अलवर : जिले के किसानों एवं युवाओं के लिए खुशी की खबर है. जल्द ही अलवर कृषि उपजमंडी परिसर में इनक्यूबेशन सेंटर शुरू होगा, जिससे किसानों को अपनी उपज के उचित दाम मिल सकेंगे और युवा यहां प्रशिक्षित नए स्टार्टअप शुरू कर रोजगार कर सकेंगे. साथ ही अन्य लोगों को भी रोजगार मुहैया करा सकेंगे. अलवर मंडी में इनक्यूबेशन सेंटर का भवन बनकर तैयार है. अब केवल इस इनक्यूबेशन सेंटर के शुरू होने का इंतजार है. प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग अपग्रेडेशन योजना के तहत इनक्यूबेशन सेंटर का निर्माण कराया गया है.
अलवर जिले में लाल प्याज, टमाटर, सरसों, बाजरा आदि फसलों का बहुतायत में उत्पादन होता है. इस कारण कई बार किसानों को इन उपज का मंडी में उचित भाव नहीं मिल पाता और कोई विकल्प नहीं होने से उन्हें कई बार अपनी उपज लागत मूल्य से भी नीचे भाव पर बेचने को मजबूर होना पड़ता है. प्याज, टमाटर आदि फसलों का लंबे समय तक भंडारण करना संभव नहीं हो पाता, जिससे किसानों को इनकी उपज मंडी में मिलने भाव पर ही बेचने की मजबूरी होती है. सरकार ने किसानों की इसी समस्या के निराकरण के लिए इनक्यूबेशन सेंटर का निर्माण कराया है.
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उत्पादों की दी जाएगी ट्रेनिंग : प्याज मंडी के संरक्षक अभय सैनी ने बताया कि इनक्यूबेशन सेंटर में प्याज, टमाटर एवं बाजरे से बनाए जाने वाले विभिन्न उत्पादों की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं, युवाओं और किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस सेंटर पर युवाओं को सीधे तौर पर रोजगार भी मिल सकेगा. इनक्यूबेशन सेंटर में बाजरे की कुकीज़ व आटा, प्याज के फ्लेक्स और पाउडर, टमाटर केचअप, प्यूरी व अन्य उत्पाद तैयार किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि इनक्यूबेशन सेंटर में आधुनिक मशीन लगाई जाएगी. इन उत्पादों की गुणवत्ता की जांच होगी. इसके लिए सेंटर में फूड टेस्टिंग लैब स्थापित की जाएगी. इन उत्पादों की पैकिंग भी की जाएगी.
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उद्यमियों को दी जाएगी मदद : प्याज मंडी के संरक्षक अभय सैनी ने बताया कि इनक्यूबेशन सेंटर एक ऐसा संस्थान है, जहां नए कारोबार शुरू करने वाले उद्यमियों को मदद उपलब्ध कराई जाती है. इनक्यूबेशन सेंटर में उद्यमियों को संसाधन, सलाह के जरिए सफल होने में मदद की जाती है. इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने का उद्देश्य है कि युवा यहां आएं और सीखें, फिर खुद ऐसे सेंटर लगाकर स्टार्टअप शुरू करें. इस सेंटर पर प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं को प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा, जिससे वे बैंकिंग संस्थाओं से लोन लेकर ऐसे सेंटर स्थापित कर सकें.