कोटा. जिले से कोचिंग कर रहे बांदा के रहने वाले अमन त्रिपाठी ने ऑल इंडिया रैंकिंग में चौथा स्थान हासिल किया है. बांदा के रहने वाले अमन त्रिपाठी के लिए नीट यूजी 2021 के टॉपर रहे हैं. अमन त्रिपाठी का कहना है कि जब लॉकडाउन के समय ऑनलाइन क्लासेज चल रहीं थीं जिससे उसे सेल्फ स्टडी के लिए ज्यादा समय मिल गया है. अमन का कहना है कि वह दिल्ली एम्स से एमबीबीएस करना चाहता हूं.
नीट यूजी 2021 का परिणाम आज नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने जारी कर दिया है. इसके बाद ऑल इंडिया रैंकिंग भी जारी की गई है, जिसमें कोटा से कोचिंग कर रहे बांदा के रहने वाले अमन त्रिपाठी ने ऑल इंडिया रैंकिंग में चौथा स्थान हासिल किया है. बांदा के अमन त्रिपाठी के लिए नीट यूजी 2021 के टॉपर रहे हैं. अमन 720 में से 716 अंक लेकर आएं हैं. अमन त्रिपाठी का कहना है कि जब लॉकडाउन के समय ऑनलाइन क्लासेज चल रही थीं, तो उसे सेल्फ स्टडी के लिए ज्यादा समय मिल गया है. उसका कहना है कि क्लास में जो भी पढ़ाया जाता था उसमें सबसे कठिन होता था. उसका रिवीजन वह सबसे पहले करता था.
पहले साल नहीं मिला था अच्छा कॉलेज, दूसरे अटेम्प्ट में टॉप कर रचा इतिहास
बीते साल 2020 में भी नेट परीक्षा में अमन त्रिपाठी शामिल हुए थे, लेकिन उनके अच्छी रैंक नहीं बन पाई थी. लेकिन अच्छा कॉलेज उन्हें नहीं मिल पा रहा था. इसलिए उन्होंने फैसला लिया कि वह 1 साल और नीट परीक्षा की तैयारी करेंगे, ताकि अच्छे कॉलेज से एमबीबीएस कर सकें. इसीलिए उन्होंने 1 साल का गैप लेकर और तैयारी की जिसकी बदौलत इस बार टॉप किया.
अमन का कहना है कि वह अपने दैनिक पढ़ाई का लक्ष्य बनाता था. जब इसे पूरा नहीं कर पाता था तो अगले दिन बचे हुए हिस्से को पूरे करने का प्रयास करता था. साथ ही बचे हुए समय में पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों को पढ़ता था. उसे फिजिक्स आसान लगी, क्योंकि उसने मॉड्यूल पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया था. अमन का कहना है कि जो कोचिंग से स्टडी मैटेरियल मिला था वह सफिशिएंट था.
डॉक्टर बनकर लोगों को अच्छा इलाज देना चाहता हूं
अमन ने बताया कि परिवार मूलतः उत्तरप्रदेश के बांदा जिले के अत्रा तहसील में खुरंड गांव से है. गांव में एम्स में पढ़ने वाला संभवतः मैं पहला स्टूडेंट रहूंगा. गांव की आबादी करीब 5 हजार है. स्थानीय स्तर पर अच्छे स्कूल नहीं होने के कारण आठवीं के बाद लखनऊ जाकर पढ़ा. आगे क्या करना है, अभी कुछ तय नहीं है लेकिन एमबीबीएस एम्स दिल्ली से करना चाहता हूं. डॉक्टर बनकर लोगों को अच्छा इलाज उपलब्ध करवाना चाहता हूं. इससे पूर्व एनएसटीएसई में आल इंडिया रैंक 58 प्राप्त की है. अमन के कक्षा 10वीं में 97.2 और 12वीं में 95.8 प्रतिशत अंक आए थे.
पिता शिक्षक और मां गृहणी
परिवार में पिता राजेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी राजकीय स्कूल में शिक्षक हैं, मां मीरा त्रिपाठी गृहिणी हैं. बड़ी बहन राशि इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से एमएससी कर रही है. इसके अलावा ताऊजी के लड़के विनय भइया ने मुझे गाइड किया, मोटिवेट किया. अमन त्रिपाठी ने गत वर्ष नीट में 581 अंक प्राप्त किए थे और बहुत कम मार्जिन से कॉलेज मिलने से रह गया था. इसके बाद दोबारा तैयारी की और इस वर्ष कड़ी मेहनत कर नीट में टॉपर्स में शामिल हुआ. एमबीबीएस के आगे क्या करना है फिलहाल अभी कुछ सोचा नहीं है.