जोधपुर.उम्मेद क्लब की सदस्यता से टर्मिनेट किए जाने को चुनौती देने वाले सदस्यों को कोर्ट से राहत नहीं मिली है (Umed Club Members Termination Row). उन्हें क्लब में बहाल करवाने की याचिका एडीजे ने खारिज कर दी है. इसे क्लब के लिए बड़ी राहत मानी जा रही है. इस मामले में अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या दो प्रवीण कुमार मिश्रा ने सुनवाई की.
प्रार्थी अनिल भंसाली (पूर्व अध्यक्ष),अशोक माहेश्वरी (पूर्व उपाध्यक्ष), विनय कवाड (पूर्व सचिव) और मोतीचंद जैन (पूर्व कोषाध्यक्ष) ने अप्रार्थीगण उम्मेद क्लब और सीआर भंसाली (सचिव, उम्मेद क्लब) के विरूद्ध प्रार्थना पत्र अन्तर्गत आदेश 39 नियम 1 व 2 सपठित धारा 151 व्यवहार प्रक्रिया संहिता, 1908 के तहत पेश किया था. जिसमें उम्मेद क्लब द्वारा प्रार्थीगणों के टर्मिनेशन आदेश को चुनौती देते हुए उनकी सदस्यता बहाल करने को लेकर पक्ष रखा गया.
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अप्रार्थीगण की ओर से अधिवक्ता मुक्तेश माहेश्वरी और ओपी मेहता ने पक्ष रखा और प्रार्थीगणों के सदस्यता टर्मिनेशन को उचित ठहराया. अप्रार्थीगण के अधिवक्ताओं ने कहा कि इनके कार्यकाल के दौरान कई प्रकार की वित्तीय अनियमितताएं उजागर होने पर टर्मिनेशन किया गया. प्रार्थीगण ने अप्रार्थी उम्मेद क्लब के संविधान के प्रावधानों का उल्लघंन किया है और अप्रार्थीगण ने क्लब के संविधान के प्रावधानों के तहत प्रार्थीगण की सदस्यता को टर्मिनेट करने का निर्णय लिया. इस स्टेज पर जब प्रार्थीगण के सदस्यता के टर्मिनेशन की वैधता का प्रश्न ही मूल वाद में निर्णित होना शेष है तो उनके सदस्यता टर्मिनेशन को बहाल किये जाने से अप्रार्थी क्लब को अपूर्णनीय क्षति होगी. कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद प्रार्थीगण की ओर से पेश प्रार्थना पत्र को खारिज करते हुए उम्मेद क्लब को बडी राहत दी.