ETV Bharat / city

Special: जो कभी फटे गद्दों पर सीखते थे जूडो कुश्ती, आज उस सरकारी स्कूल के बच्चे जीत रहे 'मेडल'

author img

By

Published : Dec 5, 2019, 9:43 AM IST

कोटा के एक सरकारी स्कूल के छोटे से कमरे में जूडो फाइट सीखकर स्कूल के बच्चों ने नेशनल जूडो कुश्ती में सिल्वर मेडल जीता है. लेकिन उनके हाल ऐसे हैं कि बच्चे अपना प्रशिक्षण फटे गद्दों पर करने पर मजबूर हैं और प्रशासन का इन प्रतिभाओं की ओर कोई ध्यान नहीं है.

फटे गद्दे पर जूडो कुश्ती सीखते बच्चे, Children learning judo wrestling on torn mattresses,  सरकारी स्कूल कोटा, government school Kota
फटे गद्दों पर जूडो कुश्ती सीखते बच्चे...

कोटा. रावतभाटा रोड़ स्थित नयागांव के राजकीय सीनियर सेकेंड्री स्कूल के बच्चों ने नेशनल जूडो कुश्ती में सिल्वर मेडल जीता है. बावजूद इसके यहां के बच्चे एक छोटे से कमरे में फटे हुए गद्दों पर जूडो कुश्ती सिख रहे हैं. बता दें कि यहां के बच्चे जिला स्तरीय और नेशनल गेम में गोल्ड और सिल्वर मेडल लेकर आ रहे हैं. लेकिन बच्चों के लिए यहां सुख-सुविधाओं का अभाव बना हुआ है.

फटे गद्दों पर जूडो कुश्ती सीखते बच्चे...

नयागांव स्थित राजकीय सीनियर सेकेंडरी के शारीरिक शिक्षक जमनालाल गुर्जर ने बताया कि साल 2008 में जब हमारे पास गद्दे नहीं थे. तब स्कूल के खाली मैदान में जूडो कुश्ती शुरू करवाई गई थी. धीरे-धीरे प्रयास कर गद्दों को मंगवाया और आज यह गद्दे भी फट गए हैं. उन्होंने बताया कि फटे गद्दों पर खेलकर भी बच्चों के अच्छे रिजल्ट आने लगे हैं.

यह भी पढ़ेंः जयपुरः रेलवे स्टेशन पर महिला सुरक्षा को लेकर चलाया गया जागरुकता अभियान, 182 हेल्पलाइन नंबर की दी गई जानकारी

गर्मी की छुट्टियों में निशुल्क जूडो कैम्प...

जमनालाल का कहना है कि बच्चों को खिलाने में कोई कमी नहीं की जा रही है. लेकिन सुख-सुविधाओं का आभाव बना रहता है. उन्होंने बताया कि गर्मी की छुट्टियों में कैम्प लगाकर बच्चों को निशुल्क जूडो कुश्ती की ट्रेनिंग दी जाती है, जिसमें 80 से 100 बच्चे आते हैं.

ओलंपिक में भी ले सकते हैं भाग...

शारीरिक शिक्षक ने बताया कि स्कूल के बजट के अभाव में बच्चों को खेल के लिए बढ़िया मेट और गद्दे उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. वहीं वर्तमान में जो गद्दे हैं वह भी फट चुके हैं. इन गद्दों पर भी सीखकर बच्चे राष्ट्रीय स्तर पर मेडल ला चुके हैं. उन्होंने कहा कि अच्छी सुविधा मिले तो यहां के बच्चे ओलंपिक में भी भाग ले सकते हैं.

यह भी पढ़ेंः विधानसभावार स्तर पर पूरा हुआ वार्ड परिसीमन का काम, अब निगम मुख्यालय की बारी

ओलम्पिक में खेलने की इच्छा...

राष्ट्रीय खेलों में भाग लेकर सिल्वर मेडल जीत कर आई छात्रा का कहना है कि नेशनल में जूडो कुश्ती खेलने गए तो वहां के मेट देखकर एक बार तो घबरा गए कि इन पर तो कभी खेले ही नहीं. फिर भी आत्म विश्वास के साथ खेले और सिल्वर मेडल जीत कर लाए.

बता दें कि राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल नयागांव में बच्चों ने साल 2015 में जूडो में राज्य स्तर पर दो गोल्ड मेडल और राष्ट्रीय स्तर पर एक सिल्वर मेडल और एक कास्य मेडल जीता है. साल 2016 में भरती चौधरी ने जिला स्तर पर एक गोल्ड और राष्ट्रीय स्तर पर एक रजत पदक जीता था. साथ ही साल 2017 से 2019 तक जिला स्तर और राज्य स्तर में स्कूल के छात्र छात्राओं ने जूडो प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल और सिल्वर मेडल जीते हैं. अब यहां के बच्चे ओलंपिक की तैयारी कर रहे हैं.

कोटा. रावतभाटा रोड़ स्थित नयागांव के राजकीय सीनियर सेकेंड्री स्कूल के बच्चों ने नेशनल जूडो कुश्ती में सिल्वर मेडल जीता है. बावजूद इसके यहां के बच्चे एक छोटे से कमरे में फटे हुए गद्दों पर जूडो कुश्ती सिख रहे हैं. बता दें कि यहां के बच्चे जिला स्तरीय और नेशनल गेम में गोल्ड और सिल्वर मेडल लेकर आ रहे हैं. लेकिन बच्चों के लिए यहां सुख-सुविधाओं का अभाव बना हुआ है.

फटे गद्दों पर जूडो कुश्ती सीखते बच्चे...

नयागांव स्थित राजकीय सीनियर सेकेंडरी के शारीरिक शिक्षक जमनालाल गुर्जर ने बताया कि साल 2008 में जब हमारे पास गद्दे नहीं थे. तब स्कूल के खाली मैदान में जूडो कुश्ती शुरू करवाई गई थी. धीरे-धीरे प्रयास कर गद्दों को मंगवाया और आज यह गद्दे भी फट गए हैं. उन्होंने बताया कि फटे गद्दों पर खेलकर भी बच्चों के अच्छे रिजल्ट आने लगे हैं.

यह भी पढ़ेंः जयपुरः रेलवे स्टेशन पर महिला सुरक्षा को लेकर चलाया गया जागरुकता अभियान, 182 हेल्पलाइन नंबर की दी गई जानकारी

गर्मी की छुट्टियों में निशुल्क जूडो कैम्प...

जमनालाल का कहना है कि बच्चों को खिलाने में कोई कमी नहीं की जा रही है. लेकिन सुख-सुविधाओं का आभाव बना रहता है. उन्होंने बताया कि गर्मी की छुट्टियों में कैम्प लगाकर बच्चों को निशुल्क जूडो कुश्ती की ट्रेनिंग दी जाती है, जिसमें 80 से 100 बच्चे आते हैं.

ओलंपिक में भी ले सकते हैं भाग...

शारीरिक शिक्षक ने बताया कि स्कूल के बजट के अभाव में बच्चों को खेल के लिए बढ़िया मेट और गद्दे उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. वहीं वर्तमान में जो गद्दे हैं वह भी फट चुके हैं. इन गद्दों पर भी सीखकर बच्चे राष्ट्रीय स्तर पर मेडल ला चुके हैं. उन्होंने कहा कि अच्छी सुविधा मिले तो यहां के बच्चे ओलंपिक में भी भाग ले सकते हैं.

यह भी पढ़ेंः विधानसभावार स्तर पर पूरा हुआ वार्ड परिसीमन का काम, अब निगम मुख्यालय की बारी

ओलम्पिक में खेलने की इच्छा...

राष्ट्रीय खेलों में भाग लेकर सिल्वर मेडल जीत कर आई छात्रा का कहना है कि नेशनल में जूडो कुश्ती खेलने गए तो वहां के मेट देखकर एक बार तो घबरा गए कि इन पर तो कभी खेले ही नहीं. फिर भी आत्म विश्वास के साथ खेले और सिल्वर मेडल जीत कर लाए.

बता दें कि राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल नयागांव में बच्चों ने साल 2015 में जूडो में राज्य स्तर पर दो गोल्ड मेडल और राष्ट्रीय स्तर पर एक सिल्वर मेडल और एक कास्य मेडल जीता है. साल 2016 में भरती चौधरी ने जिला स्तर पर एक गोल्ड और राष्ट्रीय स्तर पर एक रजत पदक जीता था. साथ ही साल 2017 से 2019 तक जिला स्तर और राज्य स्तर में स्कूल के छात्र छात्राओं ने जूडो प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल और सिल्वर मेडल जीते हैं. अब यहां के बच्चे ओलंपिक की तैयारी कर रहे हैं.

Intro:स्पेशल स्टोरी:- कोटा में सरकारी स्कूल के छात्र छात्राएं फटे हुए गद्दों पर जुडो कुश्ती सीखकर जीता नेशनल जुडो फाइट में सिल्वर मेडल।ओलम्पिक में बच्चो को की जिद के साथ रोज प्रेक्टिस करवाते है
जहाँ सरकारी स्कूलों में एक कक्षा कक्ष में40 से50 बच्चों से कमरे अटे पड़े है वही एक छोटे से कमरे में फटे गद्दों पर जुडो फाइट सीखकर स्कूल के बच्चे नेशनल जुडो कुश्ती में सिल्वर मेडल जीता है।
Body:हम बात कर रहे हैं कोटा रावतभाटा रोड़ स्थित नयागांव में राजकीय सीनियर सेकेंड्री स्कूल की जहाँ कमरों की कमी से पहले ही एक कक्षा कक्ष में करीब40 से 50 बच्चे पढ़ते है वही एक छोटे से कमरे में फ़टे हुए गद्दों पर जुडो कुश्ती सिख कर जिला स्तरीय ओर नेशनल गेम में बच्चे गोल्ड ओर सिल्वर मेडल लेकर आ रहे है।
2008 में राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल के शारीरिक शिक्षक ने खाली मैदान में शुरू की थी जुडो कुश्ती की शुरुआत:-
नयागांव स्थित राजकीय सीनियर सेकेंडरी के
शारीरिक शिक्षक जमनालाल गुर्जर ने जानकारी देते हुए बताया कि 2008 में स्कूल के खाली मैदान में जुडो कुश्ती शुरू की थी।जब हमारे पास गद्दे नही थे।धिरे धीरे प्रयास कर गद्दों को मंगाया ओर आज एह गद्दे भी फट गए है।उन्होंने बताया फटे गद्दों पर खेलकर आगे बढ़ कर के बाद बच्चो के रिजल्ट आने लगे।
जमनालाल का कहना है कि बच्चों को खेलने में कोई कमी नही की जा रही है।लेकिन सुख सुविधाओं का आभाव तो बना रहता है।उन्होंने बताया कि गर्मी की छुट्टियों में केम्प लगाकर बच्चो को निशुल्क जुडो कुश्ती की ट्रेनिंग दी जाती है जिसमे80 से100 बच्चे आते है।
शारीरिक शिक्षक ने अपनी व्येथा सुनाते हुए कहा कि स्कूल के बजट के अभाव में बच्चों को खेल के लिए बढ़िया मेट व गद्दे उपलब्ध नही हो पा रहे है।जोकि वर्तमान में जो गद्दे है वह भी फट चुकेहै।
उनका कहना है कि इन गद्दों पर भी सीखकर बच्चे राष्ट्रीय स्तर पर मैडल ला चुके है।उन्होंने कहा कि अच्छी सुविधा मिले तो एंहा के बच्चे ओलंपिक में भी भाग ले सकते हैं।
ओलम्पिक में खेलने की इच्छा है, राष्ट्रीय खेलो में भाग लेकर सिल्वर मेडल जीत कर आई छात्रा का कहना है नेशनल में जुडो कुश्ती खेलने गए तो वहाँ के मेट देखकर एक बार तो घबरा गए कि इन पर तो कभी खेले ही नही।फिर भी जितने के आत्म विश्वास के साथ खेले ओर सिल्वर मेडल जीता है।
Conclusion:राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल नयागांव में बच्चे 2015 में जुडो में राज्य स्तर पर दो गोल्ड मेडल ओर राष्ट्रीय स्तर पर एक सिल्वर मेडल ओर एक कास्य मेडल जीता है।2016 में भरती चौधरी ने जिला स्तर पर एक गोल्ड ओर राष्ट्रीय स्तर पर एक रजत पदक जीता है।इसके साथ ही2017 से1019 तकजिला स्तर और राज्य स्तर में स्कूल के छात्र छात्राओं ने जुडो प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल ओर सिल्वर मेडल जीते हैं।इसके साथ ही अब ओलंपिक में जाने की तैयारी कर रहे हैं।
बाईट-जमनालाल गुर्जर, शारीरिक शिक्षक, राउमावि नयागांव
बाईट-भारती चौधरी, छात्रा, दसवीं कक्षा,
बाईट-अक्षय देवनाथ, छात्र, सीनियर स्टूडेंट

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.