कोटा. भाजपा और कांग्रेस के बीच कोटा दक्षिण नगर निगम चुनाव परिणाम टाई होने से मामला रोचक हो गया है. जीते हुए 8 निर्दलियों के हाथ में सत्ता की चाबी है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी सत्ता पर काबिज होने के लिए पूरे प्रयास कर रही है. उसने अपने अधिकांश जीते हुए पार्षदों की बाड़ेबंदी बूंदी रोड स्थित निजी रिसॉर्ट में कर दी है. खुद कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा, विधायक हीरालाल नागर और अन्य नेता कमान संभाले हुए हैं.
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दूसरी ओर प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और कोटा के प्रभारी मंत्री लालचंद कटारिया कोटा आएंगे. इसके बाद ही तय किया जाएगा कि कोटा दक्षिण में कौन महापौर होगा. वहीं, उत्तर में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला है. ऐसे में जो भी पार्टी का आलाकमान तय करेगा, उसके अनुसार महापौर बनेगा. हालांकि कोटा दक्षिण नगर निगम में मामला बराबरी पर आकर अटक जाने से कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही अपना बोर्ड बनाने का दावा कर रही हैं. कांग्रेस और बीजेपी का कहना है कि जो निर्दलीय जीते हैं, वो उनकी पार्टी के हैं, ऐसे में वह आसानी से अपना बोर्ड बना लेंगे.
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भाजपा की एमपी ले जाने की योजना
भारतीय जनता पार्टी ने अपने सभी पार्षदों को देर रात बूंदी रोड स्थित निजी रिसॉर्ट में बुला लिया. यहां पर कमरे बुक कर उन्हें 2-3 दिन रुकने के अनुसार सामान लाने को कहा गया था. देर रात तक इक्का-दुक्का पार्षदों को छोड़कर सभी रिसॉर्ट में पहुंच गए हैं. साथ ही भाजपा के नेताओं ने मध्य प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं से भी संपर्क साध लिया है. भाजपा के सूत्रों के अनुसार अब इन पार्षदों को कोटा से मध्यप्रदेश में शिफ्ट किया जा सकता है. इसके लिए तैयारी भी की जा रही है. हालांकि अभी यह कंफर्म नहीं है कि मध्य प्रदेश के किस शहर में इन पार्षदों को ले जाया जाएगा.