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बीजेपी के बागी ओम गुंजल बोले- वोट किसे देना और किसे नहीं देना है, खुद तय करूंगा

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Published : Nov 6, 2020, 6:21 PM IST

कोटा दक्षिण नगर निगम में बीजेपी कांग्रेस के बीच मुकाबला टाई रहा है. ऐसे में दोनों पार्टियां निर्दलीय पार्षदों को मनाने में जुटी हुई हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने बीजेपी से बागी हुए निर्दलीय पार्षद ओम गुंजल से बातचीत की, जिसमें उन्होंने कहा कि मत देना उनका अधिकार है और वो मत किसे देंगे, किसे नहीं देंगे, ये फैसला वो खुद लेंगे.

Councilor Om Gunjal statement, Mayor of Kota municipal corporation
बीजेपी के बागी पार्षद ओम गुंजल का बयान

कोटा. कोटा दक्षिण में बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुकाबला टाई है. अब 8 निर्दलीयों के हाथ में सत्ता की कुंजी है. कांग्रेस अपने साथ 4 निर्दलीयों के होने का दावा कर रही है. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने भी तीन निर्दलीय अपने साथ होने की बात कह रही है. बचे हुए एक निर्दलीय ओम गुंजल अभी भी कोटा में ही हैं. उनसे ईटीवी भारत ने बातचीत की.

बीजेपी के बागी पार्षद ओम गुंजल का बयान

उन्होंने बताया कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया से फोन पर बातचीत हुई है. क्षेत्रीय विधायक मदन दिलावर से भी बात हुई है. उन्होंने कहा कि उनका पार्टी से एक ही प्रश्न है कि उनका टिकट किस आधार पर काटा गया, किसके कहने पर काटा गया. उन्होंने कहा कि वे पहले वार्ड नंबर 5 से जीते थे. परिसीमन के बाद के वार्ड बदलकर 31 हो गया है. उन्होंने कहा कि मैंने 5 साल जनता की सेवा की है. भ्रष्टाचार का किसी तरह का कोई आरोप मेरे ऊपर नहीं है. इसके बावजूद भी मेरा टिकट काटा गया. मेरा भाजपा से यही एक ही रिक्वेस्ट है कि यह पहले स्पष्ट कर दो मेरा टिकट किस आधार पर काटा गया.

पढ़ें- कांग्रेस मुख्यालय के बाहर धरना...मुस्लिम प्रत्याशी को महापौर बनाने की मांग

उन्होंने कहा कि अगर यह पार्टी स्पष्ट करती है कि व्यक्ति विशेष के कहने पर काटा गया है, तो वह व्यक्ति आगे भी काट-छांट करेगा. भारतीय जनता पार्टी फिर में बाद में भी टिकट कटता रहेगा या फिर उस व्यक्ति के प्रेशर में पार्टी मुझे राजनीति नहीं करने देगी. इसलिए में पहले पूर्ण रुप से पार्टी आश्वस्त करे कि दोबारा ऐसी बात नहीं होगी. तभी मैं आगे पूरा मन बना लूंगा. उन्होंने कहा कि मत देना मेरा अधिकार है, कहां देना है, कहां नहीं देना, यह निर्णय मैं स्वयं ले लूंगा.

होटल के कमरे में ही हो गया सर्वे

भाजपा ने सर्वे देकर टिकट देने की बात कही थी, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जनता ने एकतरफा 1300 मतों से मुझे आशीर्वाद दिया है. कहीं ना कहीं होटल में कमरे में बैठकर सर्वे किया गया है, जो चाय, कचौरी, समोसे व नाश्ते के साथ किया है. जब उन्होंने सर्वे के आधार पर मुझे हारा हुआ माना और टिकट काटा है, तो इससे साफ है कि सर्वे कुछ भी नहीं हुआ है.

वर्चस्व जमाने के लिए काटा टिकट

ओम गुंजल ने कहा कि कुछ नेताओं ने अपनी चलाने के लिए व वर्चस्व से जमाने के लिए टिकट बांटे हैं और जनता ने उनको जवाब दे दिया है. कोटा दक्षिण भारतीय जनता पार्टी का गढ़ था, वहां पर ही कांग्रेस ने जबरदस्त टक्कर दी और बराबरी की है, जो टिकट बांटे में पूर्ण रूप से गलत लोगों को दिए हैं, जिसका स्पष्ट जवाब जनता ने दे दिया है.

विधायक दिलावर भी प्रेशर में आ गए

बातचीत में ओम गुंजल ने बताया कि विधायक मदन दिलावर ने चुनाव के 2 दिन पहले ही स्टेटमेंट दे दिया था कि वे रामगंजमंडी एरिया में से 8 में से 6 वार्डों में जीत दर्ज करेंगे. भाजपा दो वार्ड में हार चुकी है, तो दिलावर तो पहले ही हार मान चुके थे. उन्होंने किसी के प्रेशर में आकर टिकट काटा है, परिवार के साथ रहे हैं, लेकिन मुझे आश्वस्त करना पड़ेगा कि आगे भी उस व्यक्ति के प्रेशर में नहीं आएंगे.

शर्तों पर बोले आलाकमान से ही करूंगा बात

ईटीवी ने जब भाजपा के बागी ओम गुंजल से सवाल किया कि वह पार्टी से उपमहापौर या समिति चेयरमैन की शर्त रखेंगे. इस पर ओम गुंजल ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व आएगा, बात करेंगे जो भी बैठ कर बात होती है. जनता की सेवा मुझे करनी है. मैं पहले भी 5 साल पार्षद रहकर सेवा कर चुका हूं और आगे भी 5 साल रहकर सेवा करूंगा, तो पार्टी काबिल समझेगी, जो भी बात होगी टेबल पर बैठकर बात होगी.

कोटा. कोटा दक्षिण में बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुकाबला टाई है. अब 8 निर्दलीयों के हाथ में सत्ता की कुंजी है. कांग्रेस अपने साथ 4 निर्दलीयों के होने का दावा कर रही है. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने भी तीन निर्दलीय अपने साथ होने की बात कह रही है. बचे हुए एक निर्दलीय ओम गुंजल अभी भी कोटा में ही हैं. उनसे ईटीवी भारत ने बातचीत की.

बीजेपी के बागी पार्षद ओम गुंजल का बयान

उन्होंने बताया कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया से फोन पर बातचीत हुई है. क्षेत्रीय विधायक मदन दिलावर से भी बात हुई है. उन्होंने कहा कि उनका पार्टी से एक ही प्रश्न है कि उनका टिकट किस आधार पर काटा गया, किसके कहने पर काटा गया. उन्होंने कहा कि वे पहले वार्ड नंबर 5 से जीते थे. परिसीमन के बाद के वार्ड बदलकर 31 हो गया है. उन्होंने कहा कि मैंने 5 साल जनता की सेवा की है. भ्रष्टाचार का किसी तरह का कोई आरोप मेरे ऊपर नहीं है. इसके बावजूद भी मेरा टिकट काटा गया. मेरा भाजपा से यही एक ही रिक्वेस्ट है कि यह पहले स्पष्ट कर दो मेरा टिकट किस आधार पर काटा गया.

पढ़ें- कांग्रेस मुख्यालय के बाहर धरना...मुस्लिम प्रत्याशी को महापौर बनाने की मांग

उन्होंने कहा कि अगर यह पार्टी स्पष्ट करती है कि व्यक्ति विशेष के कहने पर काटा गया है, तो वह व्यक्ति आगे भी काट-छांट करेगा. भारतीय जनता पार्टी फिर में बाद में भी टिकट कटता रहेगा या फिर उस व्यक्ति के प्रेशर में पार्टी मुझे राजनीति नहीं करने देगी. इसलिए में पहले पूर्ण रुप से पार्टी आश्वस्त करे कि दोबारा ऐसी बात नहीं होगी. तभी मैं आगे पूरा मन बना लूंगा. उन्होंने कहा कि मत देना मेरा अधिकार है, कहां देना है, कहां नहीं देना, यह निर्णय मैं स्वयं ले लूंगा.

होटल के कमरे में ही हो गया सर्वे

भाजपा ने सर्वे देकर टिकट देने की बात कही थी, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जनता ने एकतरफा 1300 मतों से मुझे आशीर्वाद दिया है. कहीं ना कहीं होटल में कमरे में बैठकर सर्वे किया गया है, जो चाय, कचौरी, समोसे व नाश्ते के साथ किया है. जब उन्होंने सर्वे के आधार पर मुझे हारा हुआ माना और टिकट काटा है, तो इससे साफ है कि सर्वे कुछ भी नहीं हुआ है.

वर्चस्व जमाने के लिए काटा टिकट

ओम गुंजल ने कहा कि कुछ नेताओं ने अपनी चलाने के लिए व वर्चस्व से जमाने के लिए टिकट बांटे हैं और जनता ने उनको जवाब दे दिया है. कोटा दक्षिण भारतीय जनता पार्टी का गढ़ था, वहां पर ही कांग्रेस ने जबरदस्त टक्कर दी और बराबरी की है, जो टिकट बांटे में पूर्ण रूप से गलत लोगों को दिए हैं, जिसका स्पष्ट जवाब जनता ने दे दिया है.

विधायक दिलावर भी प्रेशर में आ गए

बातचीत में ओम गुंजल ने बताया कि विधायक मदन दिलावर ने चुनाव के 2 दिन पहले ही स्टेटमेंट दे दिया था कि वे रामगंजमंडी एरिया में से 8 में से 6 वार्डों में जीत दर्ज करेंगे. भाजपा दो वार्ड में हार चुकी है, तो दिलावर तो पहले ही हार मान चुके थे. उन्होंने किसी के प्रेशर में आकर टिकट काटा है, परिवार के साथ रहे हैं, लेकिन मुझे आश्वस्त करना पड़ेगा कि आगे भी उस व्यक्ति के प्रेशर में नहीं आएंगे.

शर्तों पर बोले आलाकमान से ही करूंगा बात

ईटीवी ने जब भाजपा के बागी ओम गुंजल से सवाल किया कि वह पार्टी से उपमहापौर या समिति चेयरमैन की शर्त रखेंगे. इस पर ओम गुंजल ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व आएगा, बात करेंगे जो भी बैठ कर बात होती है. जनता की सेवा मुझे करनी है. मैं पहले भी 5 साल पार्षद रहकर सेवा कर चुका हूं और आगे भी 5 साल रहकर सेवा करूंगा, तो पार्टी काबिल समझेगी, जो भी बात होगी टेबल पर बैठकर बात होगी.

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