कोटा. उत्तर प्रदेश के 42 हजार करोड़ों से भी ज्यादा के बाइक बोट घोटाले में सीबीआई से लेकर ईडी और यूपी एसटीएफ की कार्रवाई हो चुकी है. अब कोटा शहर पुलिस ने भी इस मामले में कार्रवाई (UP Bike Boat Scam In Kota) की है. जिसमें जयपुर से सेंट्रल जेल में बंद पांच आरोपियों को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया है. जिन्होंने कोटा में करीब 50 लोगों को इस बाइक बोट घोटाले में निवेश करवा दिया था. जिनसे दो करोड़ से ज्यादा की ठगी की थी.
उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं सभी आरोपीः गुमानपुरा थानाधिकारी लखन लाल मीणा ने बताया कि भीमगंज मंडी निवासी इसरार बैग ने 7 सितंबर 2019 को रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. जिसमें बताया था कि उसके समेत शहर के 40 से 45 निवेशकों के साथ में दो करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी षडयंत्र पूर्वक कर ली है. इस मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों में विजयपाल कसाना, सुनील कुमार प्रजापति, करणपाल सिंह, सचिन भाटी और राजेश भारद्वाज शामिल है. सभी आरोपी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और इन्हें जयपुर सेंट्रल जेल से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया गया है.
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42 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटालाः आपको बता दें कि यूपी के बाइट बोट घोटाले में 42,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला सामने आ चुका है. साथ ही इस मामले में करीब दो लाख से ज्यादा लोगों के साथ में ठगी की गई है. सभी लोगों से बाइक बोट टैक्सी सर्विस के नाम पर एग्रीमेंट कर हजारों रुपए का निवेश करवा लिया. इसके बाद में कंपनी के लोग करोड़ों रुपए हड़प लिए थे. इनके खिलाफ पहले उत्तर प्रदेश और उसके बाद अन्य कई राज्यों में मुकदमे दर्ज हुए हैं.
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इस तरह से लोगों से हड़पे थे लाखों रुपए : बाइक बोट घोटाले में वर्ष 2010 में गर्वित इन्नोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के नाम से एक कंपनी बनाई गई. इस कंपनी ने ही वर्ष 2018 में बाइक बोट स्कीम लॉन्च की. जिसके तहत बाइक टैक्सी की शुरुआत की गई थी. जिसमें की एक व्यक्ति से 61,200 रुपए लिए गए और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस में जोड़ा गया. सभी लोगों से एग्रीमेंट भी कंपनी ने किए. जिसमें उन्हें 1 साल तक 9,500 से ज्यादा रुपए हर माह देने का वादा किया गया था. लेकिन लोगों को यह पैसे नहीं लौटाए गए. इस कंपनी के सभी कर्ता-धर्ता एक-एक करके फरार होते रहे.