जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में स्व प्रेरणा से प्रसंज्ञान लेकर प्रदेश भर में नारी निकेतनों की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए निर्देश दिये थे. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता एवं न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान इस संबंध में बुधवार को एएजी फरजंद अली ने 28 जनवरी 2021 के आदेशों की पालना में तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश की.
रिपोर्ट में बताया गया कि आदेश की सकारात्मक रूप से अगली सुनवाई तक पालना करते हुए प्रदेश के सभी नारी निकेतनों में स्मार्ट टीवी लगाने का कार्य पूरा हो जायेगा. स्मार्ट टीवी लगाए जाने से वहां आने वाली महिलाओं की शिक्षा में सहयोग मिल पाएगा. सुनवाई के दौरान न्यायालय के समक्ष बुधवार को संज्ञान में एक गंभीर मुद्दा लाया गया कि नारी निकेतन जोधपुर में 33 में से 29 महिलाएं किसी न किसी प्रकार की मानसिक समस्या से ग्रस्त हैं. ऐसे में उनकी देखभाल के लिए एक एएनएम तैनात है जो कि केवल आठ घंटे ड्यूटी करती है उसके बाद वहां के अधीक्षक व स्टाफ के भरोसे ही इन महिलाओं को रहना पड़ता है जो कि चिकित्सा स्थिति के चलते अच्छी नहीं है.
ऐसे में एएजी मनीष व्यास को निर्देश दिये हैं कि वो एमडीएम अस्पताल जोधपुर के अधीक्षक से समन्वय करें और पीड़ित महिलाओं से निपटने के लिए प्रशिक्षित महिला काउंसलर को वहां विजिट करने के लिए भेजे ताकि मानसिक समस्याओं से ग्रस्त महिलाओं का उपचार हो सके. वहीं राज्य सरकार को निर्देश दिये हैं कि इन संस्थानों में खाली पदों को भरने के लिए कदम उठाए जाएं. अब याचिका पर अगली सुनवाई 03 सितम्बर 2021 को होगी.