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दसवीं बोर्ड परीक्षा परिणाम में मैथमेटिक्स बेसिक तथा स्टैंडर्ड विषयों को लेकर उलझन, CBSE ने जारी किया FAQ - Additional Frequently Asked Questions

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन की दसवीं बोर्ड के परीक्षा परिणाम तैयार करने की वैकल्पिक व्यवस्था के समक्ष मैथमेटिक्स बेसिक तथा स्टैंडर्ड विषयों के अंक आवंटन को लेकर बड़ी उलझन हो गई है. इसे दूर करने के लिए एफएक्यू (Frequently Asked Questions) जारी किए हैं.

Mathematics Basic and Standard Subjects
दसवीं बोर्ड परीक्षा परिणाम
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Published : Jun 9, 2021, 11:35 PM IST

Updated : Jun 10, 2021, 12:17 AM IST

कोटा. सीबीएसई की दसवीं बोर्ड के परीक्षा परिणाम तैयार करने की वैकल्पिक व्यवस्था के समक्ष मैथमेटिक्स बेसिक व स्टैंडर्ड विषयों ने एक बड़ उलझन उत्पन्न कर दी है. स्थिति यह है कि मैथमेटिक्स बेसिक तथा स्टैंडर्ड विषयों के अंक आवंटन की उपरोक्त उलझन को दूर करने के लिए बोर्ड प्रशासन को एडिशनल फ्रिक्वेंटली आस्क्ड क्वेश्चंस (Additional Frequently Asked Questions) जारी करने पड़े हैं.

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन की दसवीं बोर्ड के परीक्षा परिणाम तैयार करने की वैकल्पिक व्यवस्था के समक्ष मैथमेटिक्स बेसिक व स्टैंडर्ड विषयों ने एक बड़ी उलझन उत्पन्न कर दी है. स्थिति यह है कि मैथमेटिक्स बेसिक तथा स्टैंडर्ड विषयों के अंक आवंटन की इस उलझन को दूर करने के लिए बोर्ड प्रशासन को एडिशनल फ्रिक्वेंटली आस्क्ड क्वेश्चंस जारी करने पड़े हैं. कजोता के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि एडिशनल फ्रिक्वेंटली आस्कड क्वेश्चंस (एफएक्यू) को लेकर एक नोटिफिकेशन बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट पर आज को जारी किया गया. इसमें एफएक्यू में परीक्षा परिणाम के निर्माण से जुड़े कुल 10 बिंदुओं को प्रश्नोत्तरी के रूप में रखा गया है.

पढ़ें: उच्च शिक्षा की परीक्षा को लेकर गुरुवार को कमेटी सौंपेगी अपनी रिपोर्ट, विद्यार्थी बोले- नहीं होने चाहिए ऑफलाइन एग्जाम

इन्हीं के आधार पर मैथमेटिक्स बेसिक के अंक निर्धारण रेफरेंस इयर, मैथमेटिक्स बेसिक व स्टैंडर्ड के एवरेज मार्क्स की कैलकुलेशन को आसानी से समझा जा सकता है. देव शर्मा ने उलझन के मूल कारण को स्पष्ट करते हुए बताया कि वर्ष 2020 से पहले दसवीं बोर्ड में "मैथमेटिक्स" के नाम से एक ही विषय था, लेकिन 2020 में इसे मैथमेटिक्स बेसिक व स्टैंडर्ड दो भागों में विभाजित कर दिया गया. अब समस्या यह हुई कि जिन विद्यालयों के लिए रेफरेंस ईयर 2018 या 2019 हैं, वे वैकल्पिक व्यवस्था के तहत वर्ष 2021 में विद्यार्थियों को मैथमेटिक्स बेसिक में अंक-ल आवंटित करने की स्थिति में नहीं है. क्योंकि रेफरेंस ईयर में मैथमेटिक्स बेसिक विषय ही उपलब्ध नहीं है. देव शर्मा ने बताया कि एफएक्यू के माध्यम से उपरोक्त समस्या का हल प्रदान कर दिया गया है.

देव शर्मा ने बताया कि दसवीं बोर्ड के कई विद्यार्थी व अभिभावक खराब परीक्षा परिणाम आने की आशंका को लेकर चिंतित हैं. ऐसे विद्यार्थियों व अभिभावकों को चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है. क्योंकि यदि विद्यार्थी वैकल्पिक व्यवस्था के तहत तैयार किए गए परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट हैं तो उसके लिए विशेष व्यवस्था की गई है. पहले में 24 मई को जारी किए गए "एफएक्यू" में बताया गया है कि यदि दसवीं बोर्ड का कोई विद्यार्थी जारी किए गए परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट है तो उसके लिए समय अनुकूल होने पर परीक्षा आयोजन की व्यवस्था की जाएगी. यह असंतुष्ट विद्यार्थी आयोजित की जाने वाली परीक्षा में सम्मिलित होंगे, जिसके आधार पर नए सिरे से इनका परीक्षा परिणाम जारी कर दिया जाएगा.

कोटा. सीबीएसई की दसवीं बोर्ड के परीक्षा परिणाम तैयार करने की वैकल्पिक व्यवस्था के समक्ष मैथमेटिक्स बेसिक व स्टैंडर्ड विषयों ने एक बड़ उलझन उत्पन्न कर दी है. स्थिति यह है कि मैथमेटिक्स बेसिक तथा स्टैंडर्ड विषयों के अंक आवंटन की उपरोक्त उलझन को दूर करने के लिए बोर्ड प्रशासन को एडिशनल फ्रिक्वेंटली आस्क्ड क्वेश्चंस (Additional Frequently Asked Questions) जारी करने पड़े हैं.

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन की दसवीं बोर्ड के परीक्षा परिणाम तैयार करने की वैकल्पिक व्यवस्था के समक्ष मैथमेटिक्स बेसिक व स्टैंडर्ड विषयों ने एक बड़ी उलझन उत्पन्न कर दी है. स्थिति यह है कि मैथमेटिक्स बेसिक तथा स्टैंडर्ड विषयों के अंक आवंटन की इस उलझन को दूर करने के लिए बोर्ड प्रशासन को एडिशनल फ्रिक्वेंटली आस्क्ड क्वेश्चंस जारी करने पड़े हैं. कजोता के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि एडिशनल फ्रिक्वेंटली आस्कड क्वेश्चंस (एफएक्यू) को लेकर एक नोटिफिकेशन बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट पर आज को जारी किया गया. इसमें एफएक्यू में परीक्षा परिणाम के निर्माण से जुड़े कुल 10 बिंदुओं को प्रश्नोत्तरी के रूप में रखा गया है.

पढ़ें: उच्च शिक्षा की परीक्षा को लेकर गुरुवार को कमेटी सौंपेगी अपनी रिपोर्ट, विद्यार्थी बोले- नहीं होने चाहिए ऑफलाइन एग्जाम

इन्हीं के आधार पर मैथमेटिक्स बेसिक के अंक निर्धारण रेफरेंस इयर, मैथमेटिक्स बेसिक व स्टैंडर्ड के एवरेज मार्क्स की कैलकुलेशन को आसानी से समझा जा सकता है. देव शर्मा ने उलझन के मूल कारण को स्पष्ट करते हुए बताया कि वर्ष 2020 से पहले दसवीं बोर्ड में "मैथमेटिक्स" के नाम से एक ही विषय था, लेकिन 2020 में इसे मैथमेटिक्स बेसिक व स्टैंडर्ड दो भागों में विभाजित कर दिया गया. अब समस्या यह हुई कि जिन विद्यालयों के लिए रेफरेंस ईयर 2018 या 2019 हैं, वे वैकल्पिक व्यवस्था के तहत वर्ष 2021 में विद्यार्थियों को मैथमेटिक्स बेसिक में अंक-ल आवंटित करने की स्थिति में नहीं है. क्योंकि रेफरेंस ईयर में मैथमेटिक्स बेसिक विषय ही उपलब्ध नहीं है. देव शर्मा ने बताया कि एफएक्यू के माध्यम से उपरोक्त समस्या का हल प्रदान कर दिया गया है.

देव शर्मा ने बताया कि दसवीं बोर्ड के कई विद्यार्थी व अभिभावक खराब परीक्षा परिणाम आने की आशंका को लेकर चिंतित हैं. ऐसे विद्यार्थियों व अभिभावकों को चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है. क्योंकि यदि विद्यार्थी वैकल्पिक व्यवस्था के तहत तैयार किए गए परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट हैं तो उसके लिए विशेष व्यवस्था की गई है. पहले में 24 मई को जारी किए गए "एफएक्यू" में बताया गया है कि यदि दसवीं बोर्ड का कोई विद्यार्थी जारी किए गए परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट है तो उसके लिए समय अनुकूल होने पर परीक्षा आयोजन की व्यवस्था की जाएगी. यह असंतुष्ट विद्यार्थी आयोजित की जाने वाली परीक्षा में सम्मिलित होंगे, जिसके आधार पर नए सिरे से इनका परीक्षा परिणाम जारी कर दिया जाएगा.

Last Updated : Jun 10, 2021, 12:17 AM IST
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