कि कोटा सिटी पार्क विश्व स्तरीय होगा.
उन्होंने कहा है कि हमारे पास फीडबैक आ रहा है कि इस तरह का पार्क देश में कहीं भी नहीं है. करीब 80 एकड़ में बना ये पार्क अनूठे स्ट्रक्चर वाला होगा. जिसमें साइंस से लेकर आर्ट का अनूठा संगम प्रदर्शित किया गया है. ये पार्क कोटा में कोचिंग करने आने वाले बच्चों से लेकर यहां के नागरिकों तक को तनावमुक्त (Kota City Park will make people stress free) रखने में मदद करेगा.
इस पार्क को डिजाइन करने वाले आर्किटेक्ट अनूप भरतरिया का कहना है कि मेड्रिड के रेट्रो पार्क और न्यूयॉर्क के सिटी पार्क (Madrid Retro and New York City Park designed copied) से मिलती जुलती डिजाइन इस पार्क को दी है. उन्होंने कहा कि पार्क 90 फीसदी बनकर तैयार है. शेष 10 फीसदी काम दो महीने में पूरा हो जाएगा. इस साल बारिश के पहले पार्क आमजन के लिए खोल दिया जाएगा.
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तापमान भी मेंटेन होगा
अधिकारियों ने दावा किया है कि पार्क के निर्माण के बाद आसपास के इलाकों में तापमान मेंटेन होगा. पार्क के आस पास करीब 8 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में लोगों को तापमान कम रहने से राहत मिलेगी. इस पार्क में 72 फीसदी एरिया ग्रीन जोन बनाया है. इस पूरे पार्क में एक लाख पौधे लगाए जाएंगे. जिनमें से 70 हजार पौधे लगाए जा चुके हैं. शेष का काम जारी है. करीब 14 फीसदी एरिया में 7 तालाब और 1200 मीटर लम्बी कैनाल है. पार्क में मल्टीपल एक्टिविटी रहेगी. कोटा में देश भर से कोचिंग करने के लिए बच्चे आते हैं. ये 2 से 4 साल तक रहते हैं. उनको यह काफी पीसफुल जगह मिलेगी. साथ ही उनके स्ट्रेस को भी यह कम करेगी.
काइनेटिक टावर बताएगा हवा का दबाव
इस पार्क में काइनेटिक टावर स्थापित किया जा रहा है. म्यूजिकल फॉउन्टेंस के यह काइनेटिक रोटरी यानी घूमने वाली रोटरी है. वैज्ञानिक आधार पर हवा के दबाव से चलेगी. साथ ही हवा की दिशाओं को बताएगा. यह बच्चों के लिए वैज्ञानिक मॉडल के आधार पर तैयार किया गया है. सिटी पार्क में छोटे बड़े करीब आधा दर्जन स्कल्पचर्स और मुर्तिया लगाई जा रही हैं. ये खूबसूरत के साथ विज्ञान और तर्कशीलता पर आधारित हैं.
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विश्व प्रख्यात वैज्ञानिकों की मूर्तिया भी हैं. जिनमे अल्बर्ट आइंस्टीन, इंसाक, न्यूटन और भारतीय वैज्ञानिक जेसी बोस शामिल हैं. नॉलेज इज फ्रीडम नामक मूर्ति बन रही है. जिसमे एक टावर बनाया गया है. जिस पर छात्र को पढता हुआ दिखाया गया है. साथ ही एक ट्रीमैन नामक दूसरी कलाकृति में आधा इंसान और आधा पेड़ दिखाया है. जिससे पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया है. एक एम्फी थिएटर भी बनाया जा रहा है, ताकि नाटकों और दूसरे रचनात्मक आयोजन हो सकें.
आर्ट हिल पर बनेगा ग्लास टॉप रेस्तरां
पार्क में आर्टिफिशियल पहाड़ी तैयार की जा रही है. यह 30 मीटर ऊंचाई पर रहेगी. इसके लिए 11 कॉलम स्ट्रक्चर तैयार करवाए हैं. इन कॉलम पर डेकशीट लगाकर पहाड़ी का स्वरूप दिया जा रहा है. इस पहाड़ी के ऊपर एक ग्लास का रूफटॉप रेस्तरां बनाया जाएगा. जहां पर लिफ्ट के जरिए जाया जा सकेगा. यह रेस्तरां व्यू पॉइंट भी होगा. फूड कोर्ट का निर्माण लगभग पूरा कर दिया है. कैनोपी का काम चल रहा है. जहां पर बड़े फूड वेंडर्स को जगह उपलब्ध करवाई जाएगी. साथ ही दो वाई-फाई कैफेटेरिया भी पार्क में बनाए जा रहे हैं. जहां फ्री हाई स्पीड नेट मिलेगा.
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सबसे अलग रहेगी बर्ड एवियरी, टिपिकल स्ट्रक्चर
यहां पर अनूठी एवियरी बनवाई जा रही है. अमूमन एवियरी फ्लोर लेवल पर ही रहती है, लेकिन यह एवियरी 34 डिग्री क्लाइंट (हवा में झूलती रहेगी) है. यह टिपिकल स्ट्रक्चर अपने आप मे अनूठा काम है. यह मेटल से तैयार करवाया जा रहा है. यह 26 मीटर ऊंची और 45 मीटर लम्बी है. जिसे एग का शेप दिया है. इसके अंदर मैटेलिक ट्री के साथ-साथ एक वुडन ट्री का भी स्ट्रक्चर रहेगा. इसमें अंदर से सीढ़ियां लगाई जाएंगी. ताकि पक्षियों को नजदीक से जाकर निहारा जा सके. इसमें मकाउ तोता भी लाया जाएगा।
पंटिंग बोट से 1200 मीटर की कैनाल में पानी में सफर
पार्क के अंदर 1200 मीटर लंबी कृत्रिम केनाल तैयार की जा रही है. इसमें पुल बनाए गए हैं जिनमें 2 स्टोन व एक वुडन स्ट्रक्चर का पुल बनाया गया है. अंतिम पुल रैम्प वाला रहेगा. इस कैनाल की चौड़ाई करीब 15 फीट और गहराई 7 से 8 फीट है. ऐसे में इस में पंटिंग बोट चलाई जा सकेगी. जिसके जरिए पूरे पार्क का सैर भी लोग कर सकेंगे. इसके अलावा 7 बड़े पॉन्ड भी बनाए गए हैं. जहां पर भी अलग-अलग तरह के जलीय पक्षियों को छोड़ा जाएगा.
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ग्लास टॉप का भी बनेगा स्ट्रक्चर
कैनाल के अंदर ग्लास हाउस का एक बड़ा स्ट्रक्चर बन रहा है. यह पूरी एसी यूनिट रहेगी. जिसमें प्लांट्स की एग्जीबिशन रहेगी. जहां प्लांट बेचे भी जा सकेंगे. वहीं एवियरी के नजदीक बोटैनिकल गार्डन भी काफी अच्छा बनाया जा रहा है. साथ ही एक साइंस जोन भी बन रहा है. इसमें केंद्र सरकार की मदद से करीब तीन करोड़ लागत से साइंस म्यूजियम भी बन रहा है. जिसमें कई तरह के साइंटिफिक मॉडल बच्चों के लिए लगाएं जाएंगे. टॉयलेट भी इस तरह से बनाए गए हैं कि उन्हें मिट्टी से ऊपर से कवर कर दिया गया है. यहां छोटे-छोटे पहाड़ों के नीचे टॉयलेट बनाए गए हैं. इन छोटे पहाड़ों को पूरी तरह से ग्रीनरी से कवर कर दिया जाएगा.
5 किलोमीटर तक घूम सकेंगे
पार्क में अंदर करीब 5 किलोमीटर तक घूम सकेंगे. इसमें अलग अलग रास्ते बनाए जा रहे हैं. जिनमें मिंट व कोटा स्टोन का पाथवे होगा. बुजुर्गों का ध्यान रखेत हुए एक मिट्टी और घास का भी कच्चा पाथवे बनाया गया है. बच्चों के अनुसार प्लेन जोन बना है. यहां आने वाले लोगों के लिए ओपन जिम भी स्थापित होगा. वहीं साइकिलिंग ट्रैक, जॉगिंग ट्रैक व एम्फीथियटर बनेगा. पूरे पार्क में म्यूजिकल फाउंटेन होंगे यहां पर अलग-अलग संगीत सुनाई देंगे. सुरक्षा को देखते हुए सीसीटीवी भी पार्क में स्थापित किए जाएंगे. इसके अलावा पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम भी यहां पर होगा.
कोचिंग एरिया में नहीं था इस तरह का कोई पार्क: कोटा सिटी पार्क के चारों तरफ कोचिंग एरिया ही बना हुआ है. ऐसे में कोचिंग एरिया में इस तरह का कोई बड़ा पार्क नहीं था. इसकी मांग भी लंबे समय से चल रही थी. साथ ही जहां पर यह पार्क बना है वहां पर इंस्ट्रूमेंट लिमिटेड का आवासीय परिसर था. जिसमें बड़ी संख्या में मोर रहते थे और हरियाली भी काफी ज्यादा थी.
पानी का पूरा मेकैनिज्म एसटीपी से लेकर पीएचईडी की भी सप्लाई
कोटा सिटी पार्क में पानी का पूरा मैकेनिज्म बनाया गया है. पार्क में करोड़ो रुपए से सिंचाई, वॉटर बॉडीज और फाउंटेन के लिए साफ पानी मिलेगा. ड्रिप इरिगेशन तकनीक से पूरे पार्क में सिंचाई की व्यवस्था की गई है. साथ ही केनाल और तालाबों को भी शुद्ध पानी मिले, इसका भी पूरा ध्यान रखा गया है. आरयूआईडीपी से 2 एमएलडी क्षमता का एसटीपी भी तैयार करवाया गया है.