जोधपुर. बॉलीवुड स्टार सलमान खान के खिलाफ झूठा शपथ पत्र पेश कर अदालत को गुमराह करने के मामले में ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ जिला एवं सत्र न्यायालय जोधपुर जिला की अदालत में सुनवाई हुई. जिसमें राज्य सरकार की ओर से पेश दो अपीलों पर मंगलवार को सुनवाई पूरी होने के साथ ही आदेश के लिए 11 फरवरी की तारीख मुकरर्र की गई है.
काला हिरण शिकार और अवैध हथियार मामले में ट्रायल के दौरान सलमान खान की ओर से अवैध हथियारों के लाइसेंस को लेकर शपथ पत्र पेश किया गया था कि उनके हथियारों का लाइसेंस गुम हो गया है. जबकि अभियोजन का कहना था कि लाइसेंस गुम होने की बजाय पुलिस कमिश्नर मुम्बई के कार्यालय में नवीनीकरण के लिए जमा करवाया हुआ था. अभियोजन की ओर से झूठा शपथपत्र पेश करने का आरोप लगाते हुए सीजेएम ग्रामीण की अदालत में CRPC की धारा 340 के तहत दो प्रार्थना पत्र पेश किए गए थे.
दोनों ही प्रार्थना पत्रों को तत्कालीन सीजेएम जोधपुर ग्रामीण अंकित रमन ने 17 जून 2019 को खारिज करते हुए सलमान को राहत दी थी. जिसके खिलाफ अभियोजन पक्ष की ओर से जिला एवं सत्र न्यायाधीश जोधपुर जिला राघवेन्द्र काछवाल की अदालत में दोनों ही मामलों में अपील पेश की गई थी. सरकार की ओर से लोक अभियोजक लादाराम विश्नोई ने 06 फरवरी को बहस पूरी कर ली थी.
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वहीं मंगलवार को सलमान के अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने बहस पूरी करने के साथ न्यायिक दृष्टान्त पेश किए. उन्होंने अदालत को बताया कि सलमान खान की ऐसी कोई मंशा नही थी कि जानबूझकर झूठ बोले. घर पर लाइसेंस की तलाश करने पर नहीं मिला तो उन्होंने गुम होने का शपथ पत्र पेश कर दिया. यह इतना बड़ा अपराध नहीं है क्योंकि इससे राज्य सरकार को कोई नुकसान कारित नहीं होता है. यह एक मानवीय भूल है. ऐसे में अधीनस्थ अदालत ने भी दोनों प्रार्थना पत्रों को खारिज कर दिया था. ऐसे में अपीलो में भी सलमान खान को राहत दी जाए.