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कोटा: भाजपा पार्षदों ने धर्मपुरा गौशाला में अव्यवस्थाओं को लेकर कांग्रेस को घेरा

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Published : Dec 15, 2020, 4:54 AM IST

कोटा नगर निगम दक्षिण के भाजपा पार्षदों ने सोमवार को धर्मपुरा गौशाला का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान गौशाला में इंतजामों की पोल खुल गई. गौशाला में ना तो गायों के लिए हरा चारा था ना ही बीमार गायों के लिए दवाई. सर्दी के मौसम में गायों के लिए कोई इंतजाम नहीं थे. साथ ही कई कर्मचारी भी गौशाला से अनुपस्थित मिले.

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भाजपा पार्षदों ने किया धर्मपुरा गौशाला का औचक निरीक्षण

कोटा. नगर निगम दक्षिण के भाजपा पार्षदों ने सोमवार को धर्मपुरा गौशाला का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान गौशाला में इंतजामों की पोल खुल गई. गौशाला में ना तो गायों के लिए हरा चारा था ना ही बीमार गायों के लिए दवाई. सर्दी के मौसम में गायों के लिए कोई इंतजाम नहीं थे. साथ ही कई कर्मचारी भी गौशाला से अनुपस्थित मिले.

भाजपा पार्षदों का दल जब बंधा धर्मपुरा गौशाला पहुंचे तो गायों की हालत देखकर दंग रह गए. बहुत सी गायें फर्श पर पड़ी हुई थीं. छोटे बछड़ों को भी गायों के साथ एक ही बाड़े में बंद किया हुआ था. भूसा भी खराब क्वालिटी का था. गायों की देखभाल में लगे चिकित्सकों ने बताया कि पिछले छह महीने से हरा चारा नहीं आया है. गायों के इलाज के लिए दवाइयां भी काफी समय से उपलब्ध नहीं हैं, इस कारण वे सिर्फ प्राथमिक उपचार ही दे पा रहे हैं.

पढ़ें: संयम लोढ़ा ने लिखा गहलोत को पत्र, कि ये मांग...

प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ने लग गई है. बावजूद इसके गायों के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं. पार्षदों ने जब निगम कर्मचारियों से इस बारे में पूछताछ की तो वहां कोई जिम्मेदार व्यक्ति नहीं मिला. हाजिरी रजिस्टर की जांच की तो 9 दिसम्बर से किसी कि उपस्थिति दर्ज नहीं थी. पार्षदों ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के बोर्ड तथा निगम के अधिकारियों ने गायों को मरने के लिए गौशाला में लाकर बंद कर दिया है.

भाजपा पार्षदों ने आरोप लगाया कि पिछले वर्ष भाजपा बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होने के बाद से ही गौशाला की हालत बदतर हो रहे हैं. पहले एक वर्ष तक अधिकारियों का राज रहा. तब उन्होंने गौशाला की तरफ झांका तक नहीं. अब दोनों निगमों में कांग्रेस का बोर्ड बने एक माह से ज्यादा हो चुका है, लेकिन कांग्रेस बोर्ड के पदाधिकारियों को अब तक गौशाला का निरीक्षण करने का समय नहीं निकल पाए हैं. उनकी बेपरवाही का खामियाजा गौवंश भुगत रहे हैं. पार्षदों ने चेतावनी दी कि जल्द ही यदि हालात नहीं सुधरे तो आंदोलन किया जाएगा.

पीने के पानी में पड़े रहते हैं कीड़े

गौशाला में साफ-सफाई की भी कोई व्यवस्था नहीं मिली. पार्षदों ने बताया कि उन्होंने जब मवेशियों की पानी की खेळ को देखा तो उसमें मच्छर और कीड़े पड़े हुए थे. मजबूरी में मवेशियों को गंदा पानी पीना पड़ रहा है.

कोटा. नगर निगम दक्षिण के भाजपा पार्षदों ने सोमवार को धर्मपुरा गौशाला का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान गौशाला में इंतजामों की पोल खुल गई. गौशाला में ना तो गायों के लिए हरा चारा था ना ही बीमार गायों के लिए दवाई. सर्दी के मौसम में गायों के लिए कोई इंतजाम नहीं थे. साथ ही कई कर्मचारी भी गौशाला से अनुपस्थित मिले.

भाजपा पार्षदों का दल जब बंधा धर्मपुरा गौशाला पहुंचे तो गायों की हालत देखकर दंग रह गए. बहुत सी गायें फर्श पर पड़ी हुई थीं. छोटे बछड़ों को भी गायों के साथ एक ही बाड़े में बंद किया हुआ था. भूसा भी खराब क्वालिटी का था. गायों की देखभाल में लगे चिकित्सकों ने बताया कि पिछले छह महीने से हरा चारा नहीं आया है. गायों के इलाज के लिए दवाइयां भी काफी समय से उपलब्ध नहीं हैं, इस कारण वे सिर्फ प्राथमिक उपचार ही दे पा रहे हैं.

पढ़ें: संयम लोढ़ा ने लिखा गहलोत को पत्र, कि ये मांग...

प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ने लग गई है. बावजूद इसके गायों के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं. पार्षदों ने जब निगम कर्मचारियों से इस बारे में पूछताछ की तो वहां कोई जिम्मेदार व्यक्ति नहीं मिला. हाजिरी रजिस्टर की जांच की तो 9 दिसम्बर से किसी कि उपस्थिति दर्ज नहीं थी. पार्षदों ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के बोर्ड तथा निगम के अधिकारियों ने गायों को मरने के लिए गौशाला में लाकर बंद कर दिया है.

भाजपा पार्षदों ने आरोप लगाया कि पिछले वर्ष भाजपा बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होने के बाद से ही गौशाला की हालत बदतर हो रहे हैं. पहले एक वर्ष तक अधिकारियों का राज रहा. तब उन्होंने गौशाला की तरफ झांका तक नहीं. अब दोनों निगमों में कांग्रेस का बोर्ड बने एक माह से ज्यादा हो चुका है, लेकिन कांग्रेस बोर्ड के पदाधिकारियों को अब तक गौशाला का निरीक्षण करने का समय नहीं निकल पाए हैं. उनकी बेपरवाही का खामियाजा गौवंश भुगत रहे हैं. पार्षदों ने चेतावनी दी कि जल्द ही यदि हालात नहीं सुधरे तो आंदोलन किया जाएगा.

पीने के पानी में पड़े रहते हैं कीड़े

गौशाला में साफ-सफाई की भी कोई व्यवस्था नहीं मिली. पार्षदों ने बताया कि उन्होंने जब मवेशियों की पानी की खेळ को देखा तो उसमें मच्छर और कीड़े पड़े हुए थे. मजबूरी में मवेशियों को गंदा पानी पीना पड़ रहा है.

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