कोटा. सांगोद के विधायक भरत सिंह और प्रदेश के खनन एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया में लंबे समय से टसल चली आ रही है. अब भरत सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख मांग कर डाली है कि अवैध खनन को अगर प्रदेश में रोकना है, तो खनन मंत्री को पद से हटाना (Bharat Singh demands removal of Mining minister) होगा. भरत सिंह ने अपने पत्र में बिना प्रमोद जैन भाया का नाम लिए उन्हें भ्रष्ट तक बता दिया. इसी मामले में वे पहले भी उन्हें कई बार खनन मंत्री भाया को भ्रष्टाचारी कह चुके हैं.
सिंह ने अपने पत्र में अवैध खनन के लिए भाया को ही जिम्मेदार बताया है. उनका कहना है कि प्रदेश में खनन माफिया अब नियंत्रण से बाहर हो गए हैं. इसमें सुधार तभी संभव होगा, जब उच्च स्तर पर भ्रष्टाचार करने वालों को पद से मुक्त किया जाए, यानी कि उनका निशाना भाया पर था. उनका कहना है कि यह कहावत जरूर है 'लोहे को लोहा से काटा जाए'. मगर खनिज विभाग में तो भ्रष्टाचार को भ्रष्ट मुखिया नहीं रोक सकता है. भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए भ्रष्ट राजनेताओं पर भी कार्रवाई होना आवश्यक है. सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के संकल्प पर सख्ती से अमल करना है, तो खनिज विभाग के मुखिया को पद से मुक्त करना होगा.
पूरे प्रदेश को ही धौलपुर बनाने पर आमादा है मुखिया
ईटीवी भारत ने जब भरत सिंह से पूछा कि उन्होंने मंत्री का नाम पत्र में नहीं लिखा है. इस पर उन्होंने जवाब दिया कि जब मैंने राजस्थान की राजधानी लिखा है, तो जयपुर लिखना जरूरी नहीं है. मैं इस मुद्दे पर पहले भी बोलता रहा हूं और आगे भी बोलता रहूंगा. पूरे प्रदेश में खनन माफिया सक्रिय है. इस पर किसी की तो जवाबदेही तय होगी. खनन माफिया लोगों को ही जान से मारने लग गए हैं. ऐसे में मुखिया (मंत्री भाया) को मौके पर भी जाना चाहिए. अब तो केवल इतना सा बचा है कि प्लेट में सजाकर लोगों को खाना ही बाकी रह गया है. उनका कहना है कि खनन विभाग के मुखिया तो पूरे प्रदेश को ही धौलपुर बनाने में आमादा है.
मंत्री भाया के खिलाफ पहले भी लग चुके हैं पोस्टर
भाया के खिलाफ पहले ही कोटा जिले के कांग्रेस कार्यकर्ता हाईवे पर पोस्टर लगा चुके हैं. इस पोस्टर वार में उन पर सोरसन अभ्यारण क्षेत्र में पत्थर और रैती खाने के आरोप लगाए गए थे. हालांकि जब भी भाया, भरत सिंह के मुद्दे पर मीडिया को जवाब देते हैं, तो उन्हें आदरणीय और अपने अग्रज बताते हैं.