कोटा. शहर के जेके लोन अस्पताल में गुरुवार को मेडिकल एजुकेशन के प्रिंसिपल सेक्रेट्री वैभव गालरिया दौरे पर आए. उनके दौरे के बाद आज नवजात शिशु की मौत के मामले में सरकार का एक्शन मोड भी नजर आया.
कोटा मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष और वरिष्ठ आचार्य डॉ. अमृत लाल बैरवा को आज एपीओ कर दिया गया है और उन्हें जयपुर में निदेशालय में उपस्थिति देने के निर्देश जारी किए गए हैं. इसके पहले जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एससी दुलारा को हटा दिया था. साथ ही विभाग अध्यक्ष पद से भी डॉ. एएल बैरवा को हटाया था. वहीं, नर्सिंग अधीक्षक रामरतन मीणा को भी हटाकर दूसरी जगह लगा दिया था.
इसके अलावा गालरिया के दौरे के बाद ही जेके लोन अस्पताल में नर्स ग्रेड द्वितीय पर कार्यरत रोजी शर्मा, प्रसाविका का पुष्पलता और सावित्री राठौर को भी निलंबित कर दिया है. यह तीनों पोस्ट नेटल वार्ड में ही कार्यरत थी. जहां पर तीन नवजात शिशु की मौत 10 दिसंबर को हुई थी. इन तीनों को निलंबन काल में जयपुर निदेशालय में ही उपस्थिति देने के निर्देश दिए हैं.
बता दें कि जेके लोन अस्पताल में अब तक 6 जनों पर कार्रवाई राज्य सरकार कर चुकी है. इनमें तीन को निलंबित, एक को एपीओ और 2 को पद से हटा दिया गया है. जिनमें अधीक्षक, विभागाध्यक्ष, नर्सिंग अधीक्षक और नर्सिंग कार्मिक शामिल है.
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नए अधीक्षक ने भी पद छोड़ने की जताई इच्छा
जेके लोन अस्पताल में 15 दिसंबर को ही पूर्व अधीक्षक डॉ. एससी दुलारा को हटाकर फॉरेंसिक मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. अशोक कुमार मूंदड़ा को अधीक्षक बनाया था, लेकिन डॉ. मूंदड़ा भी अब अधीक्षक पद पर कार्य नहीं करने के इच्छुक हैं. उन्होंने एक पत्र तैयार करवाया है. जिसमें मानसिक रूप से परेशान होने का हवाला देकर अधीक्षक पद छोड़ने के लिए पत्र तैयार करवाया है. हालांकि मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना का कहना है कि उन्हें अब तक किसी भी तरह का ऐसा पत्र नहीं मिला है.