जोधपुर. जोधपुर शहर व जिले में में सोमवार शाम से शुरू हुआ मानूसन की बारिश का सिलसिला अभी तक जारी है (heavy downpour in Jodhpur). जुलाई माह में अब तक मौसम विभाग ने 17 जुलाई 1943 को 194 एमएम सर्वाधिक दर्ज किया था. जोधपुर स्थित सिंचाई विभाग की वर्षामापी ने सोमवार शाम से मंगलवार शाम तक 224.6 एमएम बारिश दर्ज की है. इसी तरह से कलेक्ट्रेट के कंट्रोलरूम में 185 एमएम व मौसम विभाग ने 123 एमएम बारिश दर्ज की है. तीनों कार्यालय शहर में अलग अलग जगह स्थित हैं इसलिए हमेशा अलग अलग आंकड़े दर्ज होते हैं.
मंगलवार रात से भी शहर के अलग अलग हिस्सों व गांवों में बारिश का दौर अभी जारी है. जिसके चलते डूब क्षेत्र व निचले क्षेत्र की कॉलोनियो में पानी अभी तक भरा हुआ है (heavy downpour in Jodhpur). इनमें खास तौर से बीजेएस क्षेत्र स्थित न्यूरूपनगर, सुल्तान नगर व इससे जुड़ी कॉलोनियां हैं. न्यू रूपनगर घुटने से लेकर सीने तक पानी भरा है. इधर लगातार हो रही अतिवृष्टि को ध्यान रखते हुए जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थान पर रहे. कलेक्टर ने आज भी शहर के कई हिस्सों का जायजा लिया. वे भीतरी शहर में रानीसर पदमसर भी पहुंचे. जहां लोग सरोवरों के भरने के बाद पूजा अर्चना कर रहे हैं.
पानी निकालने वाले पंप भी डूबे: सुल्तान नगर के बाद नजदीक की नट बस्ती में पानी भर गया. न्यू रूपनगर में सबसे ज्यादा बारिश का पानी इकट्ठा हो गया है. यहां पांच से छह फीट पानी भर गया. जिसके लिए मंगलवार को निगम ने दो पंप लगाए. लेकिन रात को हुई बारिश के बाद पंप भी डूब गए. जिन्हें दुबारा चालू करने के लिए ठेकेदार ने ही मना कर दिया. इसके बाद दूसरे पंप मंगवाने की कवायद शुरू की गई है. रूपनगर में हालात विकट है. डूब क्षेत्र होने से यहां लोगों के घरों में पानी भरा हुआ है. स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिल रही है. पंप डूब गए हैं. तीन दिन से परेशान हैं. बच्चों के खाने पीने के सामान का भी संकट हो गया है.
दो दिन में 80 फीसदी बारिश: इस बार जुलाई में मानसून देरी से जोधपुर में सक्रिय हुआ. अगर पिछले दो दिनों में बारिश नहीं होती तो जुलाई में औसत से कम पानी होता है. मौसम विभाग के अनुसार शहर में जुलाई में अब तक 231.2 मिली बारिश हो चुकी है. जबकि जिले में बारिश का औसत 278.1 मिमी है. इस हिसाब से अब तक 83 प्रतिशत पानी बरस चुका है. जुलाई माह में अधिकतम बारिश 1990 में 365 एमएम हुई थी. जिले के नदी नाले सब उफान पर
शहर की तरह ही जिले के ओसियां तिंवरी फलोदी के आस पास के नदी नाले सभी उफान पर हैं. ओसियां क्षेत्र में धोरों में बहता पानी किसी समुद्र का एहसास दिला रहा है. फलोदी में एक तालाब टूटने की भी सूचना है. जोधपुर के नजदीक बहने वाली बरसाती नदी जोजरी में भी पानी उफान पर है. सांगरिया क्षेत्र में ये पानी सड़क के ऊपर से बह रहा है.
इंदिरा रसोई से भोजन: कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने बताया कि लोगों की सुविधा के लिए कंट्रोल रूम चल रहे हैं. वहां आने वाली शिकायत पर तुरंत काम हो रहा हे. हम इंदिरा रसोई के माध्यम से खाना भी जरूरतमंदों तक पहुंचा रहे हैं. इसके अलावा निगम के अधिकारी भी जुटे हैंं. उन्होंने बताया कि देर रात को मकान ढहने के हादसे के घायलों का उपचार चल रहा है.
अभी जारी है बारिश का दौरः शहर के साथ साथ गांवों में भी बारिश का दौर जारी है. जिसके चलते जगह जगह पर सड़कें बह गई है. रास्तों में लोग फंस रहे हैं. लोहावट इलाके में एक निजी बस ड्राइवर ने बहते हुए पानी में डाल दी जिस पर बस में सवार 20 सवारियों की जान आफत में आ गई. लोहावट उपखंड अधिकारी प्रमोद सीरवी ने बताया कि फलोदी से लोहावट की तरफ जाने वाली एक निजी बस लोहावट से 2 किलोमीटर पहले गोस्वामी पेट्रोल पंप के पास पानी के तेज बहाव चल रहा था. मना करने के बाद भी चालक बस ले गया. पानी में गड्ढे के कारण बस अनियंत्रित होकर फंस गई. सूचना मिलने पर हमारी टीम के साथ मौके पर जाकर 20 सवारियों को रेस्क्यू कर बाहर निकाल बस को रवाना किया. इसी तरह से भोपालगढ़ क्षेत्र में भी बस फंस गई. जिसके यात्रियों को लोगों ने बाहर निकाला.
रेल पटरियां बहीः जिले में भारी बारिश के चलते रेल यातायात प्रभावित है. कुछ ट्रेनों को फलोदी के रास्ते निकाला जा रहा है. लेकिन इस बीच लोहावट स्टेशन के पास तेज पानी के बहाव से पटरियो के नीचे से रेत बह गई. जिसके बाद रेलवे ने मौके पर अपनी टीम भेजी है. लोहावट और शैतान सिंह नगर के बीच तेज बहाव के चलते पटरियां हवा में झूल गई. पूरे क्षेत्र में लगातार बारिश होने से नदी नाले उफान पर हैं. इसी तरह से कई जगह पर जिले में बांध क्षतिग्रस्त होने की भी सूचना है.