जोधपुर. एनडीपीएस के मामले में झुठा फंसाने का मामला अब सर्वोच्च न्यायालय पहुच गया है, जहां सर्वोच्च न्यायालय ने व्यक्तिगत उपस्थिति पर अंतरिम रोक लगाते हुए दस्तावेज पेश करने के निर्देश दिये हैं.
अधिवक्ता कर्मेन्द्र सिंह व शेखर मेवाड़ा ने बताया कि परिवादी हरदीप के भतीजे पवन कुमार की फर्म की ओर से उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में याचिका पेश की गई थी. सर्वोच्च न्यायालय के तीन न्यायाधीशों की पीठ जिसमें न्यायाधीश संजय किशन कौल, न्यायाधीश दिनेश माहेश्वरी व न्यायाधीश ऋषिकेश रॉय ने व्यक्तिगत उपस्थिति पर अग्रिम जांच तक फिलहाल रोक लगा दी है और फिलहाल सिर्फ दस्तावेज प्रस्तुत करने के आदेश दिये है.
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मामला श्रीगंगानगर पुलिस का है, जिसने नशीली ट्रामाडोल की गोलियों को लेकर एक मामला दर्ज किया था. परिवादी ने अपने आप को इसमें झूठा फंसाने का बताया. यहा तक कि एफआईआर में भी उसका नाम नहीं था. इसके लिए रिश्वत की मांग करने पर थानाधिकारी राजेश कुमार सियाग सहित तीन लोगों को एसीबी ने इस मामले में रंगे हाथों गिरफ्तार भी किया था.