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कोटाः जेके लोन अस्पताल में 2 और बच्चों ने दम तोड़ा, 36 दिन में 112 नवजात की मौत

कोटा के जेके लोन अस्पताल में नवजात की मौत का सिलसिला नहीं थम रहा है. रविवार रात को एक नवजात ने दम तोड़ दिया था. वहीं सोमवार को भी एक और बच्ची की मौत हो गई. नवजात की मौत से परिजन भड़क गए और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ हंगामा किया.

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जेके लोन अस्पताल में 2 और बच्चों की मौत
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Published : Jan 6, 2020, 12:13 PM IST

Updated : Jan 6, 2020, 12:27 PM IST

कोटा. जेके लोन अस्पताल में सोमवार को फिर एक नवजात की मौत हो गई. बच्ची की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया. परिजन अस्पताल परिसर में ही धरने पर बैठ गए. परिजनों ने बच्ची का शव भी अपने साथ रखा. उनकी अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग है. परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

जेके लोन अस्पताल में 2 और बच्चों की मौत

भीलवाड़ा जिले के मांडलगढ़ निवासी रफीकन का पीहर कोटा जिले के इटावा में है. वह बीते एक-दो महीने से अपने पीहर में ही थी और गर्भवती थी. उसे इटावा रेफर करने के बाद कोटा भेजा गया. कोटा में शुक्रवार को सिजेरियन डिलीवरी से उसने दोपहर 1:00 बजे के करीब बच्ची को जन्म दिया. बच्ची को कुछ देर के लिए जन्म के बाद चिकित्सकों ने वार्मर में रखा. इसके बाद बच्ची की हालत सही बताकर वापस मां रफीकन को सौंप दिया.

पढ़ेंः नवजातों पर कहर कब तक: मैप के जरिए जाने राजस्थान में कहां कितनी हुई मौतें

परिजनों ने आरोप लगाया है, कि बच्चे की तबीयत बिगड़ने पर दो-तीन बार शिशु रोग विभाग के चिकित्सकों के पास गए, लेकिन चिकित्सकों ने उसे सही बताते हुए वापस लौटा दिया. जबकि बच्ची लगातार रो रही थी. उसे ऑक्सीजन भी नहीं लगाया. सिर्फ नाक में दवा डालने की बात कहकर उसे वापस भेज दिया. सोमवार सुबह बच्ची ने दूध पीया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई.

रविवार को भी हुई थी एक बच्चे की मौत

रविवार देर रात को भी अस्पताल में उपचार के दौरान एक बच्चे की मौत हुई थी.आपको बता दें, कि जेके लोन अस्पताल में बीते 36 दिनों में मौत का आंकड़ा 112 पहुंच गया है.

कोटा. जेके लोन अस्पताल में सोमवार को फिर एक नवजात की मौत हो गई. बच्ची की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया. परिजन अस्पताल परिसर में ही धरने पर बैठ गए. परिजनों ने बच्ची का शव भी अपने साथ रखा. उनकी अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग है. परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

जेके लोन अस्पताल में 2 और बच्चों की मौत

भीलवाड़ा जिले के मांडलगढ़ निवासी रफीकन का पीहर कोटा जिले के इटावा में है. वह बीते एक-दो महीने से अपने पीहर में ही थी और गर्भवती थी. उसे इटावा रेफर करने के बाद कोटा भेजा गया. कोटा में शुक्रवार को सिजेरियन डिलीवरी से उसने दोपहर 1:00 बजे के करीब बच्ची को जन्म दिया. बच्ची को कुछ देर के लिए जन्म के बाद चिकित्सकों ने वार्मर में रखा. इसके बाद बच्ची की हालत सही बताकर वापस मां रफीकन को सौंप दिया.

पढ़ेंः नवजातों पर कहर कब तक: मैप के जरिए जाने राजस्थान में कहां कितनी हुई मौतें

परिजनों ने आरोप लगाया है, कि बच्चे की तबीयत बिगड़ने पर दो-तीन बार शिशु रोग विभाग के चिकित्सकों के पास गए, लेकिन चिकित्सकों ने उसे सही बताते हुए वापस लौटा दिया. जबकि बच्ची लगातार रो रही थी. उसे ऑक्सीजन भी नहीं लगाया. सिर्फ नाक में दवा डालने की बात कहकर उसे वापस भेज दिया. सोमवार सुबह बच्ची ने दूध पीया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई.

रविवार को भी हुई थी एक बच्चे की मौत

रविवार देर रात को भी अस्पताल में उपचार के दौरान एक बच्चे की मौत हुई थी.आपको बता दें, कि जेके लोन अस्पताल में बीते 36 दिनों में मौत का आंकड़ा 112 पहुंच गया है.

Intro:नवजात बच्ची की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया और वह अस्पताल परिसर में ही धरने पर बैठ गए हैं. उनके साथ बच्ची का शव भी मौजूद है और वह अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. इन लोगों का आरोप है कि चिकित्सकों की लापरवाही के चलते ही बच्चे की मौत हुई है.


Body:कोटा.
कोटा के जेके लोन अस्पताल में आज फिर एक नवजात बच्चे की मौत का मामला सामने आया है. नवजात बच्ची की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया और वह अस्पताल परिसर में ही धरने पर बैठ गए हैं. उनके साथ बच्ची का शव भी मौजूद है और वह अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. इन लोगों का आरोप है कि चिकित्सकों की लापरवाही के चलते ही बच्चे की मौत हुई है.

जानकारी के अनुसार मूलतः भीलवाड़ा जिले के मांडलगढ़ निवासी रफीकन पत्नी शाकिर का पीहर कोटा जिले के इटावा में है. वह बीते एक-दो महीने से अपने पीहर में ही थे और गर्भवती थी उसे इटावा रेफर कर कोटा भेज दिया. जहां पर गत शुक्रवार को सिजेरियन डिलीवरी से उसने दोपहर 1:00 बजे के करीब बच्ची को जन्म दिया. बच्ची को कुछ देर के लिए जन्म के बाद चिकित्सकों ने वार्मर में रखा. उसके बाद उसे सही बताते हुए वापस गायनी वार्ड में भर्ती रफीकन को ही सौंप दिया.


Conclusion:परिजनों ने आरोप लगाया है कि वह बच्चे की तबीयत बिगड़ने पर दो-तीन बार शिशु रोग विभाग के चिकित्सकों के पास गए, लेकिन चिकित्सकों ने उसे सही बताते हुए वापस लौटा दिया जबकि बच्ची लगातार रोही रो रही थी. उसके ऑक्सीजन भी नहीं लगाया. केवल नाक में दवा डालने की बात कहकर उसे वापस भेज दिया. आज सुबह जब बच्ची ने दूध पिया उसके बाद में उसकी मौत हो गई. आपको बता दें कि जेके लोन अस्पताल में बीते 36 दिनों में मौत का आंकड़ा 112 पहुंच गया है. कल देर रात को भी एक बच्चे की मौत अस्पताल में उपचार के दौरान हुई थी.

बाइट का क्रम
बाइट-- पप्पु ख़ान, मृतक नवजात के मामा
बाइट-- नौरीन, मृतक नवजात की मामी
Last Updated : Jan 6, 2020, 12:27 PM IST
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