ETV Bharat / city

कोटा में कोरोना से बचाने के लिए घर-घर सर्वे कर रही आशा सहयोगिनी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता - corona virus news

कोटा को कोरोना के कहर से बचाने के लिए सैकड़ों आशा सहयोगिनियों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का जज्बा देखने को मिल रहा है. लॉकडाउन के दौरान यह वर्कर्स बसन्त विहार, दादाबाड़ी और हनुमान बस्ती में घर-घर सर्वे करने में जुटी हुई हैं.

कोटा में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता,  राजस्थान में कोरोना वायरस,  कोटा में लॉकडाउन,  कोटा में कोरोना वायरस,  kota news, rajasthan news
घर-घर सर्वे
author img

By

Published : Apr 2, 2020, 1:58 PM IST

कोटा. शहर के बसंत बिहार के कंटेनमेंट जोन में काम कर रही आशा सहयोगिनियों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का जज्बा कोरोना लॉकडाउन में देखने को मिल रहा है. इनके जिम्मे बसंत विहार और आसपास के क्षेत्र की स्क्रीनिंग का जिम्मा है.

सभी इंतजार कर रहे हैं आशा सहयोगिनी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का, क्योंकि स्क्रीनिंग का काम इनके बगैर एकदम भी आगे नहीं बढ़ सकता. शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में यह आशाएं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कोरोना महामारी से लड़ने के लिए तैयार हैं. जिसने पूरी दुनिया की नाक में दम कर रखा है.

कोटा में घर-घर सर्वे

पढ़ेंः राजस्थान में 450 तबलीगी जमात के लोगों को चिह्नित कर किया गया क्वॉरेंटाइन

यह महिलाएं उस जीरो मोबिलिटी जॉन में थी, जहां शुक्रवार तक कोई बाहर नहीं निकल सकता है. इन टीमों के समवन्य का काम देख रहे डॉक्टर के मुताबिक इस वक्त आशा और आंगनबाड़ी वर्कर्स के सामने दो बड़े चैलेंज है. पहला तो इस तरह की महामारी पहली बार है जिसका पर्याप्त अनुभव नहीं है और दूसरा यह कि अपने क्षेत्र की बजाय दूसरे क्षेत्र में जाकर काम कर रही है. लेकिन फिर भी यह वर्कर्स पूरी शिद्दत से स्क्रीनिंग में लगी हुई है.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरिता ने बताया कि घर घर जाकर सर्वे में लगे हुए हैं, जिसमें लोगों से जानकारियां जुटा रहे हैं कि किसी को खांसी, जुकाम या किसी तरह की अन्य बीमारी तो नहीं है. इसके अलावा कोई बाहर से तो नहीं आया है. अभी तक दादाबाड़ी छोटे चौराहे से शुरू होकर हनुमान बस्ती में सर्वे किए जा रहे हैं.

कोटा. शहर के बसंत बिहार के कंटेनमेंट जोन में काम कर रही आशा सहयोगिनियों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का जज्बा कोरोना लॉकडाउन में देखने को मिल रहा है. इनके जिम्मे बसंत विहार और आसपास के क्षेत्र की स्क्रीनिंग का जिम्मा है.

सभी इंतजार कर रहे हैं आशा सहयोगिनी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का, क्योंकि स्क्रीनिंग का काम इनके बगैर एकदम भी आगे नहीं बढ़ सकता. शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में यह आशाएं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कोरोना महामारी से लड़ने के लिए तैयार हैं. जिसने पूरी दुनिया की नाक में दम कर रखा है.

कोटा में घर-घर सर्वे

पढ़ेंः राजस्थान में 450 तबलीगी जमात के लोगों को चिह्नित कर किया गया क्वॉरेंटाइन

यह महिलाएं उस जीरो मोबिलिटी जॉन में थी, जहां शुक्रवार तक कोई बाहर नहीं निकल सकता है. इन टीमों के समवन्य का काम देख रहे डॉक्टर के मुताबिक इस वक्त आशा और आंगनबाड़ी वर्कर्स के सामने दो बड़े चैलेंज है. पहला तो इस तरह की महामारी पहली बार है जिसका पर्याप्त अनुभव नहीं है और दूसरा यह कि अपने क्षेत्र की बजाय दूसरे क्षेत्र में जाकर काम कर रही है. लेकिन फिर भी यह वर्कर्स पूरी शिद्दत से स्क्रीनिंग में लगी हुई है.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरिता ने बताया कि घर घर जाकर सर्वे में लगे हुए हैं, जिसमें लोगों से जानकारियां जुटा रहे हैं कि किसी को खांसी, जुकाम या किसी तरह की अन्य बीमारी तो नहीं है. इसके अलावा कोई बाहर से तो नहीं आया है. अभी तक दादाबाड़ी छोटे चौराहे से शुरू होकर हनुमान बस्ती में सर्वे किए जा रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.