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जोधपुर: स्कूली बच्चों के विवाद में निष्पक्ष जांच के लिए पुलिस कमिश्नर से मिले ग्रामीण - Villagers meet police commissioner

पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत आने वाले निकटवर्ती चावंडा ग्राम में गत दिनों हुए एक स्कूली विवाद के बाद एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर ताबड़तोड़ तीन मुकदमे दर्ज करवा दिए. जिनमें अनुसूचित जाति जनजाति से जुड़ी धाराएं भी शामिल की गई हैं. इसके विरोध में ग्राम वासियों ने सोमवार को पुलिस कमिश्नर जोस मोहन से मिलकर मामले की निष्पक्ष जांच करने की गुहार लगाई. अपनी बात रखने के लिए ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल बड़ी संख्या में कमिश्नर कार्यालय पहुंचा और कमिश्नर जोस मोहन से मुलाकात की.

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स्कूली बच्चों के विवाद में निष्पक्ष जांच के लिए पुलिस कमिश्नर से मिले ग्रामीण...
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Published : Mar 15, 2021, 6:53 PM IST

जोधपुर. पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत आने वाले निकटवर्ती चावंडा ग्राम में गत दिनों हुए एक स्कूली विवाद के बाद एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर ताबड़तोड़ तीन मुकदमे दर्ज करवा दिए. जिनमें अनुसूचित जाति जनजाति से जुड़ी धाराएं भी शामिल की गई हैं. इसके विरोध में ग्राम वासियों ने सोमवार को पुलिस कमिश्नर जोस मोहन से मिलकर मामले की निष्पक्ष जांच करने की गुहार लगाई. अपनी बात रखने के लिए ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल बड़ी संख्या में कमिश्नर कार्यालय पहुंचा और कमिश्नर जोस मोहन से मुलाकात की.

स्कूली बच्चों के विवाद में निष्पक्ष जांच के लिए पुलिस कमिश्नर से मिले ग्रामीण...

पढ़ें: शिक्षिका से दुर्व्यवहार मामले में RLP विधायकों ने वेल में आकर जताया विरोध

ग्रामीणों का कहना था कि स्कूली छात्रों का आपसी विवाद था, जिसे वहां कार्यरत शिक्षक पूरा राम मेघवाल ने जातीय रूप दे दिया. जबकि, सभी ग्रामीणों ने बैठकर तय किया था कि बच्चों की लड़ाई और बात को यहीं खत्म किया जाएगा. लेकिन, शिक्षक ने छात्रों को भड़का कर मुकदमा दर्ज करवाएं. छात्रों के अलावा ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए गए, जो बिल्कुल गलत है. ज्ञापन देने आए ग्रामीणों का कहना था कि मुकदमों में आरोप लगाया गया है कि ग्रामीणों ने शिक्षक और बच्चों को पीटा गया और उन्हें पुलिस ने बचाया. जबकि, पुलिस कह रही है कि हमने किसी को नहीं बचाया. ग्रामीणों ने कहा कि कुछ लोग अपने स्वार्थ के चलते लोगों को आपस में लड़ा कर गांव की शांति खराब कर रहे हैं.

जोधपुर. पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत आने वाले निकटवर्ती चावंडा ग्राम में गत दिनों हुए एक स्कूली विवाद के बाद एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर ताबड़तोड़ तीन मुकदमे दर्ज करवा दिए. जिनमें अनुसूचित जाति जनजाति से जुड़ी धाराएं भी शामिल की गई हैं. इसके विरोध में ग्राम वासियों ने सोमवार को पुलिस कमिश्नर जोस मोहन से मिलकर मामले की निष्पक्ष जांच करने की गुहार लगाई. अपनी बात रखने के लिए ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल बड़ी संख्या में कमिश्नर कार्यालय पहुंचा और कमिश्नर जोस मोहन से मुलाकात की.

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ग्रामीणों का कहना था कि स्कूली छात्रों का आपसी विवाद था, जिसे वहां कार्यरत शिक्षक पूरा राम मेघवाल ने जातीय रूप दे दिया. जबकि, सभी ग्रामीणों ने बैठकर तय किया था कि बच्चों की लड़ाई और बात को यहीं खत्म किया जाएगा. लेकिन, शिक्षक ने छात्रों को भड़का कर मुकदमा दर्ज करवाएं. छात्रों के अलावा ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए गए, जो बिल्कुल गलत है. ज्ञापन देने आए ग्रामीणों का कहना था कि मुकदमों में आरोप लगाया गया है कि ग्रामीणों ने शिक्षक और बच्चों को पीटा गया और उन्हें पुलिस ने बचाया. जबकि, पुलिस कह रही है कि हमने किसी को नहीं बचाया. ग्रामीणों ने कहा कि कुछ लोग अपने स्वार्थ के चलते लोगों को आपस में लड़ा कर गांव की शांति खराब कर रहे हैं.

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