कोटा. जेके लोन अस्पताल में सोमवार को फिर एक नवजात की मौत हो गई. बच्ची की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया. परिजन अस्पताल परिसर में ही धरने पर बैठ गए. परिजनों ने बच्ची का शव भी अपने साथ रखा. उनकी अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग है. परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
भीलवाड़ा जिले के मांडलगढ़ निवासी रफीकन का पीहर कोटा जिले के इटावा में है. वह बीते एक-दो महीने से अपने पीहर में ही थी और गर्भवती थी. उसे इटावा रेफर करने के बाद कोटा भेजा गया. कोटा में शुक्रवार को सिजेरियन डिलीवरी से उसने दोपहर 1:00 बजे के करीब बच्ची को जन्म दिया. बच्ची को कुछ देर के लिए जन्म के बाद चिकित्सकों ने वार्मर में रखा. इसके बाद बच्ची की हालत सही बताकर वापस मां रफीकन को सौंप दिया.
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परिजनों ने आरोप लगाया है, कि बच्चे की तबीयत बिगड़ने पर दो-तीन बार शिशु रोग विभाग के चिकित्सकों के पास गए, लेकिन चिकित्सकों ने उसे सही बताते हुए वापस लौटा दिया. जबकि बच्ची लगातार रो रही थी. उसे ऑक्सीजन भी नहीं लगाया. सिर्फ नाक में दवा डालने की बात कहकर उसे वापस भेज दिया. सोमवार सुबह बच्ची ने दूध पीया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई.
रविवार को भी हुई थी एक बच्चे की मौत
रविवार देर रात को भी अस्पताल में उपचार के दौरान एक बच्चे की मौत हुई थी.आपको बता दें, कि जेके लोन अस्पताल में बीते 36 दिनों में मौत का आंकड़ा 112 पहुंच गया है.