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वैक्सीन ही सुरक्षा कवच, जोधपुर में कोरोना से 40 दिन में 53 मौतें...23 ने नहीं लगवाया था टीका

जोधपुर में बीते 40 दिनों में कोरोना से 53 मौतें (53 deaths in 40 days due to corona in Jodhpur) हुई हैं. हालांकि इस बार कोरोना उन्हीं के लिए जानलेवा साबित हो रहा है जिन्होंने या तो वैक्सीन नहीं लगवाई है या फिर ऐसे मरीज जो अन्य गंभीर बामीरी से ग्रस्त हैं उनके लिए कोरोना घातक साबित हो रहा है. ऐसे में वैक्सीन ही कोरोना से बचाव का उपाय (only vaccine can protect from corona) है. चिकित्सकों का कहना सभी जल्द से जल्द वैक्सीन लगवाएं ताकि इस महामारी से बच सकें.

वैक्सीन ही सुरक्षा कवच
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Published : Feb 10, 2022, 6:37 PM IST

Updated : Feb 10, 2022, 6:49 PM IST

जोधपुर. जिले में बीते चालीस दिनों में कोरोना के मामले तेजी से बढे़ और अब घट भी रहे हैं. हालांकि इस बार गत वर्ष की तरह हालात बेकाबू नहीं हुए, फिर भी बुजुर्गों के लिए कोरोना परेशानी भरा रहा. खास तौर ऐसे बुजुर्ग जिन्हें क्रॉनिकल बीमारियां डायबिटीज, कैंसर, बीपी, हार्ट डिजीज रहीं. इनमें भी ऐसे बुजुर्ग जिन्होंने कोरोना का टीका नहीं लगवाया उनके लिए तो ये महामारी काल साबित हुई.

जोधपुर के अस्पतालों में इन चालीस दिनों में 53 मौतें (53 deaths in 40 days due to corona in Jodhpur) हुईं हैं. इनमें 80 फीसदी 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के थे. यह क्रम चल भी रहा है. हर दूसरे-तीसरे दिन इक्का-दुक्का मौत हो रही है. मरने वालों में 23 ऐसे थे जिन्होंने वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगवाई थी, जबकि 7 ऐसे थे जिन्होंने सिंगल डोज ही लगवाई थी. बीस जन ऐसे भी कोरोना की भेंट चढ़े जो दोनों टीके लगवा चुके थे अन्य गंभीर बीमारियों के कारण उनकी मौत हो गई. स्वास्थ्य विभाग के उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रीतम सिंह के अनुसार जो बुजुर्ग अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं और जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई है वे तुरंत टीका लगवाएं. वैक्सीनेशन बहुत ही आवश्यक (only vaccine can protect from corona) है.

पढ़ें. Rajasthan Corona Update : प्रदेश में मिले 3,728 नए कोरोना मरीज, 17 संक्रमितों की हुई मौत

लहर का असर कम फिर भी मौतें
इस बार कोरोना वायरस का प्रभाव कम रहा है. वायरस के म्यूटेंट होने से यह माइल्ड हुआ है. हालांकि दिसंबर से तीसरी लहर का असर सामने आया है. ओमीक्रोन की वजह से रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी थी. जनवरी में यह बजुर्गों के लिए परेशानी बनने लगी. विशेषज्ञों का मामना है कि बुजुर्गों और नॉन कम्युनिकेबल डिजीज से ग्रसित मरीजों को लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. कोरोना पॉजिटिव होने के बाद अन्य बीमारियों से ग्रस्त मरीज उसके लिए परेशानी खड़ी कर सकती है.

पढ़ें. Rajasthan Schools Reopening Update 2022: कोरोना संकट के कारण 38 दिन बाद क्लास रूम में रौनक, बच्चे दिखे उत्साहित... बोर्ड परीक्षा की तैयारी में जुटे

बढ़ रहे बच्चों के मामले
जोधपुर में स्कूल खुलने के बाद से स्वास्थ्य विभाग विद्यालयों में रैंडम सैंपलिंग करवा रहा है जिसमें 12 से 18 वर्ष की उम्र के बच्चे पॉजिटिव पाए जा रहे हैं. उनको आइसोलेशन में रखा जा रहा है. उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के अनुसार राहत की बात यह है कि बच्चों में किसी तरह का गंभीर लक्षण नहीं होता है. तीन से पांच दिनों में बच्चे ठीक भी हो जा रहे हैं. ​बच्चों का टीकाकरण भी तेज गति से किया जा रहा है.

जोधपुर. जिले में बीते चालीस दिनों में कोरोना के मामले तेजी से बढे़ और अब घट भी रहे हैं. हालांकि इस बार गत वर्ष की तरह हालात बेकाबू नहीं हुए, फिर भी बुजुर्गों के लिए कोरोना परेशानी भरा रहा. खास तौर ऐसे बुजुर्ग जिन्हें क्रॉनिकल बीमारियां डायबिटीज, कैंसर, बीपी, हार्ट डिजीज रहीं. इनमें भी ऐसे बुजुर्ग जिन्होंने कोरोना का टीका नहीं लगवाया उनके लिए तो ये महामारी काल साबित हुई.

जोधपुर के अस्पतालों में इन चालीस दिनों में 53 मौतें (53 deaths in 40 days due to corona in Jodhpur) हुईं हैं. इनमें 80 फीसदी 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के थे. यह क्रम चल भी रहा है. हर दूसरे-तीसरे दिन इक्का-दुक्का मौत हो रही है. मरने वालों में 23 ऐसे थे जिन्होंने वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगवाई थी, जबकि 7 ऐसे थे जिन्होंने सिंगल डोज ही लगवाई थी. बीस जन ऐसे भी कोरोना की भेंट चढ़े जो दोनों टीके लगवा चुके थे अन्य गंभीर बीमारियों के कारण उनकी मौत हो गई. स्वास्थ्य विभाग के उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रीतम सिंह के अनुसार जो बुजुर्ग अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं और जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई है वे तुरंत टीका लगवाएं. वैक्सीनेशन बहुत ही आवश्यक (only vaccine can protect from corona) है.

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लहर का असर कम फिर भी मौतें
इस बार कोरोना वायरस का प्रभाव कम रहा है. वायरस के म्यूटेंट होने से यह माइल्ड हुआ है. हालांकि दिसंबर से तीसरी लहर का असर सामने आया है. ओमीक्रोन की वजह से रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी थी. जनवरी में यह बजुर्गों के लिए परेशानी बनने लगी. विशेषज्ञों का मामना है कि बुजुर्गों और नॉन कम्युनिकेबल डिजीज से ग्रसित मरीजों को लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. कोरोना पॉजिटिव होने के बाद अन्य बीमारियों से ग्रस्त मरीज उसके लिए परेशानी खड़ी कर सकती है.

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बढ़ रहे बच्चों के मामले
जोधपुर में स्कूल खुलने के बाद से स्वास्थ्य विभाग विद्यालयों में रैंडम सैंपलिंग करवा रहा है जिसमें 12 से 18 वर्ष की उम्र के बच्चे पॉजिटिव पाए जा रहे हैं. उनको आइसोलेशन में रखा जा रहा है. उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के अनुसार राहत की बात यह है कि बच्चों में किसी तरह का गंभीर लक्षण नहीं होता है. तीन से पांच दिनों में बच्चे ठीक भी हो जा रहे हैं. ​बच्चों का टीकाकरण भी तेज गति से किया जा रहा है.

Last Updated : Feb 10, 2022, 6:49 PM IST

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