कोटा. सांगोद विधायक भरत सिंह ने अलवर में आईएएस अधिकारी और पूर्व कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया के रिश्वत लेने के मामले पर कोटा के ग्रामीण एसपी कावेंद्र सिंह सागर को पत्र लिखा है. उनका कहना है कि जिस तरह से अलवर में भी हाईवे निर्माण कंपनियों से बेधड़क काम चालू रखने की एवज में बतौर मंथली लाखों रुपए की रिश्वत ली जा रही थी. उनके साथ में आरएएस अधिकारी और दलाल भी पकड़ में आया है. इसी तरह से कोटा में भी 8 लेन हाईवे निर्माण में इस प्रकार का खेल तालाबों की खुदाई में चल रहा (Bharat Singh allegations of bribe in Kota 8 lane highway construction) है.
सिंह ने कोटा पुलिस को भी कटघरे में खड़ा किया है. सिंह ने इस पत्र को सीएम अशोक गहलोत को बतौर गृहमंत्री भेजा है. साथ ही कोटा रेंज आईजी, संभागीय आयुक्त और जिला कलेक्टर को भी पत्र भेजा है. विधायक का आरोप है कि उन्होंने 20 अप्रैल को ही एसपी को फोन किया था. इस दौरान उन्होंने बताया था कि दीगोद थाना इलाके में देवपुरा गांव में अवैध रूप से तालाब की खुदाई की जा रही है. इसके बाद भी पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. उनका कहना है कि 23 अप्रैल को इस संबंध में एसपी ने उन्हें बताया कि यह मामला पुलिस विभाग से संबंधित नहीं है.
सिंह का कहना है कि जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और दीगोद के उपखंड अधिकारी ने गाइडलाइन की पालना के अनुसार किसी भी तालाब की खुदाई सही से होना नहीं पाया है. इसकी जानकारी पुलिस उप अधीक्षक कोटा ग्रामीण को भी है. मीडिया ने भी इस मुद्दे को कई बार उठाया है. सिंह ने सवाल उठाया है कि इसके बाद भी रात को अवैध खुदाई होना और पुलिस का चुप रहना क्या संकेत देता है? उन्होंने इस पर आशंका जताई है. उनका कहना है कि पंचायतों के तालाबों को नष्ट किया जा रहा है. इनमें बच्चे डूब मरेंगे. उन्होंने कहा कि विधायक होने के नाते वे इस मामले में चुप्पी नहीं साध सकते हैं. अलवर की तरह कोटा में यह धंध जारी रहने नहीं दिया जा सकता है.