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Special: बेजुबान पक्षियों के लिए फरिश्ता बनकर आई ह्यूमन हेल्प लाइन की टीम, घूम घूमकर कर रही इलाज - अध्यक्ष मनोज जैन आदिनाथ

कोटा में पक्षियों की जान बचाने के लिए ह्यूमन हेल्प लाइन पूरे शहर में घूम घूमकर इनका इलाज करती है. दरअसल, मकर संक्रांति पर्व पतंगबाजी के दौरान कई बेजुबान पक्षियों की मांझे की चपेट में आने से उनकी मौत हो जाती है, जिसको लेकर ह्यूमन हेल्प लाइन की मोबाइल टीमें शहर में घूम घूमकर इन पक्षियों का इलाज करती है.

कोटा की खबर, Human help line
कोटा में ह्यूमन हेल्प लाइन कर रही घायल पक्षियों का इलाज
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Published : Jan 14, 2020, 2:28 PM IST

कोटा. शहर में पतंगबाजी में कई बेजुबान पक्षी मांझे की चपेट में आने से घायल हो जाते हैं. वहीं, पूरे शहर में ह्यूमन हेल्प लाइन की टीम इनका इलाज कर रही है. इसके लिए कई मोबाइल टीमें अलग-अलग क्षेत्रो में कार्य कर रही हैं.

कोटा की खबर, Human help line कोटा की खबर, Human help line
पतंगबाजी के दौरान घायल हुआ पक्षी

मकर संक्रांति पर्व पर पतंगबाजी के दौरान कई अनजान पक्षी मांझे की चपेट में आकर घायल हो जाते हैं. इनकी जान बची रहे इसके लिए ह्यूमन हेल्प लाइन शहर के इलाकों में मोबाइल टीमें नजर रखे हुए हैं, जिससे बेजुबान जानवरों की जान बच सके.

पढ़ें- दिल्ली से मीडिया को बुलाकर भाजपा ने जेके लोन अस्पताल और कोटा को बदनाम किया: मंत्री शांति धारीवाल

ह्यूमन हेल्प लाइन के अध्यक्ष मनोज जैन आदिनाथ ने बताया कि मकर संक्रांति पर जब-जब चाइनीज मांझा या रसायनिक मांझे का प्रयोग होता है. तो यह पर्यावरण के लिए बहुत खतरनाक होता है. इसमें स्वछंद रूप से जो पक्षी आसमान में विचरण करते हैं. इसकी चपेट में आकर घायल हो जाते हैं, जिनको समय पर उपचार नहीं मिलने से उनकी मौत तक हो जाती है.

कोटा में ह्यूमन हेल्प लाइन कर रही घायल पक्षियों का इलाज

एक दशक से भी अधिक ह्यूमन हेल्प लाइन इन पक्षियों की जान बचा रही है...

मनोज जैन आदिनाथ ने बताया कि ह्यूमन हेल्प लाइन घायल पक्षियों के लिए एक दशक से भी अधिक समय से काम कर रही है. इसके लिए शहर में मोबाइल टीमें घूम-घूम कर इन पक्षियों का इलाज कर पशु चिकित्सालय में पहुंचाती हैं.

कोटा की खबर, Human help line
कोटा की ह्यूमन हेल्प लाइन एम्बुलेन्स

पिछले एक महीने में 23 पक्षियों का किया इलाज...

ह्यूमन हेल्प लाइन के अध्यक्ष ने बताया कि अभी तक पिछले महीने में लगभग 23 घायल पक्षियों का इलाज कर चुके है. जिसमें पिछले दिनों में एक कबूतर की मौत हुई, बाकी सभी को बचा लिया गया और उनको पुनर्वास किया गया.

कोटा की खबर, Human help line
पक्षी का बचाव करते कर्मी

पढ़ें- कोटाः हवा और बादलों ने बिगाड़ा मौसम का मिजाज

मकर संक्रांति पर्व में पतंगबाजी का लुफ्त उठाने के साथ ही बेजुबान पक्षियों का भी ध्यान रखें, ताकि किसी बेजुबान पक्षी की जान ना जाये. इसके अलावा चाइनीज मांझे का प्रयोग न करें. इससे स्वयं को तो नुकसान होता है. इसके अलावा जो खुले आसमान में पक्षी विचरण करते है. वह भी इसकी चपेट में आने से घायल हो जाते हैं.

कोटा. शहर में पतंगबाजी में कई बेजुबान पक्षी मांझे की चपेट में आने से घायल हो जाते हैं. वहीं, पूरे शहर में ह्यूमन हेल्प लाइन की टीम इनका इलाज कर रही है. इसके लिए कई मोबाइल टीमें अलग-अलग क्षेत्रो में कार्य कर रही हैं.

कोटा की खबर, Human help line कोटा की खबर, Human help line
पतंगबाजी के दौरान घायल हुआ पक्षी

मकर संक्रांति पर्व पर पतंगबाजी के दौरान कई अनजान पक्षी मांझे की चपेट में आकर घायल हो जाते हैं. इनकी जान बची रहे इसके लिए ह्यूमन हेल्प लाइन शहर के इलाकों में मोबाइल टीमें नजर रखे हुए हैं, जिससे बेजुबान जानवरों की जान बच सके.

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ह्यूमन हेल्प लाइन के अध्यक्ष मनोज जैन आदिनाथ ने बताया कि मकर संक्रांति पर जब-जब चाइनीज मांझा या रसायनिक मांझे का प्रयोग होता है. तो यह पर्यावरण के लिए बहुत खतरनाक होता है. इसमें स्वछंद रूप से जो पक्षी आसमान में विचरण करते हैं. इसकी चपेट में आकर घायल हो जाते हैं, जिनको समय पर उपचार नहीं मिलने से उनकी मौत तक हो जाती है.

कोटा में ह्यूमन हेल्प लाइन कर रही घायल पक्षियों का इलाज

एक दशक से भी अधिक ह्यूमन हेल्प लाइन इन पक्षियों की जान बचा रही है...

मनोज जैन आदिनाथ ने बताया कि ह्यूमन हेल्प लाइन घायल पक्षियों के लिए एक दशक से भी अधिक समय से काम कर रही है. इसके लिए शहर में मोबाइल टीमें घूम-घूम कर इन पक्षियों का इलाज कर पशु चिकित्सालय में पहुंचाती हैं.

कोटा की खबर, Human help line
कोटा की ह्यूमन हेल्प लाइन एम्बुलेन्स

पिछले एक महीने में 23 पक्षियों का किया इलाज...

ह्यूमन हेल्प लाइन के अध्यक्ष ने बताया कि अभी तक पिछले महीने में लगभग 23 घायल पक्षियों का इलाज कर चुके है. जिसमें पिछले दिनों में एक कबूतर की मौत हुई, बाकी सभी को बचा लिया गया और उनको पुनर्वास किया गया.

कोटा की खबर, Human help line
पक्षी का बचाव करते कर्मी

पढ़ें- कोटाः हवा और बादलों ने बिगाड़ा मौसम का मिजाज

मकर संक्रांति पर्व में पतंगबाजी का लुफ्त उठाने के साथ ही बेजुबान पक्षियों का भी ध्यान रखें, ताकि किसी बेजुबान पक्षी की जान ना जाये. इसके अलावा चाइनीज मांझे का प्रयोग न करें. इससे स्वयं को तो नुकसान होता है. इसके अलावा जो खुले आसमान में पक्षी विचरण करते है. वह भी इसकी चपेट में आने से घायल हो जाते हैं.

Intro:स्पेशल:-मकर संक्रांति पर्व पर पतंगबाजी में कई बेजुबान पक्षी मांझे की चपेट में आने से घायल हो जाते हैं।हुमन हेल्प लाइन ने इन घायल पक्षियों का इलाज करने का जिम्मा उठाया।

कोटा शहर में पतंगबाजी में कई बेजुबान पक्षी मांझे की चपेट में आने से घायल हो जाते है।वही पूरे शहर में हुमन हेल्प लाइन की टीम इनका इलाज कर रही।है इसके लिए कई मोबाइल टीमें अलग अलग क्षेत्रो में कार्य कर रहे हैं।
Body:मकर संक्रांति पर्व पर पतंगबाजी के दौरान कई अनजान पक्षी मांझे की चपेट में आकर घायल हो जाते है।इनकी जान बची रहे इसके लिए हुमन हेल्प लाइन शहर के इलाकों में अपनी मोबाइल टीमें नजर रखे हुए है।जिससे बेजुबान जनवरो की जान बच सके।
हुमन हेल्प लाइन के अध्यक्ष मनोज जैन आदिनाथ ने बताया किमकर संक्रांति पर जब जब चाइनीज मांझा या रसायनिक मांझे का प्रयोग होता है।यह पर्यावरण के लिए बहुत खतरनाक होता है।इसमे जो स्वछंद रूप से जो पक्षी आसमान में विचरण करते है इनकी चपेट में आकर घायल हो जाते है।जिनको समय पर उपचार नही मिलने से उनकी मौत तक हो जाती है।
एक दशक से भी अधिक हुमन हेल्प लाइन इन पक्षियों की जान बचा रही है:-
मनोज जैन आदिनाथ ने बताया कि हुमन हेल्प लाइन घायल पक्षियों के लिए एक दशक से भी अधिक समय पर काम कर रही है।इसके लिए शहर में मोबाइल टीमें घूम कर इन पक्षियों का इलाज कर पशु चिकित्सालय में पहुचती है।
पिछले एक महीने में 23 पक्षीयो का किया इलाज:-
हुमन हेल्प लाइन के अध्यक्ष ने बताया कि अभी तक पिछले महीने में लगभग23 घायल पक्षियों का इलाज कर चुके है।जिसमे पिछले दिनों एक कबूतर की मौत हुई बाकी सभी को बचा लिया गया।ओर उनको पुनर्वास किया गया।
Conclusion:मकर संक्रांति पर्व में पतंगबाजी का लुप्त उठाने के साथ ही बेजुबान पक्षियों का भी ध्यान रखे ताकि किसी बेजुबान पक्षी की जान न जाये।इसके अलावा चाइनीज मांझे का प्रयोग नही करे इससे स्वयम को तो नुकसान होता है इसके अलावा जो खुले आसमान में पक्षी विचरण करते है वह भी इसकी चपेट में आने से घायल हो जाते है।
बाईट-मनोज जैन आदिनाथ, अध्यक्ष, हुमन हेल्प लाइन कोटा
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