कोटा. कोटा से सवाई माधोपुर मायरा लेकर जा रहे एक परिवार के सदस्यों से भरी बस बुधवार को लाखेरी के निकट मेज नदी में गिर गई. इस हादसे में 24 लोगों की मौत हो गई, तो वहीं 5 लोग घायल हो गए. घायलों का कोटा के एमबीएस अस्पताल में इलाज जारी है. हादसे में शामिल लोग आपस में एक ही परिवार के थे. लेकिन 3 परिवार इसमें ऐसे थे, जिनमें केवल बच्चे ही रह गए हैं. इन बच्चों की उम्र भी 7 से 13 साल तक ही है.
टीना का सब कुछ खत्म, अकेली रह गई
एमबीएस अस्पतालम में पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड में भर्ती 13 वर्षीय टीना का इस हादसे में सब कुछ खत्म हो गया है. उसने इस हादसे में अपने माता-पिता और भाई-बहन को खोया है. उसके पिता सुरेश, मां रूपाली, भाई राहुल और बहन अंजलि की मौत इस हादसे में हो गई है. टीना की देखभाल के लिए उसके अन्य परिजन अस्पताल में तो मौजूद हैं, लेकिन उसको बताने की हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं कि अब उसके परिवार में वह अकेली ही बची है.
पढे़ें- बूंदी हादसे में पति-पत्नी और बेटी की गई जान, परिजनों ने सरकार से की ये मांग
परीक्षा थी इसलिए नहीं गया, पूरा परिवार खत्म हो गया
बूंदी बस हादसे में टीना के तरह ही एक और परिवार है. इस परिवार के भी 4 लोगों की मौत हो गई है. इसमें भी अकेला 11 वर्षीय सौम्य ही बचा है, जो परीक्षा होने के कारण विवाह समारोह में शामिल नहीं हुआ था. वल्लभबाड़ी निवासी दिनेश वर्मा अपनी पत्नी मिथलेश और छोटे बेटे लविश और पिता दुर्गाशंकर के साथ बस में सवार थे और कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे. लेकिन बड़ा बेटा स्कूल में चौथी में पढ़ता है और परीक्षा के कारण वह नहीं गया था. सौम्य को अभी ठीक से पता भी नहीं है कि उसके साथ किस तरह का हादसा हुआ है. वह बार-बार रोता है और चुप हो जाता है.
पढ़ें- बूंदी हादसे पर विधानसभा में हंगामा, BJP ने मुआवजा बढ़ाने को लेकर सरकार पर बनाया दबाव
जिया कह रही है- मां-पापा से मिलना है
इस बस हादसे में बूंदी निवासी जितेंद्र, उनकी पत्नी सोनिया और 4 साल की कनिका की भी मौत हुई है. उनकी एक बेटी 7 साल की जिया जिसकी परीक्षा थी, उसे वे शादी में नहीं ले गए. जिया को जब इस घटना के बारे में पता चला तो उसका रो-रोकर हाल बुरा है. जिया अपने परिजनों से बार-बार जिद कर रही है कि उसे अपने मम्मी-पापा के पास जाना है. वह कह रही है कि उसके मां-पापा कह कर गए थे कि शाम तक आ जाएंगे.