कोटा. हाड़ौती संभाग में लगातार बर्ड फ्लू (Bird flu) का खतरा पक्षियों पर मंडराया हुआ है. इससे लगातार मौत की बात सामने आ रही है. कोटा के रामगंजमंडी में भी 25 कबूतरों को बर्ड फ्लू ने जकड़ लिया है और उन्हें मृत अवस्था में होने की सूचना स्थानीय नागरिकों ने पशुपालन विभाग को दी है. यह अधिकांश कबूतर पार्क में ही थे. साथ ही कुछ कौवों के भी शव मिले हैं.
पशुपालन विभाग के अधिकारियों के अनुसार रामगंजमंडी इलाके में 25 कबूतर और नौ कौओं की मौत हुई है. हालांकि पशुपालन विभाग पहले से अलर्ट मोड पर आ गया है. इनमें से कुछ कबूतरों के नमूने लेकर जांच के लिए भोपाल भेजे गए हैं. साथ ही अन्य को डिस्पोजल कर दिया गया है. इससे पहले रामगंजमंडी इलाके में एक कौआ की मौत हुई थी, जिनकी संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है और यह 55 पर पहुंच गई है. पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक कोटा चंपालाल मीणा ने कहा कि भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान की लैब में जांच के लिए नमूने भेजे हैं.
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वहीं दूसरी तरफ कोटा संभाग की बात की जाए तो अब तक 500 से ज्यादा पक्षियों की मौत हो चुकी है. इनमें कौओं, कबूतर, कॉमन डक, और कोयल शामिल हैं. इनमें झालावाड़ और बारां जिले में सर्वाधिक असर देखने को मिल रहा है. रामगंजमंडी भी इन दिनों खतरा बना है.
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पांच दिन पहले भेजे नमूने, नहीं आई रिपोर्ट
पशुपालन विभाग ने 31 दिसंबर को आठ कौओं की कोटा में मौत के बाद ही नमूने लेकर उन्हें जांच के लिए भेजा था. इस बात को पांच दिन होने के बाद भी आज तक कौओं की मौत के मामले की रिपोर्ट उनकी रिपोर्ट नहीं आई है. पशुपालन विभाग उनके इंतजार में है कि इन पक्षियों को एवियन इनफ्लुएंजा (Avian influenza) हुआ है या नहीं. अभी कोई भी अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहा है. विभाग केवल पक्षियों की मौत पर निगरानी बनाए हुए हैं और उनके शवों को डिस्पोजल करवा रहा है. इसमें दूसरे विभागों के कार्मिकों की मदद भी ली जा रही है.
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कोटा जू और बायोलॉजिकल पार्क में भी अलर्ट जारी
कोटा में चिड़ियाघर और अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में भी पक्षियों को रखा हुआ है. ऐसे में उनके परिजनों में दवा का स्प्रे लगातार किया जा रहा है. विजिटर्स ट्रैक पर भी दवा डाली जा रही है. कोटा संभाग के साथ राजस्थान और अन्य प्रदेशों में भी बर्ड फ्लू का संक्रमण का खतरा बना है. इसके चलते वन कर्मियों को भी सतर्कता के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही लगातार गश्त करने और किसी भी पक्षी के बीमारी या मृत होने पर तुरंत सूचना देने के लिए कहा है. साथ ही एहतियात बरतने के भी निर्देश से वन कर्मियों को दिए गए हैं, जिसमें किसी भी घायल या मृत पक्षी के नजदीक जाने के पहले दस्ताने और मास्क का उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं.