कोटा. जिले में संभागीय आयुक्त कार्यालय के बाहर बुधवार को अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने केंद्र सरकार के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन के तहत विरोध दिवस मनाया. इस दौरान किसान नेताओं ने किसानों और मजदूरों की विभिन्न मांगों को मनवाने के लिए कार्यालय के बाहर दो घंटों तक धरना प्रदर्शन कर संभागीय आयुक्त को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है.
किसान संघर्ष समन्वय समिति के पदाधिकारी दुलीचंद बोरदा ने इस धरने का नेतृत्व किया. जिनका कहना है कि, भाजपा के शासनकाल में किसान और मजदूर के हक को मारा गया है. जिसके लिए आज पूरे देश में एक ही दिन केंद्र सरकार की किसान और मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ उपखंड स्तर से लेकर संभागीय आयुक्त मुख्यालय तक धरने दिए जा रहे हैं. इस देशव्यापी आंदोलन के तहत अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति सरकार से किसानों और मजदूरों के लिए मांग करती है कि, केंद्र सरकार किसानों की संपूर्ण उपज की खरीद की गारंटी दे और फसल खरीद गारंटी का कानून बनाए. साथ ही किसानों के संपूर्ण बैंकों के कर्ज माफ किए जाएं. वहीं, मजदूरों को 200 दिन का गारंटी के साथ रोजगार दिया जाए.
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इसके अलावा उन्होंने मांग की है कि, कोविड-19 के लॉकडाउन से प्रभावित किसानों को तत्काल प्रभाव से 10 हजार की आर्थिक मदद दी जाए. साथ ही लॉकडाउन से प्रभावित किसान मजदूर परिवारों को आगामी छह महीने तक 10 किलो अनाज और अन्य खाद्य राशन सामग्री उपलब्ध करवाई जाए. इन सभी मांगों को लेकर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने प्रधानमंत्री के नाम संभागीय आयुक्त को ज्ञापन सौंपा है.