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Exclusive: रिश्वतखोरी का 'ऑडियो बम', जिला परिषद में 'चढ़ावे' के खेल का खुलासा

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Published : Dec 18, 2019, 11:39 AM IST

Updated : Dec 18, 2019, 12:09 PM IST

कोटा के जिला परिषद रिश्वतखोरी कांड में रिश्वतखोर कनिष्ठ सहायक कमलकांत वैष्णव और परिवादी सरपंच शिव पांचाल की ऑडियो रिकॉर्डिंग ईटीवी भारत को मिली है. जिसमें जिला परिषद में चल रहे भ्रष्टाचार के खेल का खुलासा हुआ है.

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कोटा जिला परिषद में 'चढ़ावे' के खेल का खुलासा

कोटा. जिला परिषद में कनिष्ठ सहायक कमलकांत वैष्णव को रिश्वत के प्रकरण में कुछ दिन पहले ही एसीबी ने गिरफ्तार किया गया था. उसका एक ऑडियो ईटीवी भारत को मिला है. इस ऑडियो में यह साफ जाहिर हो रहा है, कि किस तरह ग्रामीण क्षेत्र में विकास के नाम पर रिश्वतखोरी की जा रही है.

कोटा जिला परिषद में 'चढ़ावे' के खेल का खुलासा

कनिष्ठ सहायक कमलकांत वैष्णव और जिला प्रमुख पीए चंद्रप्रकाश ने किस तरह सरपंचों को वित्तीय स्वीकृति जारी करने के नाम पर उनसे वसूली की. उसका खुलासा एक ऑडियो क्लिप के जरिए हुआ है. इस ऑडियो को सुनकर आप समझ सकते हैं, कि आखिर ग्रामीण इलाकों तक विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा है. सरकारी योजनाओं का सिस्टम में किसी परभक्षी जीव की तरह बैठे सरकारी मुलाजिम किस तरह खून चूसने में लगे हैं. उसका खुलासा जिला परिषद के कनिष्ठ सहायक कमलकांत वैष्णव और परिवादी सरपंच शिव पांचाल की कॉल रिकॉर्डिंग से हुआ है.

पढ़ें- हाल-ए-English Medium School: बच्चे तो अंग्रेजी बोलते हैं, लेकिन मुलभूत सुविधाओं से वंचित है विद्यालय, कुछ तो नाम ही कटवा लिए

दरअसल, एसीबी को जिला परिषद के रिश्वतखोर बाबू कमलकान्त और परिवादी सरपंच की बातचीत की दो ऑडियो रिकॉर्डिंग मिली है, जिनको सुनकर समझा जा सकता है, कि जिला परिषद में सरपंचों से किस तरह बेखौफ होकर खुलेआम फोन पर वसूली की जा रही थी.

एमएलए लेते हैं 10 फीसदी कमीशन...

ऑडियो रिकॉर्डिंग में आरोपी बाबू कमलकांत सरपंच शिव पांचाल को यहां तक कह रहा है, कि एमएलए जो विकास कार्य करवाते हैं. उनका 10 फीसदी कमीशन के रूप में वापस ले लेते हैं. हालांकि रिश्वतखोर कनिष्ठ सहायक कमलकांत अब सलाखों के पीछे है और एसीबी ने उसे रिश्वत के प्रकरण में ही गिरफ्तार किया है. लेकिन यह रिकॉर्डिंग बताती है, कि गांव में विकास की रफ्तार क्यों अटकी हुई है.

रिकॉर्डिंग- 1
कमलकान्त- आप आज आओ तो अपने ये है ना पीए साहब

सरपंच- नहीं, आज कोटा से बाहर हूं मैं

कमलकान्त- तो कल आओगे

सरपंच- हां, कल वो ठेकेदार को भी बुला लेता हूं, हम दोनों वहीं आ जाएंगे

कमलकान्त- ठेकेदार को मत बुलाना, आप आना, मतलब नहीं है ठेकेदार से

सरपंच- ठीक ठीक...मैं आ जाऊंगा, टेंशन मत लो आप

कमलकान्त- टेंशन की बात नहीं है...यार मेरे को पीए साहब को देना है यार

सरपंच- मैंने क्या कहा आपसे, आप निश्चिन्त रहो, मुझे मेरे काम से मतलब है

कमलकान्त- अप्पन ने उनसे लिए हैं उधार, पैसे देने पड़ेंगे भाई साहब

सरपंच- नहीं...नहीं....कर देंगे

कमलकान्त- कल कितने बजे आओगे

सरपंच- कल 2-3 बजे के लगभग, थोड़े पंचायत के काम से फ्री होकर

कमलकान्त- आपके वो दोनों तीनो काम थे ना, सब निकाल दिए

सरपंच- सारे ही निकाल दिए

कमलकान्त- सबकी मास्टर रोल ले लो, मैं आपको व्हाट्सएप्प कर रहा हूं, अभी

सरपंच- ठीक है...जी...जी

रिकॉर्डिंग- 2

सरपंच- थोड़ा सा उनसे कहो ना कि राशि थोड़ी कम कर लो ना

कमलकान्त- नहीं करते यार, घर की बात बताऊं आपको, 25 में मेरे को भी नहीं देते कुछ भी

सरपंच- फिर कैसे करें यार

कमलकान्त- मैं बता रहा हूं आपको, अपने पास खुला खाता है

सरपंच- मेरे को पंचायत समिति भी तो देखनी पड़ती है ना सर

कमलकान्त- इसमे क्या करना है पंचायत समिति

सरपंच- इसमें नहीं है कुछ भी

कमलकान्त- इसमें तो डायरेक्ट पैसे देंगे हम आपको, पंचायत समिति का कोई रोल नही है

सरपंच - तो जेईएन वगैराह तो आते हैं

कमलकान्त- वह तो करना ही पड़ेगा जेईएन का जो भी है, आपको मालूम है वह तो

सरपंच- चलो मैं देखता हूं, कह दो आप करवा देंगे

कमलकान्त- यह तो अलग मैटर है जैसे, अप्पन एमएलए से लेते है, 10 परसेंट लेते है एमएलए तो

सरपंच- ठीक है करवा दो आप

कमलकान्त- मेरे को आप व्हाट्सएप्प कर देना

सरपंच- ठीक है बॉस

कोटा. जिला परिषद में कनिष्ठ सहायक कमलकांत वैष्णव को रिश्वत के प्रकरण में कुछ दिन पहले ही एसीबी ने गिरफ्तार किया गया था. उसका एक ऑडियो ईटीवी भारत को मिला है. इस ऑडियो में यह साफ जाहिर हो रहा है, कि किस तरह ग्रामीण क्षेत्र में विकास के नाम पर रिश्वतखोरी की जा रही है.

कोटा जिला परिषद में 'चढ़ावे' के खेल का खुलासा

कनिष्ठ सहायक कमलकांत वैष्णव और जिला प्रमुख पीए चंद्रप्रकाश ने किस तरह सरपंचों को वित्तीय स्वीकृति जारी करने के नाम पर उनसे वसूली की. उसका खुलासा एक ऑडियो क्लिप के जरिए हुआ है. इस ऑडियो को सुनकर आप समझ सकते हैं, कि आखिर ग्रामीण इलाकों तक विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा है. सरकारी योजनाओं का सिस्टम में किसी परभक्षी जीव की तरह बैठे सरकारी मुलाजिम किस तरह खून चूसने में लगे हैं. उसका खुलासा जिला परिषद के कनिष्ठ सहायक कमलकांत वैष्णव और परिवादी सरपंच शिव पांचाल की कॉल रिकॉर्डिंग से हुआ है.

पढ़ें- हाल-ए-English Medium School: बच्चे तो अंग्रेजी बोलते हैं, लेकिन मुलभूत सुविधाओं से वंचित है विद्यालय, कुछ तो नाम ही कटवा लिए

दरअसल, एसीबी को जिला परिषद के रिश्वतखोर बाबू कमलकान्त और परिवादी सरपंच की बातचीत की दो ऑडियो रिकॉर्डिंग मिली है, जिनको सुनकर समझा जा सकता है, कि जिला परिषद में सरपंचों से किस तरह बेखौफ होकर खुलेआम फोन पर वसूली की जा रही थी.

एमएलए लेते हैं 10 फीसदी कमीशन...

ऑडियो रिकॉर्डिंग में आरोपी बाबू कमलकांत सरपंच शिव पांचाल को यहां तक कह रहा है, कि एमएलए जो विकास कार्य करवाते हैं. उनका 10 फीसदी कमीशन के रूप में वापस ले लेते हैं. हालांकि रिश्वतखोर कनिष्ठ सहायक कमलकांत अब सलाखों के पीछे है और एसीबी ने उसे रिश्वत के प्रकरण में ही गिरफ्तार किया है. लेकिन यह रिकॉर्डिंग बताती है, कि गांव में विकास की रफ्तार क्यों अटकी हुई है.

रिकॉर्डिंग- 1
कमलकान्त- आप आज आओ तो अपने ये है ना पीए साहब

सरपंच- नहीं, आज कोटा से बाहर हूं मैं

कमलकान्त- तो कल आओगे

सरपंच- हां, कल वो ठेकेदार को भी बुला लेता हूं, हम दोनों वहीं आ जाएंगे

कमलकान्त- ठेकेदार को मत बुलाना, आप आना, मतलब नहीं है ठेकेदार से

सरपंच- ठीक ठीक...मैं आ जाऊंगा, टेंशन मत लो आप

कमलकान्त- टेंशन की बात नहीं है...यार मेरे को पीए साहब को देना है यार

सरपंच- मैंने क्या कहा आपसे, आप निश्चिन्त रहो, मुझे मेरे काम से मतलब है

कमलकान्त- अप्पन ने उनसे लिए हैं उधार, पैसे देने पड़ेंगे भाई साहब

सरपंच- नहीं...नहीं....कर देंगे

कमलकान्त- कल कितने बजे आओगे

सरपंच- कल 2-3 बजे के लगभग, थोड़े पंचायत के काम से फ्री होकर

कमलकान्त- आपके वो दोनों तीनो काम थे ना, सब निकाल दिए

सरपंच- सारे ही निकाल दिए

कमलकान्त- सबकी मास्टर रोल ले लो, मैं आपको व्हाट्सएप्प कर रहा हूं, अभी

सरपंच- ठीक है...जी...जी

रिकॉर्डिंग- 2

सरपंच- थोड़ा सा उनसे कहो ना कि राशि थोड़ी कम कर लो ना

कमलकान्त- नहीं करते यार, घर की बात बताऊं आपको, 25 में मेरे को भी नहीं देते कुछ भी

सरपंच- फिर कैसे करें यार

कमलकान्त- मैं बता रहा हूं आपको, अपने पास खुला खाता है

सरपंच- मेरे को पंचायत समिति भी तो देखनी पड़ती है ना सर

कमलकान्त- इसमे क्या करना है पंचायत समिति

सरपंच- इसमें नहीं है कुछ भी

कमलकान्त- इसमें तो डायरेक्ट पैसे देंगे हम आपको, पंचायत समिति का कोई रोल नही है

सरपंच - तो जेईएन वगैराह तो आते हैं

कमलकान्त- वह तो करना ही पड़ेगा जेईएन का जो भी है, आपको मालूम है वह तो

सरपंच- चलो मैं देखता हूं, कह दो आप करवा देंगे

कमलकान्त- यह तो अलग मैटर है जैसे, अप्पन एमएलए से लेते है, 10 परसेंट लेते है एमएलए तो

सरपंच- ठीक है करवा दो आप

कमलकान्त- मेरे को आप व्हाट्सएप्प कर देना

सरपंच- ठीक है बॉस

Intro:कोटा के जिला परिषद रिश्वतखोरी कांड में रिश्वतखोर कनिष्ठ सहायक कमलकांत वैष्णव और परिवादी सरपंच शिव पांचाल की ऑडियो रिकॉर्डिंग ईटीवी भारत को मिली है. जिसमें की जिला परिषद में चल रहे भ्रष्टाचार के खेल का खुला था अपने आप ही हो रहा है.Body:कोटा.
कोटा जिला परिषद में कनिष्ठ सहायक कमलकान्त वैष्णव और जिला प्रमुख पीए चंद्रप्रकाश द्वारा किस तरह सरपंचों को वित्तीय स्वीकृति जारी करने के नाम पर उनसे वसूली की जा रही थी उसका खुलासा आज ऑडियो क्लिप के जरिए करने पर करने जा रहें है. जिला परिषद में चल रहे भ्रष्टाचार का एक ऑडियो-बम सामने आया है. जिसे सुनकर आप समझ सकते है कि आखिर ग्रामीण इलाकों तक विकास क्यों नही पहुंच पा रहा है. सरकारी योजनाओं का सिस्टम में किसी परभक्षी जीव की तरह बैठे सरकारी मुलाजिम किस तरह रक्तचूषण करने में लगे है, उसका खुलासा जिला परिषद के कनिष्ठ सहायक कमलकान्त वैष्णव और परिवादी सरपंच शिव पांचाल की काल रिकॉर्डिंग से हुआ है.
दरसअल, एसीबी को जिला परिषद के रिश्वतखोर बाबू कमलकान्त और परिवादी सरपंच की बातचीत की दो ऑडियो रिकॉर्डिंग मिली है. जिनको सुनकर समझा जा सकता है कि जिला परिषद में सरपंचों से किस तरह बेखौफ होकर खुलेआम फ़ोन पर वसूली की जा रही थी. ऑडियो रिकॉर्डिंग में आरोपी बाबू कमलकांत सरपंच शिव पांचाल को यहां तक कह रहा है कि एमएलए भी जो विकास कार्य करवाते हैं. उनका 10 फीसदी कमीशन के रूप में वापस ले लेते हैं. हालांकि रिश्वतखोर कनिष्ठ सहायक कमलकांत अब सलाखों के पीछे है और एसीबी ने उसे रिश्वत के प्रकरण में ही गिरफ्तार किया है, लेकिन यह रिकॉर्डिंग बताती है कि गांव में विकास की रफ्तार क्यों अटकी हुई है. क्योंकि भ्रष्टाचार की पढ़ते हैं हर जगह मौजूद है.



रिकॉर्डिंग-1 की ट्रांसक्रिप्ट: सब काम निकाल दिए आप कब आएंगे

कमलकान्त:- आप आज आओ तो अपने ये है ना पीए साहब....

सरपंच:- नही,आज कोटा से बाहर हूँ मैं.

कमलकान्त:- तो कल आओगे

सरपंच:- हां, कल वो ठेकेदार को भी बुला लेता हूँ, हम दोनों वहीं आ जाएंगे

कमलकान्त:- ठेकेदार को मत बुलाना,आप आना, मतलब नही है ठेकेदार से

सरपंच:- ठीक ठीक....मैं आ जाऊंगा, टेंशन मत लो आप

कमलकान्त:- टेंशन की बात नही है... यार मेरे को पीए साहब को देना है यार.....

सरपंच:- मैंने क्या कहा आपसे,आप निश्चिन्त रहो, मुझे मेरे काम से मतलब है.

कमलकान्त:- अप्पन ने उनसे लिए हैं उधार, पैसे देने पड़ेंगे भाईसाहब

सरपंच:- नही...नही....कर देंगे

कमलकान्त:- कल कितने बजे आओगे.

सरपंच:- कल 2-3 बजे के लगभग, थोड़े पंचायत के काम से फ्री होकर

कमलकान्त:-, आपके वो दोनों तीनो काम थे ना....सब निकाल दिए

सरपंच:- सारे ही निकाल दिए

कमलकान्त:- सबकी मास्टररोल ले लो, मैं आपको व्हाट्सएप्प कर रहा हूं, अभी

सरपंच:- ठीक है...जी...जी

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Conclusion:रिकॉर्डिंग-2 की ट्रांसक्रिप्ट: एमएलए तो 10 परसेंट लेते हैं

सरपंच:- थोड़ा सा उनसे कहो ना कि राशि थोड़ी कम कर लो ना....

कमलकान्त:-नही करते यार, घर की बात बताओं आपको, 25 में मेरे को भी नही देते कुछ भी...

सरपंच:- फिर कैसे करें यार

कमलकान्त:- मैं बता रहा हूँ आपको,अपने पास खुला खाता है।

सरपंच:- मेरे को पंचायत समिति भी तो देखनी पड़ती है ना सर

कमलकान्त:- इसमे क्या करना है पंचायत समिति

सरपंच:- इसमे नही है कुछ भी...?

कमलकान्त:- इसमे तो डायरेक्ट पैसे देंगे हम आपको, पंचायत समिति का कोई रोल नही है.

सरपंच:- तो जेईएन वगैराह तो आते है..

कमलकान्त:- वह तो करना ही पड़ेगा जेईएन का जो भी है, आपको मालूम है वह तो

सरपंच:-चलो मैं देखता हूं, कह दो आप करवा देंगे

कमलकान्त:- यह तो अलग मैटर है

जैसे....अप्पन एमएलए से लेते है, 10 परसेंट लेते है एमएलए तो

सरपंच:- ठीक है करवा दो आप

कमलकान्त:- मेरे को आप व्हाट्सएप्प कर देना,,

सरपंच:- ठीक है बॉस

Last Updated : Dec 18, 2019, 12:09 PM IST
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