जोधपुर. बढते कोरोना संक्रमण के साथ साथ उद्योगों में उत्पादन प्रक्रिया शुरू करने को लेकर हो रहे प्रयासों के चलते कुछ उद्योग का संचालन शुरू हुआ है, लेकिन इस बीच नए सरकारी आदेश ने उद्यमियों की परेशानी बढा दी है.
नए आदेश के मुताबिक उद्योगों के श्रमिकों को हर 15 दिन में कोविड टेस्ट करवाना होगा. जिससे कोरोना संक्रमण को रोका जा सके, लेकिन इस फरमान ने उद्यमियों की चिंता बढा दी है क्योंकि बमुश्किल लंबे अंतराल के बाद श्रमिक वापस लौटने लगे हैं. ऐसे में हर 15 दिन बाद जांच होती है तो मजदूरों में भय व्याप्त होगा. क्योंकि कोरोना पॉजिटिव आने के बाद क्वॉरेंटाइन में रहने से उसके परिवार पर भी संकट खडा हो जाएगा.
लघु उद्योग भारती के प्रदेशाध्यक्ष घनश्याम ओझा ने बताया कि ये आदेश लागू होता है तो निश्चित तौर पर जो उद्योग शुरू हुए हैं उनको धक्का लगेगा. क्योंकि उद्योगपतियों ने खुद साधन भेज कर श्रमिकों को बुलाया है और उनके लिए व्यवस्थाएं भी की है, लेकिन इस नए आदेश से श्रमिक काम पर लौटने से कतराएंगे. हालांकि एक बार श्रमिक जांच करवाने को तैयार है, लेकिन हर 15 दिन में जांच के नाम के डर से वो काम पर नहीं आएंगे, जिसका सीधा असर उत्पादन पर पडेगा. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से उबरते हुए अब उत्पादन 20 फीसदी तक पहुंच गया है.
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गौरतलब है कि हाल ही में आईसीएमआर ने नई गाइडलाइन जारी करते हुए निर्देश दिए हैं कि दुकानदार श्रमिकों और ऐसे लोग जिनका लोगों के साथ कांटेक्ट ज्यादा होता है उनकी जांच अनिवार्य रूप से की जाए इसके बाद से यह विवाद शुरू हुआ है.