कोटा. क्या कभी आपके साथ ऐसा हुआ है. जब नींद खुलते ही आप शमशान पहुंच जाए. आपके पड़ोसी उस शमशान में आपके आस-पास मॉर्निंग वॉक करते नजर आए. भूत-प्रेत और आत्माओं के बीच कोई बुजुर्ग आपकी और बढ़ता नजर आए. कुछ बच्चों के खिलखिलाने की आवाज आपके कानों तक आए, और उस सब के बीच आप चैन से वहां पर घूमते रहे. चौकिए मत क्योंकि आज हम आपको जो बताने और दिखाने जा रहे है उसे जानकर कर आप सन्न रह जाएंगे. ये जो तस्वीरें आप देख रहे हैं, यह किसी पार्क या किसी गार्डन की नहीं हैं बल्कि यह तस्वीरें हैं कोटा शहर के एक श्मशान की हैं.
लेकिन यह शमशान कुछ अलग है यहां पर महिलाएं हर सुबह मॉर्निंग वॉक करने आती हैं. बुजुर्ग यहां योग और प्राणायाम करते नजर आते हैं. बच्चे यहां शाम को खेलते हैं. इस आदर्श मुक्तिधाम की साफ सफाई देखकर यह आपको मंदिर जैसा ही दिख रहा होगा, लेकिन यह सच है कि यह एक श्मशान है जहां हर रोज मुर्दो को जलाया जाता है. जहां हर रोज चीखे सुनाई देती है. लेकिन कभी विरान और खंडहर सी दिखने वाला यह श्मशान जिसके नजदीक जाने से भी लोगों की हलक सूखने लगती थी. आखिर पिछले दो सालो में ऐसा क्या हुआ कि यह श्मशान किसी पार्क और गार्डन से दिखने लगा. जहां स्थानिय लोग वॉक के लिए और बच्चे खेलने के लिए पहुंचते हैं.
आदर्श मुक्तिधाम समिति के लोग कहते हैं कि पहले यहां आने वालों को बहुत परेशानी होती थी, इसको देख कर ही हमने पूरे मुक्तिधाम परिसर को संभाला और उसके बाद देखभाल शुरू की. यहां आने वाले लोगों को बैठने की सीटिंग अरेंजमेंट करवाया गया. मुक्तिधाम में सौंदर्यीकरण करवाया गया है. इसमें शिव प्रतिमा के साथ सोमवारा लगवाया गया है. यहां तक की दरवाजों के कई पुतले भी परिसर में खड़े किए गए. अस्थि संग्रहण कर रखने के लिए भी अलमीरा बनाई गई. वाटर कूलर भी लगाए गए. साथ ही अस्थि चोरी की घटनाओं को देखते हुए और श्मशान की मॉनिटरिंग के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं.
आदर्श मुक्तिधाम को संभाल रहे देव शर्मा कहते हैं कि 2 साल पहले हमने इस मुक्तिधाम को संभालने का बीड़ा उठाया और 2 साल की लगातार मेहनत के बाद आज इस स्थिति में पहुंचे है. पार्क में हर सुबह सफाई करने वाले रघुनंदन विजय कहते है की सुबह 6 से 9 बजे तक हम मुक्तिधाम में सेवा कार्य करते हैं. पार्क की देखभाल के साथ लकड़ियों के स्टॉक को मेंटेन करने का काम भी हम करते हैं.
समिति के दुर्गाप्रसाद अग्रवाल का कहना है कि शहर के अन्य मुक्तिधाम में अस्थि चोरी की घटनाएं सामने आ रही थी, ऐसे में हमने सुरक्षा को देखते हुए पूरे मुक्तिधाम परिसर को सीसीटीवी कैमरे लगावाए हैं...हम हर सुबह आकर सीसीटीवी कैमरे में पिछले दिन की रिकॉर्डिंग देखते हैं...आमतौर पर होता है कि किसी शमशान में लोग जाने से भी कतराते हैं, लेकिन यहां बड़े, बूढ़े, महिलाएं, बच्चे सभी सुबह से शाम तक आप को मिल जाएंगे. यहां आने से कोई डरता नहीं बल्की सुबह होते ही यहां पर लोग योगा, कसरत, मॉर्निंग वॉक करते नजर आते हैं.