ETV Bharat / city

कोटा: इस बार धूल के गुबार के बीच होगी दिवाली, शहर में हर तरफ उबड़-खाबड़ रास्ते... बाजार भी बेरौनक - कोटा में खस्ताहाल सड़कों से लोगों को परेशानी

दिवाली को लेकर भले ही व्यापारी और आम जनता खुशियों की उम्मीद लगाए बैठे हों, लेकिन कोटा शहर में सड़कों के हालात ऐसे हैं कि ग्राहक दुकानों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं बल्कि खस्ताहाल रास्तों के चलते दुर्घटना के शिकार भी हो रहे हैं. राहगीरों और दुकानदारों का स्वागत उबड़-खाबड़ सड़कों से उड़ने वाले धूल के गुबार करते हैं. शहर में विकास कार्यों के चलते मुख्य बाजारों में कई जगह डायवर्जन किए गए हैं, जिससे लोगों को गंतव्य तक जाने में परेशानी आ रही है.

Kota roads
Kota roads
author img

By

Published : Oct 28, 2021, 8:21 PM IST

Updated : Oct 28, 2021, 8:36 PM IST

कोटा. दिवाली का त्योहार नजदीक है, लेकिन शहर की सड़कें इसके लिए तैयार नहीं हैं. सड़कें खुदी हुई हैं और उबड़-खाबड़ हैं. सड़कों पर डायवर्जन नजर आ रहे हैं. खस्ताहाल सड़कों के चलते धूल के गुबार उड़ते नजर आते हैं. इससे आमजन तो त्रस्त है ही व्यापारियों को भी खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है. कई मार्केट ऐसे हैं, जहां पर डायवर्जन होने के चलते दुकानदारों तक ग्राहक नहीं पहुंच पा रहे हैं. शहर में कहीं पर अंडरपास तो कहीं फ्लाईओवर बन रहा है, कहीं एलिवेटेड रोड तो कहीं चौराहों को विकसित किया जा रहा है. साथ ही कुछ जगहों पर आरयूआईडीपी भी सीवरेज लाइनें डाल रही है. जिससे शहर पूरी तरह से खुदा हुआ सा नजर आता है.

शहर की बात की जाए तो मुख्य बाजार गुमानपुरा और कोटड़ी से लेकर पूरा शहर अस्त-व्यस्त है. अधिकांश रास्ते डायवर्टेड हैं व इसके चलते लोग मुख्य बाजारों में नहीं पहुंच पा रहे हैं. शहर के जिन रास्तों पर सर्वाधिक समस्याएं हैं उनमें गुमानपुरा मेन मार्केट, कोटडी व छावनी रोड, इंदिरा गांधी सर्किल से घोड़े वाला बाबा चौराहा, इंदिरा गांधी सर्किल से सरोवर रोड, नयापुरा विवेकानंद चौराहे से लेकर अग्रसेन सर्किल व महर्षि नवल सर्किल और जेल रोड तक बंद हैं. व्यापारियों का कहना है कि उन्हें दिवाली के इस त्योहार पर भी नुकसान हो रहा है. क्योंकि ग्राहक उनकी दुकानों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. वैसे ही डेढ़ साल में इस बार बाजार का समय रात को बढ़कर 10:00 बजे तक हुआ है, लेकिन इसका फायदा उन्हें नहीं मिल रहा है.

कोटा की खस्ताहाल सड़कें

पढ़ें: कोटा: धूं-धूं कर जलने लगी हाइवे पर चलती हुई कार, ड्राइवर ने साइड में रोका, दूर भाग कर बचाई जान

अचानक से कर देते हैं रास्ता बंद, पहले नहीं देते सूचना

व्यापारियों का कहना है कि दिवाली का त्यौहार नजदीक है. लोग खरीदारी के लिए बाजारों में निकल रहे हैं, लेकिन कब कौनसा रास्ता बंद हो जाए, यह किसी को पता नहीं होता है. निर्माण कर रही एजेंसी किसी तरह की कोई सूचना पहले नहीं देती है कि आज इस रास्ते को बंद किया जाएगा. अचानक से बड़े-बड़े बैरिकेट्ड लगा दिए जाते हैं और रास्तों को बंद कर दिया जाता है. कई बार तो ऐसा होता है कि जिस रास्ते पर से थोड़ी देर पहले गुजरे होते हैं, उसी रास्ते को डायवर्ट कर दिया जाता है.

सर्वाधिक समस्या नयापुरा चौराहे पर

व्यापारियों और नदी पार रहने वाले लोगों की की बात की जाए तो उनका दर्द यही है कि एक बार अगर वे शहर में आ गए तो नयापुरा से होकर गुजरना टेढ़ी खीर हो जाता है. नयापुरा चौराहा पूरी तरह से खुदा हुआ है. यहां पर जगह-जगह निर्माण कार्य चल रहे हैं. साथ ही चंबल नदी की दो पुलिया में से एक को बंद किया हुआ है और पूरा ट्रैफिक एक तरफ से ही संचालित हो रहा है. इनमें से हैवी ट्रेफिक भी है. साथ ही बस स्टैंड नजदीक होने के चलते यहां से बसें भी गुजरती हैं.

इसके अलावा निर्माण में जुटी हैवी मशीनरी और डंपर भी यहां होकर गुजरते हैं. ऐसे में सर्वाधिक समस्या इन लोगों को हो रही है. नयापुरा इलाके में नदी पार क्षेत्र से आने वाले लोगों को तो आधा घंटा इस इलाके में होकर गुजरने पर लग जाता है. ऐसी समस्या बोरखेड़ा इलाके में जाने वाले लोगों के लिए है. उनके मुख्य मार्ग को बंद किया हुआ है और डायवर्टेड मार्ग गलियों के रास्ते होकर गुजरता है. जहां पर आए दिन ही ट्रैफिक जाम हो जाता है.

पढ़ें: कोटा: हाड़ौती में किसानों को हुआ तिहरा नुकसान- पहले रकबा कम, फिर अतिवृष्टि और अब बेमौसम बारिश... अरबों गए पानी में

लगातार हो रही है दुर्घटनाएं

शहर में खुदी हुई सड़कों के चलते लगातार दुर्घटनाएं भी हो रही हैं. क्योंकि दुपहिया वाहनों के फिसलने से लोग घायल भी हो रहे हैं. यहां तक कि बड़े वाहन भी कई बार इन बड़े-बड़े गड्ढों में असंतुलित हो जाते हैं. यहां तक कि कई जगह पर बैरिकेडिंग भी ठीक से नहीं की गई है. इसके चलते लोगों के लिए कारों में सवारी करना भी आसान काम नहीं है. यहां होने वाली दुर्घटना के चलते कई लोग चोटिल हुए हैं. इस पर कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा का कहना है कि एक साथ ही सभी जगह निर्माण कार्य छोड़ दिए गए हैं. जबकि इन्हें व्यवस्थित तरीके से करना चाहिए था.

कोटा. दिवाली का त्योहार नजदीक है, लेकिन शहर की सड़कें इसके लिए तैयार नहीं हैं. सड़कें खुदी हुई हैं और उबड़-खाबड़ हैं. सड़कों पर डायवर्जन नजर आ रहे हैं. खस्ताहाल सड़कों के चलते धूल के गुबार उड़ते नजर आते हैं. इससे आमजन तो त्रस्त है ही व्यापारियों को भी खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है. कई मार्केट ऐसे हैं, जहां पर डायवर्जन होने के चलते दुकानदारों तक ग्राहक नहीं पहुंच पा रहे हैं. शहर में कहीं पर अंडरपास तो कहीं फ्लाईओवर बन रहा है, कहीं एलिवेटेड रोड तो कहीं चौराहों को विकसित किया जा रहा है. साथ ही कुछ जगहों पर आरयूआईडीपी भी सीवरेज लाइनें डाल रही है. जिससे शहर पूरी तरह से खुदा हुआ सा नजर आता है.

शहर की बात की जाए तो मुख्य बाजार गुमानपुरा और कोटड़ी से लेकर पूरा शहर अस्त-व्यस्त है. अधिकांश रास्ते डायवर्टेड हैं व इसके चलते लोग मुख्य बाजारों में नहीं पहुंच पा रहे हैं. शहर के जिन रास्तों पर सर्वाधिक समस्याएं हैं उनमें गुमानपुरा मेन मार्केट, कोटडी व छावनी रोड, इंदिरा गांधी सर्किल से घोड़े वाला बाबा चौराहा, इंदिरा गांधी सर्किल से सरोवर रोड, नयापुरा विवेकानंद चौराहे से लेकर अग्रसेन सर्किल व महर्षि नवल सर्किल और जेल रोड तक बंद हैं. व्यापारियों का कहना है कि उन्हें दिवाली के इस त्योहार पर भी नुकसान हो रहा है. क्योंकि ग्राहक उनकी दुकानों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. वैसे ही डेढ़ साल में इस बार बाजार का समय रात को बढ़कर 10:00 बजे तक हुआ है, लेकिन इसका फायदा उन्हें नहीं मिल रहा है.

कोटा की खस्ताहाल सड़कें

पढ़ें: कोटा: धूं-धूं कर जलने लगी हाइवे पर चलती हुई कार, ड्राइवर ने साइड में रोका, दूर भाग कर बचाई जान

अचानक से कर देते हैं रास्ता बंद, पहले नहीं देते सूचना

व्यापारियों का कहना है कि दिवाली का त्यौहार नजदीक है. लोग खरीदारी के लिए बाजारों में निकल रहे हैं, लेकिन कब कौनसा रास्ता बंद हो जाए, यह किसी को पता नहीं होता है. निर्माण कर रही एजेंसी किसी तरह की कोई सूचना पहले नहीं देती है कि आज इस रास्ते को बंद किया जाएगा. अचानक से बड़े-बड़े बैरिकेट्ड लगा दिए जाते हैं और रास्तों को बंद कर दिया जाता है. कई बार तो ऐसा होता है कि जिस रास्ते पर से थोड़ी देर पहले गुजरे होते हैं, उसी रास्ते को डायवर्ट कर दिया जाता है.

सर्वाधिक समस्या नयापुरा चौराहे पर

व्यापारियों और नदी पार रहने वाले लोगों की की बात की जाए तो उनका दर्द यही है कि एक बार अगर वे शहर में आ गए तो नयापुरा से होकर गुजरना टेढ़ी खीर हो जाता है. नयापुरा चौराहा पूरी तरह से खुदा हुआ है. यहां पर जगह-जगह निर्माण कार्य चल रहे हैं. साथ ही चंबल नदी की दो पुलिया में से एक को बंद किया हुआ है और पूरा ट्रैफिक एक तरफ से ही संचालित हो रहा है. इनमें से हैवी ट्रेफिक भी है. साथ ही बस स्टैंड नजदीक होने के चलते यहां से बसें भी गुजरती हैं.

इसके अलावा निर्माण में जुटी हैवी मशीनरी और डंपर भी यहां होकर गुजरते हैं. ऐसे में सर्वाधिक समस्या इन लोगों को हो रही है. नयापुरा इलाके में नदी पार क्षेत्र से आने वाले लोगों को तो आधा घंटा इस इलाके में होकर गुजरने पर लग जाता है. ऐसी समस्या बोरखेड़ा इलाके में जाने वाले लोगों के लिए है. उनके मुख्य मार्ग को बंद किया हुआ है और डायवर्टेड मार्ग गलियों के रास्ते होकर गुजरता है. जहां पर आए दिन ही ट्रैफिक जाम हो जाता है.

पढ़ें: कोटा: हाड़ौती में किसानों को हुआ तिहरा नुकसान- पहले रकबा कम, फिर अतिवृष्टि और अब बेमौसम बारिश... अरबों गए पानी में

लगातार हो रही है दुर्घटनाएं

शहर में खुदी हुई सड़कों के चलते लगातार दुर्घटनाएं भी हो रही हैं. क्योंकि दुपहिया वाहनों के फिसलने से लोग घायल भी हो रहे हैं. यहां तक कि बड़े वाहन भी कई बार इन बड़े-बड़े गड्ढों में असंतुलित हो जाते हैं. यहां तक कि कई जगह पर बैरिकेडिंग भी ठीक से नहीं की गई है. इसके चलते लोगों के लिए कारों में सवारी करना भी आसान काम नहीं है. यहां होने वाली दुर्घटना के चलते कई लोग चोटिल हुए हैं. इस पर कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा का कहना है कि एक साथ ही सभी जगह निर्माण कार्य छोड़ दिए गए हैं. जबकि इन्हें व्यवस्थित तरीके से करना चाहिए था.

Last Updated : Oct 28, 2021, 8:36 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.