जोधपुर. जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के निवर्तमान छात्र संघ अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी समेत विश्वविद्यालय प्रशासन ने तीन छात्रों को सस्पेंड कर दिया है. विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर डॉक्टर सुरेश सांखला ने आदेश जारी करते हुए रविंद्र सिंह भाटी, ट्विंकल कवर और चिराग सिंह भाटी को आगामी आदेशों तक सस्पेंड कर दिया है.
बता दें, विश्वविद्यालय में गुरुवार को निवर्तमान छात्र संघ अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी के नेतृत्व में फीस बढ़ोतरी के विरोध में छात्रों की ओर से प्रदर्शन किया गया था. इस दौरान विश्वविद्यालय के केंद्रीय कार्यालय के पास कुलपति कार्यालय के पास बने राधा कृष्ण हॉल में विश्वविद्यालय के कुलपति रजिस्ट्रार सहित तमाम प्रोफेसरों की मीटिंग चल रही थी, उसी समय प्रदर्शन करते करते रविंद्र सिंह भाटी सहित तमाम छात्र मीटिंग हॉल में घुस गए और वहां पर जोरदार हंगामा और प्रदर्शन किया और फीस बढ़ोतरी का विरोध किया. जिसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मामले में सख्ती बरतते हुए छात्रसंघ अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी सहित तीन छात्रों को सस्पेंड कर दिया.
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जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर डॉक्टर सुरेश सांखला ने आदेश जारी करते हुए रविंद्र सिंह भाटी, ट्विंकल कवर और चिराग सिंह भाटी को आगामी आदेशों तक सस्पेंड कर दिया है. विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से छात्रों की आगामी परीक्षाओं को लेकर बैठक का आयोजन किया जा रहा था. इस दौरान छात्रों ने मीटिंग के दौरान हॉल में आकर हंगामा किया जो कि राज कार्य में बाधा है, जिसके चलते विवि प्रशासन ने यह कदम उठाया है. साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने साफ तौर पर कहा कि इस तरह का वातावरण विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से सहन नहीं किया जाएगा.
यह है मामला
गुरुवार को विश्वविद्यालय में छात्रसंघ अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी के नेतृत्व में छात्रों की ओर से फीस माफ करने सहित अन्य मुद्दों पर प्रदर्शन किया गया था. छात्रों का कहना था कि करीब 2 साल से कॉलेज बंद पड़े हैं, उसके बावजूद भी विश्वविद्यालय प्रशासन सभी छात्रों से गेम, वेलफेयर, लाइब्रेरी, डेवलपमेंट के नाम पर फीस ले रहा है, जो कि वर्तमान समय में उपयोग में नहीं आ रहीं. इन सभी फीस को विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से छात्रों को रिफंड किया जाना चाहिए.
साथ ही छात्र संघ अध्यक्ष की ओर से ज्ञापन में बताया गया कि जब छात्रों को प्रमोट कर दिया गया है, तो उसके बाद भी एग्जामिनेशन फॉर्म की फीस छात्रों से क्यों ली जा रही है. इसी के साथ साथ विद्यालय प्रशासन की ओर से लेट फीस के नाम पर 7 गुना तक फीस भी वसूली जा रही है. ऐसे में ग्रामीण परिवेश से जुड़े छात्र छात्राओं का विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से फीस के नाम पर शोषण किया जा रहा है.